History 17 June: आज ही के दिन फ्रांस से उपहार में मिली ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ को अमेरिका को सौंपा गया
History 17 June: इतिहास के पन्नों में 17 जून के नाम कई महत्वपूर्ण घटनाएं दर्ज हैं. आज ही के दिन ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ अमेरिका को फ्रांस की तरफ से उपहार में मिली थी और इस विशाल मूर्ति को 17 जून के ही दिन अमेरिका को सौंपा गया था.
History 17 June: हर देश में कोई न कोई ऐसा स्थान, स्मारक, पर्यटन स्थल या भवन होता है, जो उसकी पहचान होता है. ताजमहल को भारत की पहचान के तौर पर देखा जा सकता है तो ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ को अमेरिका की पहचान कहा जा सकता है. आज की पीढ़ी के लिए यह तथ्य रोचक हो सकता है कि ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ अमेरिका को फ्रांस की तरफ से उपहार में मिली थी और इस विशाल मूर्ति को 17 जून के ही दिन अमेरिका को सौंपा गया था.
चार जुलाई, 1776 को अमेरिका की स्वतंत्रता की स्मृति में फ्रांसीसियों द्वारा उपहार स्वरूप दिए गए ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ का निर्माण फ्रांस और अमेरिका दोनों के संयुक्त प्रयासों से किया गया था. दोनों देशों की सरकारों के बीच हुए एक समझौते के तहत अमेरिकी लोगों ने इस मूर्ति का आधार बनाया, जबकि फ्रांसीसी लोगों ने मूर्ति को आकार और स्वरूप दिया. तांबे की यह शानदार मूर्ति अमेरिका के न्यूयार्क शहर के मैनहट्टन में ‘लिबर्टी द्वीप’ पर स्थित है.
देश-दुनिया के इतिहास में 17 जून की तारीख में दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:-
1756 : नवाब सिराजुद्दौला ने 50 हजार सैनिकों के साथ कलकत्ता (अब कोलकाता) पर आक्रमण किया.
1799 : नेपोलियन बोनापार्ट ने इटली को अपने साम्राज्य में शामिल किया.
1855 : ‘स्टैच्यू ऑफ लिबर्टी’ को न्यूयॉर्क के बंदरगाह लाया गया.
1917 : महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम में हृदय कुंज को अपना आवास बनाया.
1938 : जापान ने चीन के खिलाफ युद्ध की घोषणा की.
1944 : जर्मनी ने द्वितीय विश्वयुद्ध में समर्पण किया.
1974 : ब्रिटेन की संसद में बम विस्फोट, 11 लोग घायल.
1980 : अमेरिका ने अपनी 160 परमाणु मिसाइल को ब्रिटेन में रखने का ऐलान किया, ताकि किसी भी संकट की स्थिति में इनका इस्तेमाल किया जा सके.
2002 : कराची में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को दोबारा खोला गया.
2004 : मंगल पर पृथ्वी की चट्टानों से मिलते-जुलते पत्थर मिले.
2004 : बगदाद में सेना के भर्ती केन्द्र पर विस्फोट में 42 लोगों की मौत.
2008 : देश में विकसित हल्के लड़ाकू विमान ‘तेजस’ का बेंगलुरु में सफलतापूर्वक परीक्षण.
2008 : रूस ने अपने विनाशकारी रासायनिक हथियारों का जखीरा 2012 तक नष्ट करने की दिशा में कदम बढ़ाया.