CBSE Board exam 2024: सीबीएसई की नई गाइडलाइन से मिलेगा इन छात्रों को फायदा, जानें क्या है पूरा नियम

कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा 13 मार्च और कक्षा 12 की 2 अप्रैल को समाप्त होगी.इस गाइडलाइन से डायबिटिक स्टूडेंट्स को बहुत फायदा मिलेगा और वे शुगर लेवल ड्रॉप होने के खतरे से बच सकेंगे. आइये जानते है कि ये नई गाइडलाइन क्या है और छात्रों को इससे कैसे फायदा होता है.

By Neha Singh | February 11, 2024 8:34 AM

सीबीएसई बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा अगले हफ्ते से शुरू होने वाली है. सीबीएसई 15 फरवरी से देशभर में कक्षा 10, 12 की बोर्ड परीक्षा शुरू करेगा. परीक्षा शुरू होने से पहले सीबीएसई ने बोर्ड परीक्षा देने वाले छात्रों को बड़ी राहत दी है. सीबीएसई ने छात्रों के लिए एक बड़ा फैसला किया है. इस नियम के लागू होने के बाद बोर्ड की परीक्षा देने वाले छात्र जो डायबिटीज के शिकार हैं,उन्हें इससे बहुत राहत मिलेगी.कक्षा 10 की बोर्ड परीक्षा 13 मार्च और कक्षा 12 की 2 अप्रैल को समाप्त होगी.इस गाइडलाइन से डायबिटिक स्टूडेंट्स को बहुत फायदा मिलेगा और वे शुगर लेवल ड्रॉप होने के खतरे से बच सकेंगे. आइये जानते है कि ये नई गाइडलाइन क्या है और छात्रों को इससे कैसे फायदा होता है.

मिलेगी राहत

ये नियम उन स्टूडेंट्स के लिए काफी लाभदायक है, जिन्हें टाइप वन डायबिटीज है. बोर्ड ने अपनी नीतियों में बड़ा बदलाव करते हुए ऐसे स्टूडेंट्स को एग्जाम हॉल में मेडिकल इक्विपमेंट्स, स्नैक्स आदि ले जानी की छूट दे दी है.ऐसे छात्र अपने साथ ग्लूकोमीटर, शुगर स्ट्रिप्स या ऐसा कोई भी मेडिकल का जरूरत का सामान ले जा सकते हैं जिनकी जरूरत उन्हें डायबिटीज मैनेज या मॉनिटर करने के लिए पड़ती है.एग्जाम्स में कई बार स्ट्रेस लेवल बढ़ने और बच्चों के ठीक से ना खाने-पीने के कारण शुगर लेवल घट जाते हैं. ऐसे बच्चों को इसकी चिंता परीक्षा के साथ अलग से लगी रहती हैं. सीबीएसई के इस फैसले से इन्हें राहत मिलेगी. ये अपने साथ कैंडी, ग्लूकोमीटर, स्नैक्स वगैरह ले जा सकते हैं.

जान लें नियम

जिन बच्चों को इस राहत का फायदा उठाना है, ऐसे स्टूडेंट्स के पैरेंट्स को एक अंडरटेकिंग देनी होगी कि उनका बच्चा केवल मेडिकल या जरूरत की चीजें हॉल में ले जा रहा है, उसमें कोई कम्यूनिकेटिंग डिवाइज या कोई आपत्तिजनक चीज नहीं है. जिस सेंटर पर बच्चे की परीक्षा है, वहां के सुपरिटेंडेंट को एक दिन पहले इसे लेकर एप्लीकेशन के माध्यम से सूचना देनी होगी.अपने साथ क्या-क्या सामान ला रहे हैं इसके बारे में भी बताना होगा. कैंडिडेट्स ग्लूकोमीटर से लेकर, चॉकटेल, कैंडी या फल ये सभी कुछ एक ट्रांसपैरेंट बैग में कैरी कर सकते हैं. इसके साथ ही वे 500 एमएल तक की वॉटर बॉटल जो ट्रांसपैरेंट हो उसे भी अपने साथ रख सकते हैं. नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट सबमिट करने के दौरान इन स्टूडेंट्स की लिस्ट दी जानी चाहिए.

रजिस्ट्रेशन के समय इस बात का जिक्र जरूरी है.ऐसे छात्रों को परीक्षा से पहले हर दिन कम से कम 45 मिनट पहले आना होगा. छात्र पंजीकरण या एलओसी जमा करते समय यह जानकारी देंगे कि वे टाइप-1 मधुमेह से पीड़ित हैं. छात्रों को बोर्ड परीक्षाओं में सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए पोर्टल पर कुछ दस्तावेज अपलोड करने होंगे, जिसमें परीक्षा के दौरान सीजीएम/एफजीएम/इंसुलिन पंप के लिए चिकित्सा विशेषज्ञ की सिफारिशें आदि शामिल हैं.

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इन चीजों को ले जाने की है अनुमति

  • चीनी की गोलियां

  • चॉकलेट,कैंडी

  • केला, सेब, संतरा जैसे फल

  • स्नैक आइटम जैसे सैंडविच और कोई भी उच्च प्रोटीन आहार

  • डॉक्टर के प्रिस्क्रिप्शन के अनुसार आवश्यक दवाएं

  • पानी की बोतल (500 मिली)

  • ग्लूकोमीटर और ग्लूकोज परीक्षण स्ट्रिप्स

  • ग्लूकोज मॉनिटरिंग (सीजीएम) मशीन

  • फ्लैश ग्लूकोज मॉनिटरिंग (एफजीएम) मशीन और इंसुलिन पंप

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