Essay writing : निबंध लेखन का प्रभावी तरीका सीख परीक्षा में बढ़ाएं स्कोर  

परीक्षा में पूछे जानेवाले डिस्क्रिप्टिव प्रश्नों में निबंध लेखन काफी मायने रखता है. इसका उद्देश्य किसी विशेष विषय में छात्र की गहरी जानकारी, टॉपिक के प्रति उसके विचारों एवं आलोचनात्मक क्षमता की परख करना होता है. आप अगर निबंध लिखने के प्रभावी तरीके को समझना चाहते हैं, तो निम्न बातों पर ध्यान देकर अपने निबंध लेखन को बेहतर बना सकते हैं...

By Prachi Khare | April 20, 2024 12:44 PM

Essay writing : निबंध लिखना हर छात्र को आता है, लेकिन अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए निबंध कैसे लिखा जाये, यह उतना आसान नहीं, जितना लगता है. निबंध एक लिखित रचना है, जिसमें आप किसी खास विषय पर अपने विचार को व्यक्त करते हैं और फिर उसे तथ्यों, कथनों, विश्लेषण और स्पष्टीकरणों के साथ समर्थन देते हैं. निबंध लिखने के सही पैटर्न को सीख कर आप परीक्षा में अपने स्कोर बढ़ा सकते हैं…

रूपरेखा तैयार कर करें शुरुआत

निबंध को तीन सेक्शन बांटा जाता हैं-इंट्रोडक्शन, बॉडी और कंक्लूजन. बेहतर होगा कि आप निबंध लिखना शुरू करने से पहले दिये गये टॉपिक पर एक रूपरेखा तैयार कर लें. इससे आपके लिए अपने विचारों को व्यवस्थित करने और तर्क को स्पष्ट व तार्किक बनाने में मदद मिलेगी. यह तरीका समय बचाने में भी मदद करेगा. 

जानें निबंध के तीन भागों का महत्व 

इंट्रोडक्शन : निबंध का पहला पैराग्राफ इंट्रोडक्शन का हाेता है, जो निबंध के उद्देश्य को रेखांकित करता है. इंट्रोडक्शन ऐसा होना चाहिए, जो पाठक का ध्यान अपनी ओर खींचें और निबंध के केंद्र बिंदु को प्रदर्शित करे. इसकी शुरुआत आप हाल की किसी घटना, संवाद, किसी कहानी, उद्धरण या दिये गये विषय के एक सरल सारांश के साथ कर सकते हैं.  
बॉडी पैराग्राफ : इंट्रो में लिखी गयी बात को साक्ष्य व स्पष्टीकरण के साथ समर्थन देते हुए निबंध का बॉडी पैराग्राफ लिखें. बॉडी पैराग्राफ में आप अपने द्वारा चुने गये विषय की व्याख्या, वर्णन या तर्क देते हैं. टॉपिक के प्रति अपने विचारों को व्यक्त करते हुए पैराग्राफ लिखते जायें. टॉपिक के सबसे मजबूत बिंदु या अपने विचार को अंतिम पैराग्राफ में लिखें.   
कंक्लूजन : निबंध का यह आखिरी हिस्सा विषय को समेटता हुआ होना चाहिए. कंक्लूजन में अपने सभी विचारों को सारांशित करते हुए दिये गये टॉपिक पर एक अंतिम दृष्टिकोण प्रदान करें. निबंध का यह अंतिम हिस्सा उतना ही दमदार होना चाहिए जितना की शुरुआत में आपने विषय को लिखना शुरू किया था. 

एक्टिव वॉइस में बनाएं वाक्य 

छात्रों को निबंध लिखते वक्त पेसिव वॉइस सेंटेंस का इस्तेमाल करने से बचने की सलाह दी जाती है. एक्टिव वॉइस में लिखे सेंटेंस पाठक को ज्यादा आकर्षित करते हैं. 

स्पष्ट और सरल भाषा का करें प्रयोग 

निबंध में लिखे गये आपके विचार पाठक के लिए स्पष्ट और समझने योग्य होने चाहिए, इसके लिए सरल भाषा व उपयुक्त शब्दावली का उपयोग करें. व्याकरण की गलतियां न करें और वाक्यों में संदेश की जटिलता एवं पढ़ने में आसानी के बीच संतुलन बनाये रखें. प्रत्येक पैराग्राफ में केवल एक मुख्य विचार वक्त करें. एक से दूसरे पैराग्राफ में निर्बाध रूप से प्रवाहित होना चाहिए. प्रत्येक पैराग्राफ को एक केंद्रीय विचार के इर्द-गिर्द घूमना चाहिए और अगले पैराग्राफ में स्वाभाविक रूप से प्रवाहित होना चाहिए. 

तथ्यों की गलत जानकारी देने से बचें 

निबंध में दिये जानेवाले तथ्यों को लेकर सजग रहें. विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त जानकारी ही निबंध में लिखें. यदि समय मिले तो अपने निबंध को प्रूफरीडिंग जरूर करें. यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपका निबंध त्रुटिरहित है, आपको इसे जमा करने से पहले प्रूफरीड करने और आवश्यक संपादन करने के लिए समय निकालना चाहिए. 

इन बातों पर दें ध्यान 

  • दी गयी शब्द सीमा में ही निबंध को अच्छे तथ्यों के साथ लिखने का प्रयास करें. उसे अत्यधिक लंबा व उबाऊ न बनाएं. 
  • लंबे पैराग्राफ को प्वॉइंट में लिखने का प्रयास करें. 
  • समय हो तो निबंध के शीर्षक को अंडरलाइन करना न भूलें. 

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