Top 5: विश्व भर की आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है और इसका प्रभाव यह है की ये हमारे समाज, अर्थव्यवस्था और पर्यावरण में बहुत प्रभाव पड़ रहा है. 2024 में देखें तो पांच सबसे ज्यादा आबादी वाले देश भारत, चीन, अमेरिका, इंडोनेशिया और पाकिस्तान है. इन देशों की घनी आबादी ने विकास और संसाधनों के उपयोग के लिए चुनौतियां पैदा की है. तो इस लेख में हम इन देशों के बारे में विस्तार से जानेंगे.
Top 5: सबसे अधिक आबादी वाला देश है भारत
भारत दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी 2024 में 1.44 अरब है. भारत की आबादी बहुत तेजी से बढ़ रही है, जिसका कारण उच्च जन्म दर और कम मृत्यु दर है. इससे भारत को शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, रोजगार और अन्य सामाजिक सेवाओं को देने में ढेर सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.
भारत के बाद चीन है सबसे अधिक आबादी वाला देश
दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश चीन है, जिसकी आबादी 2024 में 1.42 अरब है. हाल ही में चीन ने एक नीति लायी थी जिसका उद्देश्य यह था की जनसंख्या को नियंत्रित करना. वह नीति यह था की एक-बच्चा जिसका परिणाम यह हुआ की चीन की जनसंख्या वृद्धि दर में कमी आई.
अमेरिका है तीसरा सबसे अधिक वाला देश
तीसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश की बात करें तो अमेरिका है, जिसकी आबादी 2024 में 341 मिलियन है. अमेरिका में जनसंख्या वृद्धि दर अभी कम है और इसमें बाहर से आये हुए लोग की महत्वपूर्ण योगदान है.
इंडोनेशिया है चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश
इंडोनेशिया दुनिया का चौथा सबसे अधिक आबादी वाला देश है, जिसकी आबादी 2024 में 279 मिलियन है. इंडोनेशिया की जनसंख्या वृद्धि दर फिलहाल कम है और इसमें भी बहार से आये हुए लोगों का योगदान है.
पाकिस्तान पांचवां सबसे अधिक आबादी वाला देश है
दुनिया का पांचवां सबसे अधिक आबादी वाला देश पकिस्तान है, जिसकी आबादी 2024 में 245 मिलियन होगी है. पाकिस्तान की जनसंख्या वृद्धि भी बहुत तेजी से बढ़ रही है और इसका कारण यह है की अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि। दूसरा सबसे बड़ा कारण यह है की जागरूकता की कमी.
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Top 5: पांच सबसे अधिक देशों में भारत और चीन की अकेले जनसंख्या 35% है. इन देशों की विशाल जनसंख्या तेजी से विकास और उचित संसाधनों के उपयोग के लिए चुनौतियां लेकर आती हैं, जिससे की इसका प्रभाव यह होता है शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल, रोजगार और अन्य सामाजिक सेवाओं को प्रदान करने में परेशानी होती है और साथ में, पर्यावरण को भी काफी नुकसान होता है. इन सभी देशों को मिलकर सतत प्रयास करना होगा और अपनी समस्याओं को लेकर जिससे की जनसंख्या वृद्धि में कमी आये और इसे नियंत्रित करने के लिए भी इन देशों के बनाये हुए सख्त कानून को लोग अमल करें क्योंकि एक जागरूक और ईमानदार नागरिक ही देश की विकास में योगदान कर सकता है.
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