Parliament Session: जानें भारत में कितने संसद सत्र होते हैं, किसे होता है विशेष सत्र बुलाने का अधिकार
Parliament session: भारत में संसद के तीन नियमित सत्र होते हैं - बजट, मानसून और शीतकालीन. राष्ट्रपति विशेष परिस्थितियों में विशेष सत्र भी बुला सकते हैं.
Parliament session: भारत में संसद के वर्ष में तीन नियमित सत्र होते हैं – बजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र. इन सत्रों के अलावा, विशेष परिस्थितियों में राष्ट्रपति संसद का विशेष सत्र भी बुला सकते हैं.
नियमित संसद सत्र
- बजट सत्र: यह सत्र फरवरी के अंत या मार्च के शुरू में शुरू होता है और मई तक चलता है. इस दौरान वित्त मंत्री वार्षिक आर्थिक सर्वेक्षण और संघ बजट प्रस्तुत करते हैं.
- मानसून सत्र: यह जुलाई के अंत या अगस्त के शुरू में शुरू होता है और सितंबर में समाप्त होता है. इस दौरान सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयकों पर चर्चा और मतदान होता है.
- शीतकालीन सत्र: यह नवंबर के अंत या दिसंबर के शुरू में शुरू होता है और दिसंबर में समाप्त होता है. इस दौरान सरकार द्वारा पारित किए गए विधेयकों पर चर्चा और मतदान होता है.
विशेष संसद सत्र
राष्ट्रपति किसी भी समय संसद का विशेष सत्र बुला सकते हैं. ऐसा तब होता है जब किसी महत्वपूर्ण मुद्दे पर चर्चा और निर्णय लेने की आवश्यकता होती है. उदाहरण के लिए, 1974 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद संसद का एक विशेष सत्र बुलाया गया था.
Parliament session: संसद सत्रों की अध्यक्षता
लोकसभा के अध्यक्ष संसद के सभी सत्रों की अध्यक्षता करते हैं. जब लोकसभा भंग हो जाती है या लोकसभा का कार्यकाल समाप्त हो जाता है, तब राज्यसभा के सभापति संसद के विशेष सत्रों की अध्यक्षता करते हैं.
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Parliament session: संसद के नियमित और विशेष सत्रों का आयोजन भारत की लोकतांत्रिक प्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. ये सत्र सरकार और विपक्ष के बीच वाद-विवाद और सहमति बनाने का मंच प्रदान करते हैं. साथ ही, ये सत्र जनता की आवाज को संसद तक पहुंचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम भी हैं.