Indian Museum, Kolkata: एशिया-प्रशांत क्षेत्र का सबसे पुराना और बड़ा multipurpose museum

भारतीय संग्रहालय, कोलकाता की स्थापना के साथ ही भारत में museum movement का आरंभ हुआ जिसने बाद के वर्षों में गति पकड़ी. इसका परिणाम देश में 400 से अधिक संग्रहालयों के अस्तित्व के रूप में सबके सामने है.

By Aarti Srivastava | May 18, 2024 12:42 PM
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वर्ष 1977 से प्रत्येक वर्ष, International Council of Museums (ICOM) International Museum Day (IMD) का आयोजन करता है. इस दिवस को मनाने का उद्देश्य इस तथ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाना है कि संग्रहालय (म्यूजियम) सांस्कृतिक आदान-प्रदान, संस्कृतियों के संवर्धन और लोगों के बीच आपसी समझ, सहयोग और शांति के विकास का एक महत्वपूर्ण साधन हैं. प्रत्येक वर्ष 18 मई को अंतरराष्ट्रीय संग्रहालय दिवस मनाया जाता है. हर वर्ष के लिए एक थीम का चुनाव किया जाता है और फिर उसी के इर्द-गिर्द events and activities की जाती हैं. IMD 2024 की थीम है- ‘Museums for Education and Research’. यह थीम समग्र शैक्षिक अनुभव प्रदान करने में सांस्कृतिक संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करती है. आइए इस दिवस के अवसर पर जानते हैं भारत के सबसे पुराने म्यूजियम ‘Indian Museum, Kolkata’ के बारे में…

भारतीय संग्रहालय, कोलकाता (Indian Museum, Kolkata)

Indian Museum की उत्पत्ति और विकास का इतिहास भारत की विरासत और संस्कृति के विकास की दिशा में उल्लेखनीय घटनाओं में से एक है. यह संग्रहालय न केवल Indian subcontinent में, बल्कि दुनिया के एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Asia-Pacific region) में भी सबसे पुराना और सबसे बड़ा multipurpose museum है. इसकी स्थापना दो फरवरी, 1814 को एशियाटिक सोसाइटी ऑफ बंगाल के डॉ नथानिएल वैलिच (Dr Nathaniel Wallich) के मार्गदर्शन में की गयी थी. नथानिएल वैलिच एक डेनिश वनस्पति शास्त्री थे. वर्ष 1866 में Indian Museum Act no. XVII, 1866 के तहत इंडियन म्यूजियम, कोलकाता का अधिकार भारतीय संग्रहालय के ट्रस्टियों को ट्रांसफर कर दिया गया. कह सकते हैं कि 1814 में शुरू हुआ म्यूजियम मूवमेंट वास्तव में देश की सामाजिक-सांस्कृतिक और वैज्ञानिक उपलब्धियों की शुरुआत करने वाले एक महत्वपूर्ण युग की शुरुआत थी. इसे आधुनिकता की शुरुआत और मध्यकालीन युग का अंत भी माना जाता है. इतना ही नहीं, इसकी स्थापना के साथ ही भारत में museum movement का आरंभ हुआ जिसने बाद के वर्षों में गति पकड़ी. तब से यह मूवमेंट पूरी भव्यता के साथ विकसित हुआ है और इसका परिणाम देश में 400 से अधिक संग्रहालयों के अस्तित्व के रूप में सबके सामने है.

1978 में दो गैलरी के साथ जनता के लिए खोला गया

वर्तमान में जिस विक्टोरियन भवन में यह म्यूजियम स्थित है, उसकी नींव 1867 में रखी गयी थी और वह 1875 में बनकर तैयार हुई. इस भवन के आर्किटेक्ट थे डब्ल्यू एल ग्रैंडविले (WL Grandville). विक्टोरियन भवन का निर्माण पूरा होने के बाद म्यूजियम को एशियाटिक सोसाइटी से वर्तमान भवन में हस्तांतरित कर दिया गया और एक अप्रैल, 1878 को दो दीर्घाओं के साथ इसे जनता के लिए खोल दिया गया. इन दोनों गैलरीज, यानी दीर्घाओं में आर्कियोलॉजिकल गैलरी और जुलॉजिकल सेक्शन के बर्ड गैलरी शामिल थे. आरंभ में दो गैलरी के साथ खोला गया इंडियन म्यूजियम बाद में एक बहुउद्देशीय संस्थान में बदल दिया गया, जहां इसके छह सेक्शन में मल्टी-डिसिप्लिनरी ऑब्जेक्ट्स- Art, Archaeology, Anthropology, Zoology, Geology, and Botany- को प्रदर्शित किया गया. आज आप यहां इन सारे सेक्शन में प्रदर्शित तमाम वस्तुओं को देख सकते हैं और अपनी जानकारी बढ़ा सकते हैं.

5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से 17वीं शताब्दी तक के कलेक्शन

भारतीय संग्रहालय, कोलकाता पुरातत्व, मुद्राशास्त्र व पुरालेख और मानव विज्ञान (Archaeology, Numismatic and Epigraphy and Anthropology) से संबंधित 1,06,115 वस्तुओं का भंडार अपने भीतर समेटे है. लगभग एक मिलियन होल्‍डिंगस के साथ इसके छह खंड- कला, पुरातत्‍व, मानव विज्ञान, प्राणी विज्ञान, भू विज्ञान और वनस्पतिशास्त्र (Art, Archaeology, Anthropology, Zoology, Geology, and Botany), जो लगभग आठ हजार वर्ग मीटर के क्षेत्र में फैले हुए हैं, की अनेक गैलरियों में प्रदर्शित आर्ट व नेचर की असंख्‍य प्राचीन वस्‍तुएं विद्यमान हैं. इसके आर्कियोलॉजिकल सेक्शन में 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व से 17वीं शताब्दी तक के कलेक्शन शामिल हैं. यहां प्राचीन, मध्‍यकालीन और आधुनिक युग के भारतीय सिक्‍के भी देखने को मिलते हैं. आर्ट सेक्शन को पेंटिंग्स, टेक्सटाइल्स और इंडियन डेकोरेटिव आर्ट्स सेक्शन में बांटा गया है. एंथ्रोपोलॉजी सेक्शन में ह्यूमन इवोल्यूशन और कल्चरल एंथ्रोपोलॉजी गैलरीज हैं, जिनमें fish, reptiles, birds, mammals, fossils, rocks and minerals and medicinal plants, vegetable fibres, dyes and leathers, gums and resins, woods, oils and oil seed के संग्रह को प्रदर्शित किया गया है.

विजिटर्स के बीच जादूघर-अजबघर के नाम से प्रसिद्ध

इस म्यूजियम को शुरुआत में एशियाटिक म्यूजियम के नाम से जाना जाता था, जिसे बाद में इंपीरियल म्यूजियम के नाम से जाना जाने लगा. अब यह इंडियन म्यूजियम या भारतीय संग्रहालय कहा जाता है. किंतु विजिटर्स के बीच यह संग्रहालय जादूघर या अजबघर के नाम से ही अधिक जाना जाता है.

Holidays : म्यूजियम सभी सोमवार और राष्ट्रीय छुट्टियों के दिन बंद रहता है.

म्यूजियम से जुड़ी विस्तृत जानकारी के लिए आप इसकी वेबसाइट indianmuseumkolkata.org पर जा सकते हैं.

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