Atal Bihari Vajpayee Punyatithi 2024: अटल बिहारी वाजपेयी कि पुण्यतिथि पर यहां देंखें उनके प्रेरणादायक कोट्स

Atal Bihari Vajpayee Death Anniversary 2024: आज 16 अगस्त को पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि है. ये दिन उन्हें श्रद्धांजलि देने का दिन है, जब पूरा देश उनके योगदान को याद करता है. यहां जानें उनके प्रेरणादायक कोट्स

By Shaurya Punj | August 16, 2024 9:18 AM

Atal Bihari Vajpayee Punyatithi 2024: भारत में हर साल 16 अगस्त को अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि मनाई जाती है। वाजपेयी लगातार तीन बार भारत के प्रधानमंत्री रहे और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में एक प्रमुख व्यक्ति थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने 16 अगस्त, 2018 को 93 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली. आज देश के महान नेता और प्रखर वक्ता की पुण्यतिथि पर यहां जानें उनके प्रेरणादायक कोट्स

जीवनरूपी फूल को पूर्ण ताकत के साथ खिलाएं.

अटल बिहारी वाजपेयी

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हम अहिंसा में विश्वास रखे हैं. और यह चाहते हैं कि विश्व के संघर्षों का समाधान शांति और समझौते के मार्ग से हो.

अटल बिहारी वाजपेयी

जीवन को टुकड़ों में नहीं बांटा जा सकता, उसका ‘पूर्णता’ में ही विचार किया जाना चाहिए.

अटल बिहारी वाजपेयी

भारत, कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक फैला हुआ एक राष्ट्र है, अनेक राष्ट्रीयताओं का समूह नहीं.

अटल बिहारी वाजपेयी

शिक्षा के द्वारा व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास होता है, व्यक्तित्व के उत्तम विकास के लिए शिक्षा का स्वरूप आदर्शों से युक्त होना चाहिए. हमारी माटी में आदर्शों की कमी नहीं है. शिक्षा द्वारा ही हम नवयुवकों में राष्ट्र प्रेम की भावना जाग्रत कर सकते हैं.

अटल बिहारी वाजपेयी

सूर्य एक सत्य है जिसे झुठलाया नहीं जा सकता. लेकिन ओस की बूंद भी तो एक सच्चाई है, यह बात अलग है कि यह क्षणिक है

अटल बिहारी वाजपेयी

मुझे स्वदेश-प्रेम, जीवन-दर्शन, प्रकृति तथा मधुर भाव की कविताएँ बाल्यावस्था से ही आकर्षित करती रही हैं.

अटल बिहारी वाजपेयी

छोटे मन से कोई बड़ा नहीं हो सकता, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं हो सकता.

अटल बिहारी वाजपेयी

आदमी की पहचान उसके धन या पद से नहीं होती, उसके मन से होती है. मन की फकीरी पर तो कुबेर की संपदा भी रोती है.

अटल बिहारी वाजपेयी

यदि आपको किसी विशेष पुस्तक में कुछ भी पसंद नहीं है, तो बैठकर चर्चा करें. एक पुस्तक पर प्रतिबंध लगाना इसका समाधान नहीं है. हमें वैचारिक रूप से इसे निपटाना होगा.

अटल बिहारी वाजपेयी

अपना देश एक मन्दिर है, हम पुजारी हैं, राष्ट्रदेव की पूजा में हमने अपने आपको को समर्पित कर देना चाहिए.

अटल बिहारी वाजपेयी

साहित्य और राजनीति के कोई अलग-अलग खाने नहीं होते.

अटल बिहारी वाजपेयी

हम अहिंसा में विश्वास रखे हैं. और यह चाहते हैं कि विश्व के संघर्षों का समाधान शांति और समझौते के मार्ग से हो.

अटल बिहारी वाजपेयी

जो राजनीति में रुचि लेता है, वह साहित्य के लिए समय नहीं निकाल पाता और साहित्यकार राजनीति के लिए समय नहीं दे पाता, लेकिन कुछ ऐसे लोग हैं, जो दोनों के लिए समय देते हैं. वे अभिनंदनीय हैं.

अटल बिहारी वाजपेयी

मनुष्य जीवन अनमोल निधि है पुण्य का प्रसाद है. इसे केवल अपने लिए ही ना जीएं, दूसरों के लिए भी जिएं.

अटल बिहारी वाजपेयी

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