Top 5 Countries: आज इस लेख में हमने सबसे कम साक्षरता दर वाले दस देशों के बारे में बताया है, इसके माध्यम से आप दुनिया भर के टॉप 5 देशों की सूची जान पाएंगे जिनकी साक्षरता दर कम है. इन देशों की बात करें तो ये देश अपने आर्थिक संकट, गरीबी, अपर्याप्त शैक्षिक बुनियादी ढांचे और सांस्कृतिक बाधाओं जैसे कारणों से जूझ रहे हैं जिसके कारण ये देश व्यक्तिगत और आर्थिक विकास में पिछड़ रहे हैं. साक्षरता को पढ़ने और लिखने की क्षमता के रूप में परिभाषित किया जाता है. तो आइए जानते हैं दुनिया के कम साक्षरता दर वाले दस देशों के बारे में.
क्या होती है साक्षरता दर
यूनेस्को सांख्यिकी संस्थान के अनुसार, साक्षरता दर को किसी दिए गए आयु वर्ग की आबादी के प्रतिशत के रूप में परिभाषित किया जाता है जो पढ़ और लिख सकते हैं, वयस्क साक्षरता दर 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए है, युवा साक्षरता दर 15 से 24 वर्ष की आयु के लोगों के लिए है, और बुजुर्ग साक्षरता दर 65 वर्ष और उससे अधिक आयु के लोगों के लिए है। इसे आमतौर पर रोजमर्रा की जिंदगी पर एक छोटे से सरल कथन को समझने की क्षमता के अनुसार मापा जाता है.
Top 5 Countries: यहां जानें सबसे कम साक्षरता दर वाले देशों की सूची
1. चाड 27%
चाड की साक्षरता दर विश्व में सबसे कम है, तथा चल रहे संघर्ष और आर्थिक अस्थिरता के कारण यह देश सबसे कम साक्षरता दरों वाले देशों में से एक है
2. बुर्किना फासो 34%
दूसरे स्थान पर बुर्किना फासो है. संसाधनों और बुनियादी ढांचे की कमी के कारण साक्षरता दर कम होने के कारण इसे भी शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण बाधाओं का सामना करना पड़ता है.
3. माली 31%
माली सबसे कम साक्षरता दर वाले देशों की सूची में तीसरे स्थान पर है. हालांकि हाल के दिनों में शिक्षा में सुधार हुआ है, लेकिन गरीबी और सामाजिक-राजनीतिक चुनौतियों के कारण देश अभी भी पिछड़ा हुआ है.
4. दक्षिण सूडान 35%
साक्षरता के मामले में दक्षिण सूडान चौथे स्थान पर है।.हाल की खबरों से पता चलता है कि देश की शिक्षा प्रणाली इतिहास के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुई है, जिसके कारण कई लोग बुनियादी साक्षरता कौशल से वंचित रह गए हैं.
5. अफगानिस्तान 37%
अफगानिस्तान पांचवें स्थान पर है. दशकों से चल रहे युद्ध, सांस्कृतिक बाधाओं और महिलाओं के लिए शिक्षा तक सीमित पहुंच के कारण ये देश पीछे है.
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Top 5 Countries: इन सभी पांच देशों में साक्षरता दर सबसे कम है, जिसमें गरीबी, संघर्ष और अपर्याप्त बुनियादी ढांचा जैसे कारक शैक्षिक प्राप्ति में बाधा डालते हैं, जो पिछड़ेपन को दर्शाता है. इन देशों को अपनी चुनौतियों का समाधान करने के लिए अपनी साक्षरता दर में सुधार करने की आवश्यकता है ताकि वे उन देशों की सूची में शामिल हो सकें जहां शिक्षा प्रणाली आर्थिक विकास की ओर ले जा सकती है. इन पांच देशों की सूची विश्व बैंक (2023) की नवीनतम साक्षरता दर के अनुसार है.
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