Raja Ram Mohan Roy Jayanti 2024: राजा राम मोहन रॉय की जयंती पर यहां देखें उनके अनमोल वचन

Raja Ram Mohan Roy Jayanti 2024: राजा राम मोहन रॉय का जन्म 22 मई 1772 को बंगाल के हुगली जिले के में राधानगर गांव में हुआ था. राजा राम मोहन राय आधुनिक वैज्ञानिक दृष्टिकोण रखने वाले एक समाज सुधारक थे. आइए जानें उनके अनमोल विचार

By Shaurya Punj | May 22, 2024 9:16 AM
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Raja Ram Mohan Roy Jayanti 2024: आज 22 मई को राजा राम मोहन रॉय की जयंती मनाई जा रही है. आज ही के दिन साल 1772 को राजा राम मोहन रॉय का जन्म हुआ था. भारत के राजा राममोहन रॉय नामक एक सुधारक ने 1828 में ब्रह्म सभा की स्थापना में मदद की. वह ब्रह्म समाज के अग्रदूत थे, जो सामाजिक और धार्मिक सुधार के लिए एक भारतीय उपमहाद्वीपीय आंदोलन था. मुगल सम्राट अकबर द्वितीय ने उन्हें राजा की उपाधि दी थी. राजनीति, सरकार, शिक्षा और धर्म के क्षेत्रों में राजा रॉय का महत्वपूर्ण प्रभाव था.

यहां देखें राजा राम मोहन रॉय के कोट्स

स्त्रियां यदि शिक्षित होंगी तो उनको अपने अधिकारों का ज्ञान होगा. उनके भीतर से हीनता की भावना समाप्त होगी.
राजा राम मोहन रॉय

ईश्वर केवल एक है. उसका कोई अंत नहीं, सभी जीवित वस्तुओं में परमात्मा का अस्तित्व है.
राजा राम मोहन रॉय

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बुद्धिमान और अच्छे लोग हमेशा उन लोगों को चोट पहुँचाने में अनिच्छुक महसूस करते हैं, जो उनसे बहुत कम ताकत वाले होते हैं.”
राजा राम मोहन रॉय

तर्क से प्राप्त सत्य का ही पालन करना चाहिए, उसकी अवहेलना कोई नहीं कर सकता.
राजा राम मोहन रॉय

अंधविश्वास के अंधकार से बाहर निकलो, आत्मा की शुद्धता में ही सच्चा धर्म है.
राजा राम मोहन रॉय

पाप कर्म का त्याग करना तथा उसके लिए प्रायश्चित करना मोक्ष का साधन है.
राजा राम मोहन रॉय

शिक्षा ही समाजिक बदलाव का सबसे महत्वपूर्ण माध्यम है.
राजा राम मोहन रॉय

किसी भी धर्म का ग्रन्थ पढने से जाति भ्रष्ट होने का प्रश्न ही नहीं उठता. मैंने तो कई बार बाइबिल और कुरानेशरीफ को पढ़ा है. मै न तो ईसाई बना और न ही मुसलमान बना. बहुत से यूरोपियन गीता और रामायण पढ़ते हैं, वे तो हिंदू नहीं हुए.
राजा राम मोहन रॉय

विचलित करने वाले अन्धविश्वासी हैं, धर्माध हैं, वे पूरे समाज में अन्धकार फैलाना चाहते हैं.
राजा राम मोहन रॉय

समाचार- पत्रों को पिछड़ी जातियों तक पहुंचाया जाए, जिससे कि वे ज्ञान के प्रकाश से सराबोर हो सके.
राजा राम मोहन रॉय

हिन्दी में अखिल भारतीय भाषा बनने की क्षमता है.
राजा राम मोहन रॉय

मैं हिन्दू धर्म का नहीं, उसमें व्याप्त कुरीतियों का विरोधी हूं.
राजा राम मोहन रॉय

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