Education News : जानें Foreign University से मेडिकल करने के तौर-तरीकों के बारे में

यदि आप लोगों की सेवा करना चाहते हैं, तो मेडिकल की पढ़ाई इसका सर्वोत्तम तरीका है. यदि आप अपने देश में मेडिकल की सीट हासिल नहीं कर सके हैं, तो निराश होने की कोई बात नहीं है, विदेशों में भी मेडिकल पढ़ाई के अवसर मौजूद हैं. जानिए, विदेशी संस्थान से पढ़ने के लिए किन योग्यताओं की आवश्यकता होती है.

By Aarti Srivastava | June 19, 2024 2:20 PM

विदेश से एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करना भारत समेत अन्य देशों के छात्रों के लिए एक लोकप्रिय विकल्प बनता जा रहा है. हमारे देश में मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस के लिए सीटों की संख्या सीमित है और इसमें प्रवेश के लिए छात्रों को कड़ी प्रतिस्पर्धा से गुजरना होता है, सो कई छात्र गुणवत्तापूर्ण मेडिकल शिक्षा के लिए विदेश के एमबीबीएस कॉलेजों में प्रवेश का विकल्प चुनते हैं. हर वर्ष 20,000 से 25,000 भारतीय छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए दूसरे देशों के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश लेते हैं. इसी तरह के अनेक कारक दूसरे देशों के छात्रों के भी पलायन का कारण बनते हैं. रूस, ब्रिटेन, चीन, अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया जैसे देश इनकी प्राथमिकता सूची में होते हैं, जहां के कॉलेजों में मेडिकल पढ़ने के इच्छुक छात्र प्रवेश लेते हैं. भारतीय छात्रों के लिए विदेश में एमबीबीएस करने की फीस 20 लाख से 1.5 करोड़ रुपये के बीच है. इसके अतिरिक्त रहने, खाने व अन्य जरूरतों के लिए पैसे अलग से लगते हैं. जानते हैं विदेश से मेडिकल पढ़ने के लिए किन योग्यताओं की आवश्यकता होती है तथा किन प्रवेश परीक्षा के जरिये मिलता है प्रवेश.

इन योग्यताओं की पड़ती है जरूरत

मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेश जाने का इरादा रखने वाले छात्रों को निम्न योग्यताओं को पूरा करना होता है.

एकेडमिक क्रेडेंशियल : मेडिकल में प्रवेश के लिए एक छात्र को बायलॉजी, फिजिक्स और केमिस्ट्री के साथ किसी मान्यताप्राप्त बोर्ड से बारहवीं (10+2) पास होना चाहिए. यहां केवल 12वीं पास होना ही अनिवार्य नहीं है, बल्कि यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित न्यूनतम अंक प्रतिशत होने पर ही प्रवेश मिलता है.

एंट्रेंस एग्जाम स्कोर : प्रत्येक देश अपने यहां के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए entrance exam आयोजित करते हैं, एक विद्यार्थी का उस entrance exam में पास होने के लिए जितने अंक निर्धारित किये गये हैं, उतने अंक लाना आवश्यक है, तभी उसे मेडिकल की सीट मिलती है.

इंग्लिश प्रोफिसिएंशी टेस्ट : उन देशों में, जहां की मुख्य भाषा अंग्रेजी है वहां IELTS, TOEFL, PTE जैसी इंग्लिश प्रोफिसिएंशी परीक्षाएं भी पास करनी होती हैं.

प्रवेश के लिए इन आवश्यक दस्तावेजों का होना जरूरी है

प्रत्येक देश और वहां के विश्वविद्यालय अपने यहां के एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश के लिए कुछ दस्तावेजों की मांग करते हैं. उन दस्तावेजों को जमा किये बिना आपको कॉलेज में प्रवेश नहीं मिल सकता है. विदेशी शैक्षणिक संस्थानों के एमबीबीएस कोर्स में प्रवेश के जिन सामान्य दस्तावेजों की जरूरत पड़ती है, वे निम्न हैं…

दसवीं और बारहवीं की मार्कशीट

आईडी प्रूफ : इसके तहत वैध पासपोर्ट व वीजा की जरूरत होती है

जन्म प्रमाणपत्र

रेज्यूमे

मेडिकल सर्टिफिकेट

इसके अतिरिक्त देश के हिसाब से कुछ अन्य दस्तावेजों की भी जरूरत पड़ती है, जिनके होने पर ही संबंधित विश्वविद्यालय व कॉलेज में प्रवेश मिलता है.

इन प्रवेश परीक्षाओं के जरिये मिलता है विदेशी संस्थानों के मेडिकल प्रोग्राम में दाखिला

जिस तरह भारत में एमबीबीएस में प्रवेश के लिए नीट (एनईईटी) अनिवार्य है, उसी तरह दूसरे देशों में भी मेडिकल में प्रवेश के लिए एंट्रेंस टेस्ट देना अनिवार्य है. हालांकि कई देशों में नीट स्कारे मान्य है और वहां के शैक्षिणक संस्थानों में प्रवेश के लिए भारतीय छात्रों को किसी तरह का कोई एंट्रेंस टेस्ट नहीं देना होता है.

नीट (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट)

इस परीक्षा में सफल होने वाले विद्यार्थी भारत, रूस, बांग्लादेश, चीन, कजाखस्तान, पोलैंड व नेपाल के कॉलेजों में सीधे प्रवेश ले मेडिकल की पढ़ाई कर सकते हैं.

एमकैट (मेडिकल कॉलेज एडमिशन टेस्ट)

इस प्रवेश परीक्षा में सफल होने के बाद विद्यार्थी अमेरिका और कनाडा के कॉलेजों से मेडिकल की पढ़ाई करते हैं.

यूमैट (अंडरग्रेजुएट मेडिकल एडमिशंस टेस्ट)

ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में मेडिकल पढ़ने के इच्छुक छात्रों के लिए इस एंट्रेंस टेस्ट में पास होना जरूरी होता है. यूमैट को क्लीयर कर कई भारतीय इन देशों की मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर रहे हैं.

यूकेकैट/यूकैट (यूनिवर्सल क्लीनिकल एप्टिट्यूड टेस्ट)

ब्रिटेन से मेडिकल पढ़ने के लिए यूकेकैट/यूकैट को पास करना होता है. इसके पश्चात ही विद्यार्थियों को ब्रिटेन के मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश मिलता है.

सीसैट (कॉलेज स्कॉलास्टिक एबिलिटी टेस्ट)

इस टेस्ट में सफल होने के बाद विद्यार्थी दक्षिण कोरिया के मेडिकल कॉलेज में प्रवेश ले सकते हैं.

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