Rani Lakshmibai Death Anniversary 2024: रानी लक्ष्मीबाई, जिन्हें झांसी की रानी के नाम से भी जाना जाता है, उत्तर भारत में झांसी रियासत की रानी थीं. 18 जून, 1858 को ग्वालियर में अंग्रेजों के खिलाफ लड़ते हुए उनकी मृत्यु हो गई. वह भारत की बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थीं और एक निडर महिला थीं जिन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ बहादुरी से लड़ाई लड़ी. 18 जून, 1858 को युद्ध में उनकी जान चली गई. यहां देखें रानी लक्ष्मीबाई के प्रेरणादायक कोट्स
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,
चमक उठी सन सत्तावन में वह तलवार पुरानी थी
बुंदेले हरबोलों के मुँह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वो तो झाँसी वाली रानी थी.
रानी लक्ष्मीबाई
शौर्य और वीरता झलकता है लक्ष्मीबाई के नाम में,
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की डोरी थी जिसके हाथ में.
रानी लक्ष्मीबाई को नमन
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मातृभूमि के लिए झांसी की रानी ने जान गवाई थी,
अरि दल कांप गया रण में, जब लक्ष्मीबाई आई थी.
रानी लक्ष्मीबाई
हर औरत के अंदर है झाँसी की रानी,
कुछ विचित्र थी उनकी कहानी
मातृभूमि के लिए प्राणाहुति देने को ठानी,
अंतिम सांस तक लड़ी थी वो मर्दानी.
रानी लक्ष्मीबाई
रानी लक्ष्मी बाई लड़ी तो,
उम्र तेईस में स्वर्ग सिधारी
तन मन धन सब कुछ दे डाला,
अंतरमन से कभी ना हारी.
रानी लक्ष्मीबाई
मुर्दों में भी जान डाल दे,
उनकी ऐसी कहानी है
वो कोई और नहीं,
झांसी की रानी हैं
रानी लक्ष्मीबाई
अपने हौसले की एक कहानी बनाना,
हो सके तो खुद को झांसी की रानी बनाना.
रानी लक्ष्मीबाई
दूर फिरंगी को करने की सबने मन में ठानी थी,
चमक उठी सन सत्तावन में, वह तलवार पुरानी थी,
बुंदेले हरबोलों के मुंह हमने सुनी कहानी थी,
खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी.
रानी लक्ष्मीबाई को नमन