BPSC Success Story: बिहार के किसान का बेटा बना कल्याण पदाधिकारी, जानें उनकी संघर्ष की कहानी

BPSC Success Story: बिहार के समस्तीपुर जिले के गंगापुर प्रखंड में एक किसान का बेटा जिसने मुश्किल परिस्थितियों से गुजरते हुए पाई बीपीएससी परीक्षा में सफलता, कहानी जानकर रह जाएंगे हैरान.

By Pushpanjali | October 9, 2024 4:08 PM
an image

BPSC Success Story: कहते हैं कि अगर किसी इंसान में किसी लक्ष्य को प्राप्त करने का जुनून हो तो वह उसे किसी भी हाल में प्राप्त कर के ही मानता है. ऐसे बच्चे जिनमें जुनून होता है कि वह जीवन में कुछ बड़ा करें और अपने घर की परिस्थिति को बेहतर बनाएं, उन्हें दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक पाती. आज हम आपको ऐसी ही एक कहानी बताने वाले हैं बिहार के समस्तीपुर जिले के गंगापुर प्रखंड के रहने वाले बैजू पासवान के बारे में जिन्होंने 68वीं बीपीएससी परीक्षा को पास कर कल्याण पदाधिकारी का पद हासिल किया. इनके संघर्ष की कहानी आपको प्रेरित करेगी और जीवन में कुछ बड़ा करने के लिए मोटिवेट करेगी.

पिता गांव में करते हैं खेती

बता दें, कि बैजू पासवान के पिता खोनी पासवान गंगापुर गांव में एक किसान थे, वह किसी तरह खेती कर अपने परिवार का पालन पोषण करते थे. अपने पिता के संघर्ष को देखते हुए बैजू ने ये ठान लिया था कि वह किसी भी हालत में एक दिन प्रशासनिक सेवा में जाकर रहेगा, और इसके लिए उसने 10वीं पास करते ही तैयारी शुरू कर दी थी.

Also Read: BPSC Success Story: कोचिंग के नहीं थे पैसे, खुद की मेहनत से बिहार की बेटी 20 साल की उम्र में बनीं DSP

इन लोगों का सदा रहा साथ

बैजू अपनी सफलता के पीछे कई लोगों को श्रेय देते हैं जैसे कि उनके माता पिता, शिक्षक और उनके दोस्त. बता दें कि वह बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे और उनके दोस्त हमेशा पढ़ाई के प्रति उन्हें प्रेरित करते थे. उन्होंने मैट्रिक की परीक्षा पास करने के तुरंत बाद ये निर्णय ले लिया था कि उन्हें प्रशासनिक सेवा में जाना है, और वह इसके लिए तैयारी में लग गए. 12वीं पास कर्जे के बाद ही उनका चयन प्राथमिक शिक्षक के पद पर हो गया था लेकिन वह अपनी इस नौकरी से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं थे, अभी भी उनका सपना है कि वह बीपीएससी में और भी बेहतर रैंक लाएं और अच्छी पोस्ट हासिल करें. बता दें कि इन नौकरियों के अलावा भी बैजू का सिलेक्शन कई और नौकरियों के लिए हुआ था लेकिन उनका हमेशा एक कदम बढ़ते रहने का जज्बा आज तक रुका नहीं है.

Also Read: Success Story: बचपन में उठ गया पिता का साया…मां ने दिन-रात मेहनत करके पढ़ाया, आज बेटा बन गया आईएएस

Exit mobile version