IIT Placement: जानिए क्या है 3i, जिसकी तलाश में आईआईटी छात्र नहीं पाते प्लेसमेंट
आईआईएम लखनऊ जैसे टॉप मोस्ट मैनेजमेंट संस्थान द्वारा प्लेसमेंट के लिए पूर्व छात्रों से मदद मांगने के कुछ ही महीनों बाद अब आईआईटी बॉम्बे में 36% बैचलर स्टूडेंट्स को अभी भी प्लेसमेंट नहीं मिला हैं.
IIT Placement: इन दिनों आईआईटी बॉम्बे में 36% बैचलर स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट नहीं मिलने वाली खबर काफी तेजी से फैल रही है. ऐसे में सवाल यह आता है कि आखिर किन कारणों से आईआईटी के छात्र का 100% प्लेसमेंट नहीं हो पाता. आईआईटी में पढ़ रहे अधिकतर छात्र 3I की तलाश करते हैं. अब आप यह सोच रहे होंगे की ये 3 आई है क्या. आइए बताते हैं 3 आई के बारे में.
3 आई का मतलब है – इंडस्ट्री, इनोवेशन और इनकम. बहुत ऐसे छात्र हैं, जो आईआईटी से डिग्री लेने के बाद एक खुद की स्टार्टअप कंपनी शुरू करने की चाह रखते हैं. बहुत ऐसे हैं, जो किसी दूसरे फील्ड में बहुत बड़ा इनोवेशन कर देते हैं. जैसे किसी कंपनी को पूर्ण रूप से एक अलग रणनीति के साथ चीजों को अगले लेवल पर लाकर रख देते हैं. वही तीसरे आई का मतलब है इनकम. बहुत ऐसे छात्र होते हैं, जो एक बेहतर इनकम की तलाश में कैंपस प्लेसमेंट नहीं ले पाते.
दरअसल बीते महीने यह खबर आई कि आईआईएम लखनऊ जैसे टॉप मोस्ट मैनेजमेंट संस्थान द्वारा प्लेसमेंट के लिए पूर्व छात्रों से मदद मांगी गई. इसके बाद अब आईआईटी बॉम्बे में भी 36% बैचलर स्टूडेंट्स को प्लेसमेंट नहीं मिलने वाली खबर आई हैं. इस साल आईआईटी बॉम्बे में प्लेसमेंट के लिए 2000 छात्रों ने रजिशट्रेसन कराया था, जिसमें से 712 छात्रों की प्लेसमेंट नहीं हो सकी.
अगर आप इसको परसेंटेज में कन्वर्ट करेंगे तो लगभग 36% विद्यार्थियों को प्लेसमेंट नहीं मिली है. आपको जानकारी के लिए यह भी बता दें कि NIRF रैंकिंग के अनुसार, IIT बॉम्बे 2021 और 2022 में तीसरे स्थान पर और 2023 में भारत के सभी संस्थानों में चौथे स्थान पर रहा है.
इसको लेकर प्रभात खबर की टीम ने आईआईटी बॉम्बे के छात्र धनंजय अग्निहोत्री से बातचीत की. धनंजय बताते हैं कि वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं और भर्ती में मंदी का असर हाल के स्नातकों, यहां तक कि प्रतिष्ठित संस्थानों के स्नातकों पर भी पड़ रहा है. बहुत बच्चे एक्सटर्नली मतलब बाहर से जॉब के लिए अपलाई करते हैं.
उम्मीद है कि मई तक बहुत बच्चों का प्लेसमेंट हो जाएगा. क्योंकि, इस वक्त ज्यादा कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट में हिस्सा लेती हैं. मीडियन पैकेज की बात करें तो 26 से 27 लाख सालाना मिलता है जबकि हाईएस्ट पैकेज करोड़ों में जाता है. प्लेसमेंट में हिस्सा लेने के लिए स्टूडेंट्स को अलग से रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है.
जब प्रभात खबर संवाददाता ने आईआटी बॉम्बे के पीआरओ स्पोक पर्सन फालगुनी नाहा से बात की तो, पीआरओ स्पोक पर्सन बताती है कि इस साल का प्लेसमेंट ड्राइव अभी चल रहा है. इस साल का प्लेसमेंट पूरा होने पर हम फाइनल डेटा शेयर करेंगे. 36%वाला आधा-अधूरा इंफॉर्मेशन है. आपको बता दें कि मई तक प्लेसमेंट चलेगा.
आईआईटी बॉम्बे द्वारा शेयर किया गया 2022-23 की एग्जिट सर्वे
आईआईटी बॉम्बे के 36% छात्रों के प्लेसमेंट में असफल होने की रिपोर्ट के बाद, संस्थान ने 2022-23 में स्नातक छात्रों के बीच किए गए एक एग्जिट सर्वे के डेटा को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है. जिससे पता चलता है कि 57.1% विद्यार्थियों का कैंपस प्लेसमेंट हुआ जबकि 10.3% को एक्सटर्नल प्लेसमेंट मिला. 12.2% हाएयर डिग्री के लिए पढ़ाई जारी रखा. 8.3% ने पब्लिक सर्विस को चुना. 4.3% ऐसे थे जिनहोंने अभी कुछ डिसाइड ही नहीं किया कि आगे उन्हें क्या करना चाहिए. 1.6% ऐसे थे जिन्होंने स्टार्टअप को चुना और बाकी के 6.1% अभी भी जॉब की तलाश में हैं.
स्नातक के बच्चे ज्यादा बेरोजगार
ILO ने कहा, “भारत में बेरोजगारी मुख्य रूप से युवाओं, विशेषकर माध्यमिक स्तर या उससे अधिक शिक्षा प्राप्त युवाओं के बीच एक समस्या थी और समय के साथ यह बढ़ती गई, भारत में युवा बेरोजगारी दर अब वैश्विक स्तर से अधिक है.”
रिपोर्ट से यह भी पता चलता है कि शिक्षित बेरोजगार युवाओं में महिलाओं की हिस्सेदारी 76.7% है, जबकि पुरुषों की संख्या 62.2% है. ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी अधिक है. ILO ने कहा कि भारत में महिला श्रम बल भागीदारी दर दुनिया में सबसे कम, लगभग 25% है.