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National Farmers Day 2023: राष्ट्रीय किसान दिवस आज, एग्रीकल्चर में बोयें सुनहरे भविष्य के बीज

National Farmers Day 2023, Jobs and Vacancy in Agriculture Sector: भारत में हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है. आज एग्रीकल्चर साइंस में करियर की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है. जानें कृषि में मौजूद राहों के बारे में...

National Farmers Day 2023, Jobs and Vacancy in Agriculture Sector: भारत में हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है. कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जो हमें भोजन के साथ कई तरह के व्यवसाय के लिए कच्चा माल भी उपलब्ध कराती है. एग्रीकल्चर सेक्टर में टेक्नोलॉजी के विकास ने करियर के दायरे का भी विस्तार किया है. कृषि में करियर का अर्थ सिर्फ खेत में दिन-रात मेहनत कर फसलें उगाना भर नहीं है, आज एग्रीकल्चर साइंस में करियर की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है. जानें कृषि में मौजूद राहों के बारे में…

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एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग

कृषि हमारे देश की अर्थव्यवस्था का एक प्रमुख आधार है. इसलिए खेती की तकनीक एवं उपकरणों के विकास पर लगातार काम हो रहा है और इसमें एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की महत्वपूर्ण भूमिका है. वैसे तो एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग बहुत पहले से कोर्स के तौर पर मौजूद है, लेकिन हाल के वर्षों में इस ब्रांच से डिग्री हासिल करनेवालों के लिए मौके बढ़े हैं. एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में कृषि के क्षेत्र में काम आनेवाले उपकरणों के विकास और निर्माण के साथ खेती में उपयोग में लाये जानेवाले बीज और खाद की उन्नत किस्मों पर काम होता है. एग्रीकल्चर में बीटेक के बाद एमटेक या एमएससी कर के अच्छा करियर बना सकते हैं.

यहां है भविष्य बनाने के मौके

एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद कृषि उपकरणों को डिजाइन करने, फसल उत्पाद तैयार करनेवाली कंपनियाें, मिट्टी और पानी के संरक्षण के क्षेत्र में काम करनेवाले संस्थान में करियर बना सकते हैं. सरकारी विभागों एवं सार्वजनिक क्षेत्र के संगठनों, एग्रीबिजनेस फर्म, रिसर्च ऑर्गनाइजेशन एवं लेबोरेटरी, बैंक और वित्तीय निगम आदि में रिसर्च, मैनेजमेंट, सेल्स एवं मार्केटिंग की जॉब के मौके होते हैं. डिग्री हासिल करने के बाद एग्रीकल्चर इंजीनियर, एग्रीकल्चर क्रॉप इंजीनियर, एग्रीकल्चर स्पेशलिस्ट, सॉइल साइंटिस्ट, सर्वे रिसर्च एग्रीकल्चर साइंटिस्ट आदि के तौर पर आगे बढ़ सकते हैं.

हॉर्टिकल्चर

हॉर्टिकल्चर पौधों (अनाज, फल, सब्जियां, फूल आदि) को उगाने का विज्ञान और कला है. यह विषय अनाज, फलों, फूलों, सब्जियों, जड़ी-बूटियों, सजावटी पेड़ों की खेती और बागानों में वृक्षारोपण से संबंधित है. साइंस स्ट्रीम से बारहवीं करनेे के बाद हॉर्टिकल्चर में बैचलर डिग्री में प्रवेश का रास्ता बनता है. आप बीएससी हॉर्टिकल्चर (ऑनर्स) या बीएससी एग्रीकल्चर में तीन वर्षीय डिग्री कोर्स और उसके बाद दो वर्षीय एमएससी हॉर्टिकल्चर (ऑनर्स) एवं पीएचडी तक कर सकते हैं.

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करियर राहें हैं यहां

सरकारी निकायों, जैसे भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर), भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई), सीएसआईआर-राष्ट्रीय वानस्पतिक अनुसंधान संस्थान (एनबीआरआई), कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीईडीए) में हॉर्टिकल्चरिस्ट की नियुक्ति की जाती है. इसमें उद्यान अधिकारी, कृषि अधिकारी, तकनीकी अधिकारी, फल व सब्जी निरीक्षक, उद्यान पर्यवेक्षक, कृषि विकास अधिकारी के तौर पर आगे बढ़ने के मौके मौजूद हैं. इसके अलावा हॉर्टिकल्चर स्पेशलिस्ट, फ्रूट-वेजिटेबल इंस्पेक्टर, हॉर्टिकल्चरिस्ट बनने का विकल्प है.

