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बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा का रिजल्ट जारी, कितनी होगी सैलरी, BPSC चेयरमैन ने बताया आगे क्या होगा?

बीपीएससी अध्यक्ष ने कहा कि हमने शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित करना शुरू कर दिया है. सभी सफल उम्मीदवारों का ज्वाइनिंग के समय दस्तावेज सत्यापन होगा. इसके लिए सभी सफल उम्मीदवारों को बीपीएससी पोर्टल पर राजपत्रित अधिकारियों द्वारा विधिवत सत्यापित सभी अपेक्षित प्रमाणपत्र अपलोड करने होंगे.

बिहार के उच्च माध्यमिक विद्यालयों (कक्षा 11वीं और 12वीं ) में शिक्षक नियुक्ति के लिए बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) द्वारा ली गई परीक्षा का रिजल्ट निकलना शुरू हो गया है. मंगलवार को सबसे पहले आयोग की वेबसाइट bpsc.bih.nic.in पर हिंदी विषय का रिजल्ट जारी किया गया. इसी के साथ चयनित अभ्यर्थियों के जिला आवंटन की सूची भी जारी की गई. वहीं इसके बाद आयोग के चेयरमैन अतुल प्रसाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर रिजल्ट को लेकर कुछ जानकारी साझा की. उन्होंने बताया कि चयनित शिक्षक अभ्यर्थियों को काउंसिलिंग के दौरान उन सभी दस्तावेजों की कॉपी प्रस्तुत करनी होगी जो आयोग द्वारा वेबसाइट पर अपलोड की जाएगी.

ज्वाइनिंग के समय होगा दस्तावेज सत्यापन

बीपीएससी अध्यक्ष ने कहा कि हमने शिक्षक भर्ती परीक्षा का परिणाम घोषित करना शुरू कर दिया है. इस परीक्षा के सभी सफल उम्मीदवारों का ज्वाइनिंग के समय दस्तावेज सत्यापन होगा. अभ्यर्थियों को प्रशासी विभाग के द्वारा निर्घारित तिथि और स्थल पर आयोजित काउंसलिंग के दौरान उन सभी दस्तावेजों की कॉपी प्रस्तुत करनी होगी जो आयोग के वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं. आयोग के वेबसाइट से डाउनलोड किये गये ऐसे प्रमाण पत्रों की कॉपी पर स्वत: रजिस्ट्रेशन सहित आयोग का वाटर मार्क लगा होगा.

काउंसलिंग में प्रस्तुत करना होगा वाटरमार्क अंकित प्रमाण पत्र

ऐसे सफल अभ्यर्थी जिन्होंने अपना कोई प्रमाणपत्र या दस्तावेज बीपीएससी के साइट पर अपलोड नहीं किया हो. वो अपने डॉक्युमेंट्स राजपत्रित पदाधिकारी से सत्यापित करा कर शिक्षा विभाग के द्वारा निर्धारित तिथि के दौरान आयोग के वेबसाइट पर उसे अपलोड करेंगे. इसके बाद उन्हें उस प्रमाणपत्र को फिर से डाउनलोड करना पड़ेगा. ऐसे डाउनलोड प्रमाणपत्र पर आयोग का वाटरमार्क अंकित होगा जिसे प्रशासी विभाग के द्वारा आयोजित काउंसलिंग में प्रस्तुत करना पड़ेगा. ऐसा नहीं करने वाले अभ्यर्थियों का रिजल्ट रद्द हो जायेगा.

आयोग की वेबसाइट क्रैश

अतुल प्रसाद ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि शिक्षक भर्ती परीक्षा के परिणाम आज से शुरू होकर चरणों में घोषित किए जा रहे हैं. लेकिन भारी भीड़ के कारण आयोग की वेबसाइट क्रैश हो रही है. उन्होंने आगे बताया कि आज कोई पीआरटी परिणाम नहीं है, इसलिए ऐसे उम्मीदवारों को हमारी वेबसाइट पर जाने की आवश्यकता नहीं है.

बचे हुए विषय का रिजल्ट दो दिन में हो सकता है घोषित

आयोग के वेबसाइट पर अब तक हिंदी, अंग्रेजी, संस्कृत, बांग्ला और उर्दू विषय का परिणाम जारी कर दिया गया है. 10 और विषयों को रिजल्ट भी तैयार है जो आयोग की सहमति मिलने के साथ ही एनआइसी को भेज दिया जायेगा. शेष बचे 28 विषयों का भी रिजल्ट तैयार करने का काम चल रहा है जिसके तैयार होने के बाद आयोग के सदस्यों की स्वीकृति के बाद उसे भी एनआइसी को भेज दिया जायेगा. बचे हुए सभी विषयों का रिजल्ट दो दिन के अंदर घोषित होने की संभावना है.

कट ऑफ में भी की गयी कमी

बीपीएससी ने अपने वेबसाइट पर सूचना जारी कर कहा है कि कुल रिक्ति या कुल अभ्यर्थी जिनकी भी संख्या कम है उनके 75 फीसदी तक अभ्यर्थियों के चयन के लिए न्यूनतम कट ऑफ (अहर्तांक) में जितनी भी जरूरी थी, उतनी कमी की गयी है. इस संदर्भ में आयोग की बैठक में रिजल्ट तैयार होने से पहले ही निर्णय ले लिये गये थ. बता दें कि अनारक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को परीक्षा में पास होने के लिए न्यूनतम 40 फीसदी, पिछड़ा वर्ग का 36.5 फीसदी, अत्यंत पिछड़ा वर्ग का 34 फीसदी और महिला, दिव्यांग, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति का 32 फीसदी अंक लाना था. जिसमें कमी की गयी है.

कितना होगा वेतन

  • कक्षा 1 से 5: मूल वेतन 25,000 रुपये, ग्रॉस सैलरी 44,130 रुपये

  • कक्षा 6 से 8 : मूल वेतन 28,000 रुपये, ग्रॉस सैलरी 49,050 रुपये

  • कक्षा 9 और 10 : मूल वेतन 31,000 रुपये, ग्रॉस सैलरी 53,970 रुपये

  • कक्ष 11 और 12: मूल वेतन 32,000 रुपये, ग्रॉस सैलरी 55,610 रुपये

हिंदी में पास हो गये सभी 525 अभ्यर्थी

हिंदी में 3221 रिक्तियां थी जिनमें से 823 अनारक्षित और शेष विभिन्न आरक्षण श्रेणी के थे. लेकिन आवेदकों की संख्या महज 525 होने के कारण बीपीएससी ने सभी का रिजल्ट अनारक्षित श्रेणी में ही दे दिया.

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दिव्यांगता जांच होगी अनिवार्य

प्रशासी विभाग द्वारा सभी दिव्यांग अभ्यर्थियों की दिव्यांगता जांच आइजीआइएमएस, एम्स या अन्य सक्षम मेडिकल काॅलेज हॉस्पिटल में कराई जायेगी चाहे वे सामान्य कोटि में ही क्यों न उतीर्ण हुए हों. ऐसा इसलिए किया जायेगा क्योंकि दिव्यांगता के आधार पर उन्हें परीक्षा में अतिरिक्त समय का लाभ दिया गया था. जांच के दौरान उनके दिव्यांगता का दावा सही नहीं पाये जाने पर या सरकार द्वारा निर्धारित दिव्यांगता से कम होने पर उसे कदाचार मानते हुए उनका रिजल्ट स्वत: रद्द कर दिया जायेगा और उन्हें दोषी मानते हुए विधि सम्मत कार्रवाई की जायेगी.

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