Education report : 2018-19 में स्कूल शिक्षण कार्यबल में 94.3 लाख शिक्षकों में से 47.16 लाख (50.01 प्रतिशत) पुरुष थे और 47.14 लाख (49.98 प्रतिशत) महिलाएं थीं. 2023-24 तक महिला शिक्षकों की संख्या बढ़कर 52 लाख हो गयी, जबकि पुरुष शिक्षकों की संख्या घटकर लगभग 45 लाख सामने आयी है. डेटा में यह बदलाव स्पष्ट दिखाता है कि 2019-20 में महिलाओं ने 50 प्रतिशत से अधिक प्रतिनिधित्व हासिल किया और इसके बाद हर साल इसमें लगातार वृद्धि हुई. सबसे महत्वपूर्ण बढ़ोतरी 2022-23 और 2023-24 में देखी गयी, जब महिला शिक्षकों की हिस्सेदारी 51.3 प्रतिशत से बढ़कर 53.3 प्रतिशत हो गयी.
निजी स्कूलों में अधिक बढ़ा योगदान
महिला स्कूल शिक्षकों की संख्या में बढ़ोतरी का अधिकांश हिस्सा निजी स्कूलों से आया है. 2018-19 से 2023-24 के बीच निजी स्कूलों में महिला शिक्षकों की संख्या में 20 प्रतिशत की वृद्धि हुई. वहीं सरकारी स्कूलों में इस अवधि के दौरान महिला शिक्षकों की संख्या में केवल 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.
इसे भी पढ़ें : Railway recruitment 2025 : भारतीय रेलवे में मिनिस्टीरियल एवं आइसोलेटेड कैटेगरी के तहत भरे जायेंगे 1036 पद, आपके पास है आवेदन का मौका
इन राज्यों में महिलाओं का दबदबा
कुछ राज्यों में सरकारी स्कूलों में महिला शिक्षकों की संख्या पुरुषों से अधिक है. केरल में 78 प्रतिशत सरकारी स्कूल शिक्षक महिलाएं हैं. तमिलनाडु में 67 प्रतिशत, पंजाब में 64 प्रतिशत और दिल्ली में 61 प्रतिशत में भी महिला शिक्षकों का उच्च प्रतिनिधित्व देखा गया है.
उच्च शिक्षा में हैं विपरीत हालात
हालांकि यह प्रगति केवल स्कूल शिक्षा तक ही सीमित है. उच्च शिक्षा में पुरुषों का दबदबा अब भी बना हुआ है. 2021-22 की ऑल इंडिया सर्वे ऑन हायर एजुकेशन (एआईएसएचई) रिपोर्ट के अनुसार महिला शिक्षकों का प्रतिशत केवल 43 है, जबकि पुरुष शिक्षकों का प्रतिशत 57 है.