Rooftop Solar भारत में रूफटॉप सोलर प्रणाली एक उभरता हुआ और तेजी से बढ़ता क्षेत्र है, जो देश के ऊर्जा मिक्स में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. इस प्रणाली में घरों, व्यावसायिक इमारतों और संस्थानों की छतों पर सौर पैनल लगाए जाते हैं, जो बिजली उत्पादन में मदद करते हैं. यह न केवल ऊर्जा की मांग को पूरा करने में मदद करता है, बल्कि पर्यावरण के अनुकूल होने के कारण भी लोकप्रिय हो रहा है.
भारत में रूफटॉप सोलर क्षमता
मार्च 2024 तक, भारत की रूफटॉप सोलर (RTS) क्षमता 11.87 गीगावाट (GW) थी, जिसमें वर्ष 2023-2024 के दौरान स्थापित क्षमता में 1.63 GW की वृद्धि हुई थी. यह संकेत देता है कि रूफटॉप सोलर प्रणाली भारत में तेजी से अपनाई जा रही है और इसकी क्षमता में लगातार वृद्धि हो रही है.
Rooftop Solar में सब्सिडी योजना
केंद्र सरकार ने रूफटॉप सोलर को बढ़ावा देने के लिए “सोलर रूफटॉप सब्सिडी योजना” शुरू की है. इस योजना के तहत, घरों और व्यावसायिक संस्थानों को सोलर पैनल लगाने पर 25% की सब्सिडी दी जाती है. यह योजना लोगों को सोलर पैनल लगाने के लिए प्रोत्साहित करती है और इसकी लागत को कम करने में मदद करती है.
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चुनौतियां और भविष्य की संभावनाएं
हालांकि रूफटॉप सोलर प्रणाली के अपनाने में तेजी आई है, लेकिन इसके सामने कुछ चुनौतियां भी हैं. इनमें से कुछ प्रमुख चुनौतियों में शामिल हैं: उच्च लागत, कम जागरूकता, वित्तीय मुद्दे और बिजली वितरण कंपनियों (DISCOMs) के साथ समन्वय की कमी. इन चुनौतियों को दूर करने के लिए, सरकार और अन्य हितधारकों को मिलकर काम करना होगा.
Rooftop Solar भविष्य में, रूफटॉप सोलर प्रणाली भारत के ऊर्जा मिक्स में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी. सरकार ने 2030 तक 40 गीगावाट रूफटॉप सोलर क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए, सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर काम करना होगा. साथ ही, तकनीकी प्रगति और लागत में कमी भी इस क्षेत्र को और बढ़ावा देने में मदद करेगी.
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