सेंटर फॉर सोशल एंड एनवायरमेंटल रिसर्च की शोध पत्रिका का नया वेबसाइट लॉन्च, शोधार्थियों को होगा फायदा
सेंटर फॉर सोशल एंड एनवायरमेंटल रिसर्च की शोध पत्रिका द बायोब्रियो के 10 वर्ष पूरे होने के अवसर पर उनके नए वेबसाइट को लॉन्च किया गया. इससे शोधार्थियों को काफी आसानी होगी.
Center for Social and Environmental Research: पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य कर रहे सेंटर फॉर सोशल एंड एनवायरमेंटल रिसर्च की शोध पत्रिका द बायोब्रियो के 10 वर्ष पूरे होने के अवसर पर उनके नए वेबसाइट को लॉन्च किया गया. उल्लेखनीय हो कि द बायो ब्रियो लाइफ साइंस के क्षेत्र में एक त्रैमासिक, अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका है. www.thebiobrio.in नए वेबसाइट के माध्यम से शोधार्थी को अपने शोध को पत्रिका में प्रकाशित करने एवं संबंधित विषय के शोध पत्र को खोजने में आसानी होगी.
के ओ कॉलेज गुमला के वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ प्रसनजीत मुखर्जी होंगे मुख्य संपादक
अब इस शोध पत्रिका के मुख्य संपादक के ओ कॉलेज गुमला के वनस्पति विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ प्रसनजीत मुखर्जी होंगे. विश्वविद्यालय वनस्पति विज्ञान विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ ज्योति कुमार रहे अब वे पत्रिका के एक्जीक्यूटिव एडिटर्स के रूप में अपना योगदान देंगे. अन्य एक्जीक्यूटिव एडिटर्स के रूप में डॉक्टर टीके घोष, डॉक्टर शंभू नाथ मिश्रा (आई एफ पी) एवं डॉक्टर सूतानू लाल बोंदया एसकेएमयू दुमका अपना योगदान दे रहे हैं. डॉक्टर रितेश पत्रिका के प्रबंधकिय संपादक एवं रवि राहुल सिंह कंपोजर हैं.
शोध पत्र प्रकाशित कराने के लिए एक बेहतर प्लेटफार्म
डॉ प्रसनजीत मुखर्जी ने बताया कि सेंटर फॉर सोशल एंड एनवायरमेंटल रिसर्च एक पंजीकृत संस्थान है जो 2014 से शोध पत्रिका का प्रकाशन शोधार्थी, विद्यार्थियों एवं वैज्ञानिकों को अपने शोध पत्र प्रकाशित कराने के लिए एक बेहतर प्लेटफार्म साबित हुआ है. पत्रिका में देश-विदेश के विभिन्न संस्थानों के 200 से ज्यादा शोध पत्र प्रकाशित की गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाता है. यही कारण है कि एजेंसियों में इसे इंपैक्ट किया वर्तमान में एस जेआरएफ के द्वारा इंपैक्ट 8.16 दिया गया है जो एक बेहतर मानक है.
शोध पत्रिका बढ़ाने में इनका है योगदान
सेंटर फॉर सोशल एंड एनवायरमेंटल रिसर्च के सचिव डॉक्टर अनिल कुमार गुप्ता, कोषाध्यक्ष नीलय कुमार सिंह, रवि राहुल सिंह, डॉ सुमित पाठक, पीयूष कुमार जैसे युवा टीम ने संस्था एवं शोध पत्रिका बढ़ाने में बेहतर योगदान दे रहे हैं. आने वाले समय में संस्था से शोध के क्षेत्र में बेहतर उम्मीद है.