CUET UG 2024 में होंगे बड़े बदलाव, OMR मोड में हो सकती हैं परीक्षाएं

CUET UG 2024 के लिए पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया जल्द ही शुरू होने की उम्मीद है. आवेदन आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होंगे. अगले सप्ताह पंजीकरण प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद के साथ यूजीसी अध्यक्ष ने प्रवेश परीक्षा के तीसरे संस्करण में शामिल किए जाने वाले कुछ बदलावों की घोषणा की है.

By Shaurya Punj | February 23, 2024 1:32 PM
an image

NTA plans changes for CUET-UG exam: नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (सीयूईटी)-यूजी के आगामी तीसरे संस्करण के लिए महत्वपूर्ण बदलावों पर विचार कर रही है. शीर्ष अधिकारियों का सुझाव है कि इस वर्ष स्कोर सामान्यीकरण को समाप्त किया जा सकता है. परीक्षा, जो आम तौर पर एक महीने तक चलती है, ओएमआर शीट और कंप्यूटर-आधारित परीक्षणों सहित हाइब्रिड मोड का उपयोग करके छोटी अवधि में आयोजित की जा सकती है.

SSC की नई वेबसाइट लॉन्च, अभ्यर्थियों को भरना होगा अब नया ओटीआर

UGC अध्यक्ष ने बताई ये बात


विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) के अध्यक्ष एम जगदीश कुमार ने बताया, “एनटीए ओएमआर मोड में बड़े रजिस्ट्रेशन- के साथ पेपर आयोजित करने की संभावना पर काम कर रहा है. इससे हमें बड़ी संख्या में स्कूलों को परीक्षा केंद्र के रूप में चुनने में मदद मिलेगी.” यह सुनिश्चित करना कि छात्रों को उनके शहर या शहर के भीतर ही केंद्र मिल जाए और उन्हें दूर यात्रा न करनी पड़े.”

एक ही शिफ्ट में होगा एग्जाम

वहीं इस बार परीक्षा का आयोजन एक ही शिफ्ट में कराने की योजना बनाई गई है. पिछली बार परीक्षा का आयोजन तीन पालियों में किया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक ही पाली में परीक्षा होने से नंबरों के नॉर्मलाइजेशन की व्यवस्था भी खत्म हो सकती है. इस बार एक विषय की परीक्षा एक ही दिन कराने की योजना बनाई जा रही है.

एक विषय की परीक्षा एक ही दिन


रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले दो वर्षों से छात्रों को यथासंभव पहली पसंद का केंद्र प्रदान करने के प्रयास में एक ही पेपर के लिए दो या तीन दिनों की अवधि में परीक्षा आयोजित करनी पड़ती थी. वहीं इस वर्ष ओएमआर मोड अपनाने से स्कूलों और कॉलेजों में बड़ी संख्या में केंद्र उपलब्ध होंगे, जिससे एक ही दिन में एक विषय की परीक्षा देश भर में आयोजित की जा सकेगी.

खत्म हो सकती है ‘अंकों का सामान्यीकरण’


हाइब्रिड मोड सभी के लिए समान अवसरों को बढ़ावा देता है और यह सुनिश्चित करता है कि भौगोलिक बाधाएं ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में छात्रों की शैक्षिक आकांक्षाओं में बाधा न बनें.’’ उन्होंने कहा कि एक ही दिन में एक विषय की परीक्षा आयोजित करने से ‘अंकों के सामान्यीकरण’ की आवश्यकता खत्म हो जाएगी.

Exit mobile version