Solar Power Plant: हाल ही में सौर ऊर्जा संयंत्र में भारत ने 2024 में दुनिया के सबसे बड़े अक्षय ऊर्जा (renewable energy) में विश्व भर में उभरा है जिससे की सौर ऊर्जा संयंत्र के क्षेत्र में भारत ने तेजी से इसमें महारत हासिल किया है. दुनियाभर में हो रहे जलवायु परिवर्तन एक चिंता का विषय बना हुआ है इसे को देखते हुए विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा संयंत्र राजस्थान के भड़ला क्षेत्र जो की थार रेगिस्थान में स्थित है और इस सौर पार्क की कुल क्षमता 2,245 मेगावाट है. हाल ही में मिडिया रिपोर्ट्स और मेरकॉम इंडिया संस्था ने भड़ला को विश्व का सबसे बड़ा सोलर प्लांट घोषित किया था. आज हम इस लेख के माध्यम से जानेंगे क्या है खास जो इसे विश्व भर में सबसे बड़ा बनाता है.
Solar Power Plant: थार रेगिस्तान में स्थित है भड़ला सौर पार्क
थार रेगिस्तान में स्थित, भड़ला सोलर पार्क 14,000 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है, जो इसे विश्व स्तर पर सबसे बड़ी सौर परियोजना बनाता है. अत्यधिक गर्मी और जलवायु परिवर्तन के कारण लगभग निर्जन क्षेत्र में इतने बड़े पैमाने पर बिजली पैदा करना अपने आप में एक उपलब्धि है. बिजली पैदा करने के लिए प्रचुर मात्रा में सूर्य के प्रकाश का उपयोग करने की आवश्यकता होती है और थार का तापमान इस सौर पार्क के लिए एकदम सही है.
ऐसी तेज और गर्म हवाओं और रेत के तूफानों के साथ, भड़ला को दुनिया में सबसे बड़ा घेरा बनाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा होगा, लेकिन उसके विपरीत, इसने इंजीनियरिंग नवाचार और परियोजना प्रबंधन के मामले में अनूठी चुनौतियां पेश कीं. इससे पहले सबसे बड़े सोलर पार्क की बात करें तो वो कर्नाटका की पावागढ़ सोलर पार्क था.
रिन्यूएबल एनर्जी में भारत को मजबूत बनाना
यह सोलर पार्क का सफलतापूर्वक पूरा होना भारत की महत्वाकांक्षी अक्षय ऊर्जा (रेनेवब्ले एनर्जी) में लक्ष्यों के प्रति प्रतिबद्धता का प्रमाण है जो आने वाले भविष्य में अपने निर्धारित लक्ष्य को बढ़ाना और इसे हासिल करना है, और भड़ला परियोजना उस लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. परियोजना का पैमाना और उपलब्धि बड़े पैमाने पर सौर परिनियोजन में भारत की बढ़ती तकनीकी क्षमताओं और विशेषज्ञता को भी दिखाती है.
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Solar Power Plant: भड़ला सोलर पार्क का निर्माण भारत की अक्षय ऊर्जा यात्रा में किसी महत्वपूर्ण मील के पत्थर से कम नहीं है, क्योंकि इस परियोजना को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इन चुनौतियों के बावजूद, दुनिया के सबसे बड़े पूर्ण रूप से चालू सौर ऊर्जा संयंत्र के रूप में इसका निर्माण दर्शाता है कि भारत अपने सौर ऊर्जा क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ रहा है और देश के दृढ़ संकल्प को भी दर्शाता है. यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारत को सौर ऊर्जा में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करती है, जिससे दुनिया भर में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में इसकी एक अलग उपस्थिति बनती है.
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