बिहार में फर्जी बीपीएससी शिक्षक लगातार पकड़ में आ रहे हैं. भागलपुर में भी अब पहला मामला सामने आया है जहां एक युवक किसी और के बदले फर्जी तरीके से शिक्षक बन बैठका. उसने बीपीएससी की परीक्षा भी दूसरे के बदले दी. ट्रेनिंग भी लिया और फिर योगदान तक स्कूल में दिया. लेकिन आखिरकार उसकी शातिरगिरी पकड़ में आयी और उसे हवालात पहुंचा दिया गया.
भागलपुर के खिरनी घाट स्थित डीइओ कार्यालय में चल रहे शिक्षक नियुक्ति के पहले चरण में नवचयनित शिक्षकों के बायोमैट्रिक्स सत्यापन में एक फर्जी शिक्षक पकड़ा गया है. पकड़े गये फर्जी शिक्षक को पुलिस के हवाले किया गया है. जबकि, मामले की प्राथमिकी बरारी थाने में दर्ज करायी गयी है. गिरफ्तार फर्जी शिक्षक सुलतानगंज के अकबरनगर थाना क्षेत्र के फतेहपुर निवासी अशोक मंडल का पुत्र आलोक कुमार है. वह गोपालपुर प्रखंड के महिंपाल राजकीय उच्च बुनियादी विद्यालय तीनटंगा करारी के नवचयनित शिक्षक गौतम कुमार के बदले बायोमैट्रिक्स सत्यापन कराने आया था.
गौतम कुमार बजरंगी यादव का पुत्र है और उसका रोल नंबर 308561 है. बात सामने आयी है कि आलोक कुमार, गौतम कुमार के बदले बीपीएससी की परीक्षा में शामिल हुए, सफल होने के बाद प्रशिक्षण लिया और नियुक्ति पत्र लेकर विद्यालय में योगदान भी दिया. कहा जा रहा है कि गौतम ने फर्जीवाड़ा कर वेतन भी लिया. लेकिन फर्जी शिक्षकों को पकड़ने के लिए किये जा रहे बायोमैट्रिक्स सत्यापन के दौरान वह पकड़ा गया.
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मामले की प्राथमिकी महिंपाल राजकीय उच्च बुनियादी विद्यालय तीनटंगा करारी के प्रधानाध्यापक अरुण कुमार भारती के आवेदन पर दर्ज की गयी है. अरुण कुमार ने बताया कि आलोक कुमार को वे गौतम कुमार के रूप में जानते थे और वे उन्हीं के विद्यालय में शिक्षक के रूप में योगदान दे रहे थे. बायोमैट्रिक्स सत्यापन में फिंगर प्रिंट का सत्यापन नहीं होने पर कार्य कर रहे कर्मी को शक हुआ तो उन्होंने शिक्षक को कार्यालय में बुला कर बैठा लिया. इसके बाद तसल्ली से उसके बायोमैट्रिक्स सत्यापन करने का प्रयास किया गया जो नहीं हुआ. फिर मामले की सूचना डीइओ संजय कुमार को दी गयी. छानबीन में पता चला कि उक्त शिक्षक फर्जी है. फिर डीइओ ने एचएम को मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया. दूसरी तरफ फर्जी शिक्षक आलोक कुमार को पुलिस के हवाले किया गया.
बायोमैट्रिक्स सत्यापन में जिले के सात शिक्षक अपने निर्धारित समय पर नहीं आये. ऐसे शिक्षकों से डीइओ संजय कुमार ने स्पष्टीकरण पूछा है. जिसका कोई उत्तर नहीं दिया गया है. जानकारी मिली है कि इन सात शिक्षकों के फर्जी होने की बात कही जा रही है. हालांकि, डीइओ ने कहा कि बायोमैट्रिक्स सत्यापन में उपस्थित नहीं होने वाले उपरोक्त शिक्षकों को समय दिया गया है कि वे सत्यापन करवा लें. नहीं आयेंगे तो उन्हें भगोड़ा घोषित कर कार्रवाई की जायेगी.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जिस फर्जी शिक्षक आलोक कुमार को पकड़ा गया है. उसने पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी दी है. उसने पुलिस को बताया है कि बीपीएससी की परीक्षा में कई स्कॉलर दूसरे के बदले परीक्षा दे रहे थे. प्रथम चरण की शिक्षक बहाली परीक्षा को लेकर उसने कई चौंकाने वाले दावे किए हैं. कई जिलों के रहने वाले स्कॉलर के उसने नाम बताए हैं. वहीं आलोक ने बताया कि वो जिस गौतम के बदले परीक्षा देने बैठा था उससे उसने मोटी रकम में डील की थी. हालांकि पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी है.
बता दें कि दरभंगा से भी ऐसा मामला सामने आ चुका हैं जहां एक फर्जी शिक्षक को सत्यापन के दौरान पकड़ा गया. बायोमैट्रिक सत्यापन में उसके फर्जीवाड़े का सच सामने आ गया. मध्य विद्यालय खरारी( बालक) बहेड़ी में योगदान दे चुके शिक्षक को बायोमैट्रिक सत्यापन के दौरान फर्जी पाया गया. बताते चलें कि ऐसे मामले अब लगातार सामने आ रहे हैं.