बिहार में बदल रही है इंजीनियरिंग क्षेत्र की पढ़ाई
राज्य सरकार सभी 149 आइटीआइ केंद्रों में प्लेसमेंट सेल खोलने पर विचार कर रही है. इसके लिए कई कंपनियों से बातचीत हो रही है. सरकार का उद्देश्य है कि यहां से निकले छात्रों को देश-विदेश में नौकरी मिले.
(विकास सिन्हा)
हर परिवार की चाहत होती है कि उसका बेटा इंजीनियर या डॉक्टर बने, इसके लिए माता-पिता भी पूरी कोशिश करते हैं, लोन लेकर अपने बच्चों को बाहर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में दािखला दिलाते हैं. देश में सबसे ज्यादा छात्र बिहार से आते हैं, जो अपने प्रदेश को छोड़कर बाहर के इंजीनियरिंग कॉलेजों में नामांकन कराते हैं. बिहार की नीतीश सरकार ने इसे देखते हुए इंजीनियरिेंग व आइटीआइ में काफी परिवर्तन किया है. इंजीनियरिंग कॉलेजों में जहां सीटे बढ़ा दी गयी हैं, वहीं कई स्ट्रीम भी जोड़े गये हैं. दूसरी ओर आइटीआइ केंद्रों में प्लेसमेंट सेल खोले गये हैं. इसके साथ ही आइटीआइ में रोबोटिंग की पढ़ाई भी शुरू करायी जा रही है.
बिहार में सभी सरकारी आइटीआइ में अब रोबोट ड्रोन व थ्री डी की होगी पढ़ाई
राज्य के सभी 149 सरकारी आइटीआइ में रोबोट, ड्रोन व थ्री डी की पढ़ाई होगी. बिहार सरकार ने टाटा टेक्नॉलॉजी के साथ समझोता किया है. टाटा टेक्नोलॉजी सभी आइटीइ केंद्रों को बेहतर बनाने के लिए आर्थिक व अन्य मदद करेगी. इसके साथ बिहार सरकार 20 अन्य कंपनियों के साथ काम कर रही है.
आइटीआइ में खुलेगा प्लेसमेंट सेल
राज्य सरकार सभी 149 आइटीआइ केंद्रों में प्लेसमेंट सेल खोलने पर विचार कर रही है. इसके लिए कई कंपनियों से बातचीत हो रही है. सरकार का उद्देश्य है कि यहां से निकले छात्रों को देश-विदेश में नौकरी मिले. स्वरोजगार के लिए भी सरकार कई योजनाओं को संचालित कर रही है, जिसके तहत आइटीआइ पास छात्र खुद का रोजगार कर सकेंगे.
इस साल के अंत में शुरू होंगी नये ट्रेड की पढ़ाई
राज्य सरकार वर्ष 2023 के अंत तक राज्य के सभी 149 आइटीआइ में नये ट्रेड की पढ़ाई शुरू करेगी. विभाग ने सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण केंद्रों को सेंटर ऑफ एक्सलेंस बनाने के लिए टाटा से समझौता किया है, जिसके बाद 60 आइटीआइ को अपग्रेड करने की कवायद चल रही है. इसी साल बाकी 89 आइटीआइ में भी काम शुरू होगा. संस्थान को सभी सुविधाओं से लैस किया जायेगा. यहां छात्रों को प्रैक्टिकल करने में सुविधा हो सकें. इसके साथ ही आइटीआइ केंद्रों को अपग्रेड किया जा रहा है.
आइटीआइ छात्रों के लिए शुरू होगा इवनिंग क्लास
राज्य में आइटीआइ में नामांकन लेने वाले छात्रों के लिए इवनिंग क्लास भी शुरू होगा, जहां देर शाम से पढ़ाई करायी जायेगी. श्रम संसाधन विभाग ने इस संबंध में सभी जिलों से दिशा-निर्देश मांगा है. साथ ही, केंद्र सरकार से भी इस मामले में अनुमति मांगी है, ताकि वैसे युवा जो दिन में पढ़ाई नहीं कर पाते हैं. उनके के लिए इवनिंग क्लास शुरू होगा.
डुएल कोर्स से होगा फायदा
राज्य के आइटीआइ में नामांकन लेने के बाद छात्र-छात्राओं को पढ़ाई खत्म होने से पहले नौकरी मिल जाये, इसको लेकर सभी आइटीआइ कॉलेजों में डुएल सिस्टम ट्रेनिंग लागू किया गया है. इससे वैसे राज्य के छात्रों को अधिक फायदा होगा. जहां कंपनी, फैक्टरी व फार्म की संख्या अधिक है, लेकिन बिहार के छात्र फैक्टरी नहीं रहने से पिछड़े नहीं, इसको लेकर तैयारी तेज की गयी है. छात्र डुएल सिस्टम ट्रेनिंग के तहत किसी फैक्टरी में सीख पाये, इसके लिए निबंधित छोटी-बड़ी सभी फैक्टरियों एवं कंपनियों का डाटाबेस तैयार हो रहा है, जहां इनको पूरी ट्रेनिंग मिल सके.
बिहार में कॉलेज करेगा फैक्टरियों से एमओयू
डुएल सिस्टम ट्रेनिंग लागू होने के बाद सभी आइटीआइ कॉलेजों को फैक्टरी या किसी कंपनी के साथ एमओयू साइन करना है. छात्रों को कॉलेज कैंपस से चयन करने के बाद कंपनियां ट्रेंनिंग देंगी और उसके बाद उनको उनके ट्रेड के मुताबिक नौकरियां भी मिलेंगी. डुएल ट्रेनिंग सिस्टम के तहत छात्रों को कॉलेज में थ्योरी पढ़ने के बाद फैक्टरी में जाकर छह या नौ माह तक काम करना होगा.
38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में बढ़ीं 2810 सीटें
बिहार के 38 सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 2810 सीटें बढ़ायी गयी हैं. अब राज्य के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में नये सत्र में 13675 सीटों पर एडमिशन होगा. पिछले साल एडमिशन के लिए 10865 सीट निर्धारित थी. इस बार सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 360 सीटें निर्धारित कर दी गयी है. एमआइटी मुजफ्फरपुर में मात्र पांच सीट कम है. मुजफ्फरपुर में 355 सीटें हैं. बाकि सभी 37 इंजीनियरिंग कॉलेजों में 360-360 सीटों पर एडमिशन होगा. राज्य के लगभग सभी कॉलेजों में नये ब्रांच खोले गये हें. सभी कॉलेजों में कंप्यूटर साइंस से संबंधित कोर्स की पढ़ाई नये सत्र 2023-24 से शुरू कर दी जायेगी. डॉ एपीजे अब्दुल कलाम वीमेंस इंस्टीट्यूट एंड टेक्नोलॉजी में 90 व एसजीआइडीटी पटना में 38 सीटों पर एडमिशन होगा. जेइइ मेन के स्कोर पर राज्य के 38 इंजीनियरिंग कॉलेजों में एडमिशन होगा.