एग्रोनॉमी

एग्रोनॉमी के जरिये खेत प्रबंधन के माध्यम से अधिकतम खाद्यान्न उत्पादन के तरीके खोजने की कोशिश की जाती है. देश के कृषि विश्वविद्यालयों में बीएससी एग्रोनॉमी और एमएससी एग्रोनॉमी की पढ़ाई कराई जाती है. फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स या बायोलॉजी या एग्रीकल्चर से 12वीं पास छात्र बीएससी एग्रोनॉमी में प्रवेश ले सकते हैं. एमएससी करने के लिए बीएससी एग्रीकल्चर साइंस या बीएससी एग्रोनॉमी होना चाहिए.

आगे बढ़ने की राहें हैं यहां

एग्रोनॉमी की पढ़ाई करनेवाले प्लांट साइंटिस्ट या सॉयल साइंटिस्ट बन सकते हैं. यह विषय एग्रोनॉमिस्ट या क्रॉप कंसल्टेंट, सॉयल कंजर्वेशनिस्ट, प्लांट ब्रीडर, लैब रिसर्चर आदि के तौर पर भविष्य बनाने के मौका देता है. इसके अलावा सीड कंपनियों के डिस्ट्रिक्ट सेल्स मैनेजर, कृषि आधारित कंपनियों के लिए क्रॉप कंसल्टेंट्स के तौर पर भी काम कर सकते हैं.

एग्री बिजनेस मैनेजमेंट

एग्री-बिजनेस के तहत अनाज के प्रसंस्करण, भंडारण, मार्केटिंग, मैनेजमेंट, फाइनेंस आदि कार्य आते हैं. आप अगर एग्रीकल्चर सेक्टर में रुचि रखते हैं, तो एग्री-बिजनेस की पढ़ाई कर एक संभावनाओं भरे करियर में कदम रख सकते हैं. एग्री-बिजनेस के क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए साइंस डिसिप्लिन से 12वीं करने के बाद एग्रीकल्चर के डिग्री कोर्स में प्रवेश लेना अच्छा विकल्प है. एग्रीकल्चर में बैचलर डिग्री कोर्स करने के बाद आप किसी अच्छे संस्थान से एग्री-बिजनेस में मास्टर्स, एमबीए, पीजीडी, पीजीडीएम कर इस क्षेत्र में उम्दा करियर की नींव रख सकते हैं.

बेहतरीन अवसर हैं जॉब के

एग्रीबिजनेस की डिग्री कई रास्ते खोलती है. आप फार्मिंग, रिटेल मार्केटिंग, फूड प्रोसेसिंग, फूड प्रोडक्शन आदि में से कोई भी विकल्प चुन सकते हैं. आप इस क्षेत्र में एग्रीबिजनेस फूड मैनेजर, एग्रीबिजनेस मार्केटिंग कोऑर्डिनेटर, एग्रीबिजनेस ऑफिस असिस्टेंट, एग्रीकल्चर एनालिस्ट, फार्म मैनेजर, क्रॉप प्रोड्यूसर, मार्केट एनालिस्ट, क्वालिटी कंट्रोलर के तौर पर जॉब शुरू कर सकते हैं.

एग्री बिजनेस के पेशेवरों के लिए फूड प्रोडक्शन कंपनियों, फार्मिंग इंडस्ट्री, पब्लिक एवं प्राइवेट सेक्टर, मार्केटिंग इंडस्ट्री, रिटेल इंडस्ट्री में मौके उपलब्ध हैं. एग्रीबिजनेस में डिग्री एवं डिप्लोमा कोर्स करने वालों के लिए गवर्नमेंट सेक्टर, जैसे नेशनल बैंक ऑफ एग्रीकल्चर एंड रूरल डेवलपमेंट (नाबार्ड), फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई), फर्टिलाइजर्स एंड केमिकल्स त्रावणकोर लिमिटेड (एफएसीटी) एवं कृषि मंत्रालय आदि में भी नौकरी के अवसर मौजूद हैं.

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