Career in Law: लॉ की पढ़ाई में हैं करियर की भरमार, विशेषज्ञ से जानें सरकारी से लेकर कॉरपोरेट तक के ऑपशन
career in law: लॉ एक ऐसा सेक्टर बनकर उभरा है जिसमें कई दूसरे कॅरियर विकल्प जुड़ रहे हैं. एक ही डिग्री से कई दूसरे विकल्प हासिल हो रहे हैं और लॉ ग्रेजुएट के पास संभावनाओं का बड़ा क्षेत्र तैयार है.
Career in Law: लॉ एक ऐसा सेक्टर बनकर उभरा है, जिसमें पारंपरिक वकालत के साथ कई दूसरे कॅरियर विकल्प जुड़ रहे हैं. एक ही डिग्री से कई दूसरे विकल्प हासिल हो रहे हैं और लॉ ग्रेजुएट के पास संभावनाओं का बड़ा क्षेत्र तैयार है. पिछले 10 सालों से लाखों बच्चों को लॉ ग्रेडुएट्स बनाने वाले और उनका करियर सवांरने वाले अभिषेक गुजन से हमने लॉ के फील्ड में करियर और उसकी संभावनाओं पर बात की. अभिषेक ने लॉ के करियर में बारे में बात करते हुए कहा कि इसमें कॉरपोरेट वकील, कानूनी सलाहकार, जुडिशरी और सिविल सर्विसेज, मीडिया और प्रकाशन, कंपनी सचिव, गैर सरकारी संस्थाओं में नौकरी जैसे कॅरियर विकल्प हो सकते हैं. एक ही डिग्री करने के बाद इन सभी क्षेत्रों में एक साथ काम कर सकते हैं. जरूरी नहीं है कि आप किसी एक संस्था से जुड़कर ही काम करें. सेवाओं के बदले फीस का विकल्प हमेशा मौजूद रहता है.
कॅरियर विकल्प
Career in Law: कॉरपोरेट वकील में करियर
आप लॉ की पढ़ाई करके कॉर्पोरेट वकील बन सकते हैं. आज के समय में ज्यादातर कंपनियों में कॉर्पोरेट वकील होते हैं. कॉर्पोरेट वकील कंपनियों की ओर से सभी लेनदेन को अपनी इन-हाउस लीगल टीम या कॉरपोरेट लॉ फर्मों के हिस्से के रूप में संभालते हैं. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एक सभ्य लॉ फर्म से शुरू होने वाला एक फ्रेशर सालाना लगभग 12 से 14 लाख रुपये के बीच शुरुआती दौर में कमाई कर कर सकता है.
Career in Law: कानूनी सलाहकार
एक कानूनी सलाहकार का काम एक बड़े निगम या एक संगठन के साथ ही एक ग्राहक को कानूनी सलाह देना है. सलाहकार की जिम्मेदारी एग्रीमेंट्स तैयार करना, बातचीत करना, कॉर्पोरेट कानूनों का पालन करवाना और कर्मचारियों के साथ ही मैनेजमेंट से जुड़े विवादों में सलाह देना होता है. एक कानूनी सलाहकार बनने के लिए, उम्मीदवार को बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा जारी ‘सर्टिफिकेट ऑफ प्रैक्टिस’ के साथ एक योग्य वकील होना चाहिए और उस क्षेत्र विषय में कुछ अनुभव भी जरुरी होता है, जिसमें वह कानूनी सलाह देता है.
Career in Law: ज्युडिशियरी और सिविल सर्विसेज
न्यायिक सेवाओं (ज्यूडिशियल सर्विस) में प्रवेश के लिए राज्य अनुसार परीक्षा आयोजित की जाती है. जो जज बनकर टेबल के दूसरी तरफ से चीजों को देखना चाहते हैं. वे ज्यूडिशियल सर्विस एग्जाम के लिए तैयारी कर सकते हैं. अभिषेक ने कहा कि मैं आपको सलाह दूंगा कि 1-2 साल के अनुभव प्राप्त के बाद इन परीक्षाओं में बैठें. ये देश की विभिन्न प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है. इसके लिए आपको अच्छे से तैयारी करना होगी.
Career in Law: कंपनी सचिव
कंपनी सचिवों या कंपनी सेक्रेटरी को कंपनी चलाने के अहम पहलुओं के साथ-साथ कानूनी मामलों की अच्छी समझ होनी चाहिए. बीए एलएलबी जैसी लॉ की डिग्री वाले छात्रों के पास कंपनी सेक्रेटरी बनने का बेहतरीन विकल्प होते हैं. उम्मीदवारों को सीएस में एक सर्टिफिकेट कोर्स करना होता है. जिसकी पढ़ाई केवल इंडियन कंपनी सेक्रेटरी इंस्टीट्यूट करवाता है.यह विकल्प केवल उन उम्मीदवारों के लिए मान्य है, जो कॉर्पोरेट दुनिया में शामिल होना चाहते हैं.
Career in Law: सामाजिक कार्य का विकल्प
गैर-सरकारी संगठनों में बड़ी संख्या में लॉ स्नातक वाले शामिल हैं।यदि आप सामाजिक-कानूनी मुद्दों के बारे में भावुक हैं, तो यह आपके लिए सही अवसर है।एक NGO और सिविल सोसाइटी संगठनों के साथ पर्यावरण संरक्षण, लिंग संबंधी चिंताओं, जातिगत भेदभाव, रोजगार, काम करने की स्थिति पर आदि मुद्दों पर काम कर सकता है। लॉ स्कूल के स्नातकों को संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों आदि के साथ काम करने का अवसर प्रदान होता हैं।
Career in Law: लिटिगेशन में बनाएं करियर
इन कई विकल्पों के बीच एक और विकल्प लिटिगेशन (मुकदमेबाज़ी) का है। एक कानून स्नातक के लिए वकील एक पारंपरिक करियर पथ के रुप में आता है। वकील बनने के लिए ग्रेजुएट को एक परीक्षा देनी होती है, जो बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा आयोजित की जाती है। यह हर साल में दो बार आयोजित किया जाता है। ये परीक्षा विश्लेषणात्मक कौशल और कानून के बुनियादी ज्ञान पर आधारित है।
बेसिक क्वालिफिकेशन के लिए अच्छे संस्थान में नामांकन लें
वैसे तो तमाम लॉ संस्थान हैं जो एलएलबी के कोर्स का संचालन करते हैं. विद्यार्थी अपनी सुविधा से कहीं भी नामांकन ले सकते हैं. देश में कुछ संस्थान ऐसे हैं, जो लॉ प्रोफेशनल के तौर पर कॅरियर बनाने में बेहतर मदद करते हैं. इसके लिए राष्ट्रीय विधि संस्थानों में नामांकन के लिए कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (क्लैट) का आयोजन किया जाता है. क्लैट एक राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा है. यह परीक्षा प्रत्येक वर्ष राष्ट्रीय लॉ संस्थानों मे से किसी एक संसथान के द्वारा आयोजित करायी जाती है. इस राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा के माध्यम से योग्य अभ्यर्थियों को नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के इंटीग्रेटेड एलएलबी व एलएलएम जैसे पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिया जाता है. एनएलयू के अलावा अभ्यर्थी देश के कई सरकारी और निजी लॉ कॉलेज में भी क्लैट स्कोर के आधार पर प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं.
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