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नेशनल स्टैंडर्ड एग्जामिनेशन इन एस्ट्रोनोमी का 95 अंक तक रह सकता है कटऑफ

एनएसईए में भौतिकी और एस्ट्रोनोमी से 38 सवाल पूछे गए थे, जबकि गणित से 22 सवाल थे. इसका कटऑफ 90 से 95 अंक तक रहने की उम्मीद है. केमेस्ट्री ओलंपियाड (एनएसईसी) में फिजिकल केमेस्ट्री से 25, ऑर्गेनिक केमेस्ट्री से 20 और इन ऑर्गेनिक केमेस्ट्री से 15 सवाल पूछे गए थे.

पटना : नेशनल स्टैंडर्ड एग्जामिनेशन इन एस्ट्रोनोमी (एनएसईए), नेशनल स्टैंडर्ड एग्जामिनेशन इन केमेस्ट्री (एनएसईसी), नेशनल स्टैंडर्ड एग्जामिनेशन इन बॉयोलोजी (एनएसईबी) और नेशनल स्टैंडर्ड एग्जामिनेशन इन फिजिक्स (एनएसईपी) 2022-23 संपन्न हो गया. पूर्वोत्तर भारत की अग्रणी शिक्षण संस्थान मेंटर्स एडुसर्व के विशेषज्ञों ने परीक्षा में पूछे गए सवाल का गहनता से विश्लेषण किया. संस्थान के निदेशक और भौतिकी के जानेमाने शिक्षक आनंद कुमार जायसवाल के मुताबिक चारों पेपर्स में पूर्व की तरह मध्यम दर्जे का सवाल पूछा गया था.

एनएसईए और गणित कटऑफ 90 से 95 अंक रहने की उम्मीद

मीडिया से बातचीत के दौरान आनंद जायसवाल ने बताया कि एस्ट्रोनोमी ओलंपियाड (एनएसईए) में भौतिकी और एस्ट्रोनोमी से 38 सवाल पूछे गए थे, जबकि गणित से 22 सवाल थे. इसका कटऑफ 90 से 95 अंक तक रहने की उम्मीद है. केमेस्ट्री ओलंपियाड (एनएसईसी) में फिजिकल केमेस्ट्री से 25, ऑर्गेनिक केमेस्ट्री से 20 और इन ऑर्गेनिक केमेस्ट्री से 15 सवाल पूछे गए थे. इसका कटऑफ 100 से 105 अंक तक रहने की संभावना है.

216-216 अंकों के चारों पेपर

उन्होंने कहा कि बायोलोजी ओलंपियाड (एनएसईबी) में बॉटनी से 20 और जूलॉजी से 40 प्रश्न पूछे गए थे. इसका कटऑफ 85 से 90 अंक तक रहने की संभावना है. फिजिक्स ओलंपियाड (एनएसईपी) का कटऑफ 95 से 100 के बीच संभावित है. चारों पेपर 216-216 अंकों का था. उन्होंने बताया कि यह परीक्षा 11वीं और 12वीं तक के बच्चे देते हैं, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी सवाल थोड़ा एडवांस था. इसलिए इसकी तैयारी में थोड़ा एडवांस पढ़ना पड़ता है. उन्होंने बताया कि परीक्षा का रिजल्ट एक से डेढ़ माह में आ जाने की उम्मीद है.

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बच्चों को गतिमान बनाए रखता है ओलंपियाड

उन्होंने ओलंपियाड या नेशनल स्टैंडर्ड एग्जामिनेशन की उपयोगिता व उद्देश्य की चर्चा करते हुए कहा कि इस तरह की परीक्षाएं बच्चों को गतिमान बनाए रखता है. स्कूल विद्यार्थियों को पता चलता रहता है कि उनकी बोर्ड के लिए तैयारी कैसी चल रही है, उन्हें कहा और मेहनत की आवश्यकता है. बच्चों को खुद का मजबूत पक्ष भी मालूम चल पाता है. यह परीक्षा स्कूली बच्चों आत्मविश्वास और उमंग का भी संचार करता है.

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