Sadbhavana Diwas 2024: राजीव गांधी की जयंती पर आज मनाया जा रहा है सद्भावना दिवस, जानें इस दिन का महत्व
Sadbhavana Diwas 2024: सद्भावना दिवस सभी धर्मों के भारतीयों के बीच राष्ट्रीय एकता, शांति, सहानुभूति और सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है. यह खास दिवस आज 20 अगस्त के दिन राजीव गांधी के जयंती के दिन मनाया जाता है.
Sadbhavana Diwas 2024: हमारा देश इस वर्ष राजीव गांधी की 79वीं जयंती के उपलक्ष्य में सद्भावना दिवस 2024 मना . दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सम्मान में भारत हर साल 20 अगस्त को सद्भावना दिवस मनाता है. राजीव गांधी की मृत्यु के एक साल बाद 1992 में कांग्रेस ने राजीव गांधी सद्भावना पुरस्कार की स्थापना की.
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सद्भावना दिवस का इतिहास क्या है ?
1984 से 1989 तक राजीव गांधी भारत के प्रधानमंत्री थे. वे देश को आधुनिक बनाने और सामाजिक न्याय संबंधी चिंताओं से निपटने के अपने प्रयासों के लिए प्रसिद्ध हैं. उनके प्रशासन के तहत शांति, शिक्षा और प्रौद्योगिकी में सुधार की पहल को लागू किया गया. राजीव गांधी ने कई बाधाओं को पार किया, लेकिन सांप्रदायिक सद्भाव और राष्ट्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने के लिए उनके समर्पण का लंबे समय तक प्रभाव रहा. उनकी दृष्टि का सम्मान करने और लोगों को उनके मूल्यों को बनाए रखने के लिए प्रेरित करने के लिए सद्भावना दिवस की स्थापना की गई.
सद्भावना दिवस का महत्व क्या है ?
सद्भावना दिवस का लक्ष्य एकीकरण और राष्ट्रीय सामंजस्य की मजबूत भावना को बढ़ावा देना है. इस दिन को मनाने से लोगों को एक ऐसा समाज बनाने की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित किया जाता है जो समावेशी और सामंजस्यपूर्ण हो और उन्हें भारतीयों के रूप में उनकी आम पहचान की याद दिलाई जाती है.
इस दिन देश के लिए राजीव गांधी की सेवाओं का सम्मान किया जाता है, खासकर सामाजिक अन्याय को संबोधित करने और प्रौद्योगिकी को आगे बढ़ाने के उनके काम का. यह एक शांतिपूर्ण और आगे की सोच वाले भारत के निर्माण के उनके लक्ष्य पर जोर देता है.
राजीव गांधी कौन थे ?
राजीव गांधी देश के सबसे युवा प्रधानमंत्री थे. वे 40 वर्ष की आयु में प्रधानमंत्री बने. भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू उनके दादा थे. उनकी मां इंदिरा गांधी भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं. इंदिरा गांधी की हत्या के बाद राजीव गांधी प्रधानमंत्री बने. वे 1984-89 तक प्रधानमंत्री रहे.
उन्होंने देश के विकास में बहुत योगदान दिया. उन्होंने 1986 में भारत भर में उच्च शिक्षा कार्यक्रमों के आधुनिकीकरण और विस्तार के लिए शिक्षा पर एक राष्ट्रीय नीति की घोषणा की. उन्होंने 1986 में समाज के ग्रामीण वर्ग के उत्थान के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय प्रणाली नामक एक केंद्र सरकार आधारित संस्था की स्थापना की, जो उन्हें 6वीं से 12वीं कक्षा तक निःशुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान करती है. उनके प्रयासों के कारण, 1986 में MTNL की स्थापना की गई और ग्रामीण क्षेत्रों में टेलीफोन के प्रसार के लिए सार्वजनिक कॉल कार्यालय (PCO) भी बनाए गए.
1990 के बाद, उन्होंने लाइसेंस राज को कम करने के उपायों की शुरुआत की, जिससे व्यवसायों और व्यक्तियों को नौकरशाही प्रतिबंधों के बिना पूंजी, उपभोक्ता सामान और आयात खरीदने की अनुमति मिली. उन्होंने मतदान की आयु 18 वर्ष निर्धारित की तथा पंचायती राज को भी इसमें शामिल किया. उन्होंने युवा शक्ति को बहुत प्रोत्साहित किया तथा कहा कि देश का विकास देश के युवाओं की जागरूकता पर ही निर्भर करता है. इसीलिए युवाओं को रोजगार देने के लिए जवाहर रोजगार योजना की शुरुआत की गई.