DU Admission 2023: दिल्ली विश्वविद्यालय सामान्य सीट आवंटन प्रणाली के माध्यम से स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए दो अलग-अलग पोर्टल लॉन्च करेगा, एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी दी. साथ ही कहा कि विश्वविद्यालय की एडमिशन प्रक्रिया 20 मई तक शुरू होने की संभावना है. स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के लिए प्रवेश CSAS (UG) 2023 और CSAS (PG) 2023 के माध्यम से होगा.
यह पहली बार होगा जब विश्वविद्यालय स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए सामान्य विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा का चयन कर रहा है. इसने पिछले साल CUET-UG के माध्यम से अपने 70 कॉलेजों में छात्रों को प्रवेश दिया था. डीयू में प्रवेश पाने के इच्छुक छात्रों को सीयूईटी (यूजी)-2023 और सीयूईटी (पीजी)-2023 में शामिल होना होगा और साथ ही डीयू के सीएसएएस यूजी और पीजी पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना होगा. अधिकारी ने कहा कि विश्वविद्यालय को उम्मीद है कि इस साल प्रवेश प्रक्रिया “सुचारू” होगी.
अधिकारी के अनुसार, “हम सीयूईटी के माध्यम से यूजी और पीजी कार्यक्रमों में प्रवेश लेने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. हम स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए दो अलग-अलग पोर्टल लॉन्च करेंगे.” अधिकारी ने यह भी कहा कि “पिछले साल, हमने पहली बार सीयूईटी के माध्यम से प्रवेश आयोजित किया था.सूत्रों के अनुसार इस वर्ष प्रवेश प्रक्रिया आसान होगी. हम पहली बार पीजी प्रवेश भी आयोजित करने के लिए तैयार हैं. हम इसके बारे में भी आश्वस्त हैं.” सीयूईटी स्नातक और स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के रजिस्ट्रेशन चल रहे हैं.
पिछले सप्ताह तक सीयूईटी-यूजी के लिए लगभग 14 लाख आवेदन प्राप्त हुए थे, जो पिछले साल के पहले संस्करण से 41 प्रतिशत अधिक था. सीयूईटी (यूजी) के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय के लिए सबसे अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं, इसके बाद बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय, बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया का स्थान है.
आवेदकों के मामले में सीयूईटी (यूजी) देश की दूसरी सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा है. सीयूईटी (यूजी) के पहले संस्करण में, 12.50 लाख छात्रों ने अपना पंजीकरण कराया और उनमें से 9.9 लाख ने अपने आवेदन जमा किए. परीक्षा 21-31 मई तक आयोजित की जानी है. डीयू तमाम कोशिशों के बावजूद मौजूदा शैक्षणिक सत्र में सभी 70,000 सीटें भरने में नाकाम रहा है, क्योंकि उसके सभी कॉलेजों में सात फीसदी सीटें खाली हैं. विश्वविद्यालय ने विभिन्न पाठ्यक्रमों में 11,300 स्नातकोत्तर छात्रों को शामिल किया था.