Heavy Rainfall Alert: आप अखबारों और न्यूज चैनलों में भारी बारिश की संभावना, गरज के साथ छींटे पड़ने, कड़ाके की ठंड और लू चलने की खबरें आप सुनते होंगे, पर क्या आपको पता है कि मौसम से जुड़ी जानकारी हमें कैसे मिलती है. आइए जानें
भारत मौसम विज्ञान विभाग से मिलती है मौसम से जुड़ी जानकारी
भारत मौसम विज्ञान विभाग भारत सरकार के मिनिस्ट्री ऑफ अर्थ साइंसेज की एक एजेंसी है. यह मौसम संबंधी ऑब्जरवेशन, मौसम पूर्वानुमान और भूकंप विज्ञान के लिए जिम्मेदार प्रमुख एजेंसी है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) का मुख्यालय दिल्ली में है और यह भारत और अंटार्कटिका में सैकड़ों अवलोकन स्टेशन संचालित करता है. रिजनल ऑफिस चेन्नई, मुंबई, कोलकाता, नागपुर, गुवाहाटी और नई दिल्ली में हैं.
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भारत में मानसून की प्रगति पर नजर रखता है भारत मौसम विज्ञान विभाग
आईएमडी 27 अप्रैल 1949 को स्वतंत्रता के बाद विश्व मौसम विज्ञान संगठन का सदस्य बना. भारतीय कृषि पर मानसून की बारिश के महत्व के कारण एजेंसी को प्रमुखता मिली है. यह वार्षिक मानसून पूर्वानुमान तैयार करने के साथ-साथ हर मौसम में पूरे भारत में मानसून की प्रगति पर नजर रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
मौसम वैज्ञानिक कैसे बनें ?
मौसम के बारे में जागरूकता कई लोगों को होती है. बारिश कैसे होती है, ओले कैसे पड़ते हैं, कड़कड़ती ठंड कब तक रहेगी ये लू के थपेड़े कब तक चलेंगे, ये सब जानने या इसके बारे में पता लगाने में दिलचस्पी है, तो आप मौसम विज्ञान में अपना करियर बना सकते हैं.
मौसम वैज्ञानिक बनने के लिए जरूरी है कि 12वीं में फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथ की पढ़ाई की हो. साइंस मीडियम के छात्र-छात्राएं ही मौसम विज्ञान यानी मीट्रियोलॉजी से जुड़े कोर्सों में एडमिशन ले सकते हैं.
Meteorology Courses: मौसम वैज्ञानिक बनने के लिए ये कोर्स कर सकते हैं
फिजिकल मेटियोरोलॉजी (Physical Meteorology)
क्लाइमेटोलॉजी (Climatology)
एग्रीकल्चर मेटियोरोलॉजी (Agriculture Meteorology)
एविएशन मेटियोरोलॉजी (Aviation Meteorology)
सिनॉप्टिक मेटियोरोलॉजी (Synoptic Meteorology)
डायनामिक मेटियोरोलॉजी (Dynamic Meteorology)
सैटेलाइट मेटियोरोलॉजी (Satellite Meteorology)