Loading election data...

Salvinia Molesta: खरपतवार से छुटकारा पाने के लिए विदेश से कौन सा कीट भारत लाया गया, जानें

Salvinia Molesta: मध्य प्रदेश के बैतूल क्षेत्र में तवा नदी पर निर्मित सारणी जलाशय (सतपुड़ा बांध) में बाहर से आयी हुई एक विदेशी कीट की सहायता से, आक्रामक खरपतवार प्रजाति से मुक्ति पया गया. इस लेख के माध्यम से हम जानेंगे क्या है साल्विनिया मोलेस्टा, कौन से कीड़े से छुटकारा पाया गया.

By Govind Jee | July 12, 2024 1:22 AM
an image

Salvinia Molesta: मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में तवा नदी पर निर्मित सारणी जलाशय (सतपुड़ा बांध) में बाहर से मंगा कर डाले गए एक विदेशी कीट की सहायता से, साल्विनिया मोलेस्टा या जल फर्न के नाम से अत्यंत हानिकारक जलीय खरपतवार को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया है. साल्विनिया मोलेस्टा – ब्राजील का एक स्वतंत्र रूप से तैरने वाला जलीय फर्न – इस रिजर्व के लिए समस्याएँ पैदा करता था, जिसे “वॉटर फर्न” और “चीनी झालर” नामों से भी जाना जाता है.

Salvinia Molesta: क्या है

साल्विनिया मोलेस्टा, को विशाल साल्विनिया या करिबा खरपतवार के रूप में जाना जाता है, यह प्रजाति बेहद आक्रामक फ्लोटिंग फर्न है जो दक्षिण-पूर्वी ब्राजील से होता है. यह दुनिया भर में कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में फैल गया है जिससे की इसे दुनिया भर में सबसे आक्रामक जलीय पौधों में से एक माना जाता है.

Salvinia Molesta: क्या है इसका प्रभाव

मोलेस्टा बहुत समस्याग्रस्त है क्योंकि यह जलीय पारिस्थितिकी तंत्रों पर तेजी से उपनिवेश स्थापित करने और उन पर हावी होने की क्षमता रखता है, जिससे देशी पौधों को नुकसान पहुँचता है और इसकी जो घनी परतें हैं जिससे की सूर्य के प्रकाश को रोकती है, ऑक्सीजन के स्तर को कम करती हैं और मछलियों और अन्य जलीय जीवों के लिए पानी की गुणवत्ता को भी खराब करती हैं, नौका विहार, मछली पकड़ने, तैराकी में बाधा डालती हैं और सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए पानी के सेवन को रोकती हैं, साल्विनिया मोलेस्टा जो रोग फैलाने वाले मच्छरों के लिए आदर्श प्रजनन घर प्रदान करती हैं.

Cyrtobagous salviniae

Salvinia Molesta: क्यों है चर्चा में

हाल ही में मध्य प्रदेश के बैतूल क्षेत्र में तवा नदी पर निर्मित सारणी जलाशय (सतपुड़ा बांध) में बाहर से आयी हुई एक विदेशी कीट की सहायता से, साल्विनिया मोलेस्टा या जल फर्न नामक एक बहुत ही खतरनाक जलीय वनस्पति को पूरी तरह से नष्ट कर दिया गया जिससे की खरपतवार से निजात पाया गया. यह छुटकारा एक विदेशी कीट (सिर्टोबेगस सालवीनिया) की मदद से खरपतवार को हटाया गया. सिर्टोबैगस साल्विनिया एक कीट की प्रजाति है जिससे विशाल साल्विनिया नामक विषैले जलीय पौधे के विरुद्ध जैविक कीट प्रबंधन एजेंट के रूप में उपयोग किया जाता है.

डाउन टो अर्थ के रिपोर्ट के अनुसार ब्राजील मूल के सालवीनिया मोलेस्टा को खाने वाले बायो एजेंट सिर्टोबेगस सालवीनिया पर गहन शोध के बाद ही इसे भारत लाया गया है और सरकार की अनुमति के बाद इसे खरपतवार पर छोड़ा गया है.

पढ़ेंPalm tree, जानें कैसे ताड़ के पेड़ प्रकृति और प्रौद्योगिकी का संयोजन कर जीवन बचाते हैं

Salvinia Molesta: इसकी बढ़तीहुई वृद्धि और पारिस्थितिकी तंत्र और मानवीय गतिविधियों को प्रभावित करने वाली घनी चटाई बनाने की क्षमता के कारण, साल्विनिया मोलेस्टा को अभी भी दुनिया के कई हिस्सों में एक समस्याग्रस्त आक्रामक प्रजाति माना जाता है. संक्रमण को प्रबंधित करने के लिए, जैविक प्रबंधन दृष्टिकोणों की जांच की जा रही है.

यह भी पढ़ें: Top 5: दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों के बारे में जानें

Exit mobile version