World Hindi Day 2025 : स्टूडेंट लाइफ में जरूर पढ़ें हिंदी की ये किताबें

आज 10 जनवरी को दुनिया भर में विश्व हिंदी दिवस मनाया जा रहा है. हिंदी दुनिया में तीसरी सबसे अधिक बोली जानेवाली भाषा है. यह भाषा भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रवेश द्वार है. हिंदी साहित्य के माध्यम से आप न सिर्फ अपने भाषा कौशल को बेहतर बना सकते हैं, बल्कि अपनी सोच को एक नया सिरा दे सकते हैं. हिंदी साहित्य में शास्त्रीय और आधुनिक दोनों रचनाएं शामिल हैं. यहां हमने कॉलेज जानेवाले छात्रों के पढ़ने के लिए हिंदी साहित्य की बेहतरीन पुस्तकों की एक सूची तैयार की है. विश्व हिंदी दिवस से आप हिंदी साहित्य की इन किताबों से पढ़ने की शुरुआत कर सकते हैं...

By Preeti Singh Parihar | January 10, 2025 2:01 PM
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World Hindi Day 2025 : पढ़ना व्यक्ति को आकर्षक पात्रों और घटनाओं से भरी एक पूरी दुनिया में ले जाता है. अलग-अलग पृष्ठभूमि वाले लोगों द्वारा लिखी गई अलग-अलग समय अवधि और अलग-अलग देशों की किताबें पढ़ने से छात्रों को बड़े पैमाने पर दुनिया का परिचय मिलता है. हिंदी साहित्य में ऐसी किताबों की एक लंबी सूची है, जिनसे छात्र भारत समेत विभिन्न देशों के इतिहास, सांस्कृतिक प्रथाओं, परंपराओं और लोगों द्वारा अपनाये जाने वाले जीवन के तरीके के बारे में जान सकते हैं. अपने भाषा कौशल को विकसित कर सकते हैं और विचार की एक नयी दृष्टि हासिल कर सकते हैं. जानें ऐसी कुछ चुनिंदा किताबों के बारे में.

गोदान

हिंदी कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद का यह उपन्यास हिंदी की कालजयी कृति माना जाता है. अपने समय का सामाजिक दस्तावेज कहा जानेवाला यह उपन्यास आज भी प्रासंगिक है. इस उपन्यास की कहानी एक गरीब और नेक किसान होरी और उसके परिवार के इर्द-गिर्द घूमती है. उपन्यास गरीबी, गरीबों के शोषण, किसानों की दुर्दशा और सामाजिक-आर्थिक अभाव के मुद्दों की पड़ताल करता है. ग्रामीण परिवेश पर केंद्रित यह उपन्यास भारतीय किसान की आत्मकथा भी माना जाता है और हिंदी के नये पाठकों और छात्रों की इसे पढ़ने की सलाह जरूर दी जाती है.

अपने अपने अजनबी

आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख लेखक अज्ञेय, जिनका पूरा नाम सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन था, अपने उपन्यास शेखर एक जीवनी के लिए बेहद लोकप्रिय हैं, लेकिन उनका उपन्यास अपने अपने अजनबी हर छात्र को अवश्य पढ़ना चाहिए. इस उपन्यास के मूल में मानव के जीवन और उसकी नियति का मार्मिक और भव्य विवेचना है. बहुत कम शब्दों में यह छोटा उपन्यास जीवन के प्रति एक अलग दृष्टिकोण देता है. यह अपने जीवन के अंत का इंतजार कर रही एक बूढ़ी महिला सेल्मा और बर्फीले प्रदेशों की यात्रा कर रही साहसी युवती योके की कहानी है, जो बर्फ से दब चुके एक घर में कैद हो गयी हैं.

गुनाहों का देवता

धर्मवीर भारती के इस उपन्यास का पहला संस्करण 1949 में आया था और तब से अब तक इसकी लोकप्रियता बरकरार है. इसमें तब के इलाहाबाद में पनपी एक जटिल प्रेम कहानी है,जो रोमांटिक संबंधों की सामान्य अवधारणाओं को चुनौती देती है, जो इसे मानव अस्तित्व के दायरे से आगे ले जाती है.

कितने पाकिस्तान

बीसवीं सदी के प्रसिद्ध हिंदी लेखक कमलेश्वर का यह उपन्यास यह उपन्यास भारत-पाकिस्तान के बंटवारे और हिंदू-मुस्लिम संबंधों को समझने के लिए एक सटीक माध्यम है. इस उपन्यास में मुख्यतः इतिहास की तमाम घटनाओं और पात्रों को अदीब की अदालत में पेश किया गया है और जिरहें चल रही हैं. यह उपन्यास विश्व भर के मानव की पीड़ा का चित्रण करता है. इसका पहला संस्करण 2000 में आया था, तब से अब तक इसके बीस संस्करण आ चुके हैं.

महाभोज

हिंदी साहित्य की सुप्रसिद्ध कहानीकार मन्नू भंडारी का यह उपन्यास राजनीतिक विषयों पर लिखे गये हिंदी के सफलतम उपन्यासों में से एक है. यह उपन्यास भारतीय राजनीति में व्याप्त अवसरवादिता, जोड़-तोड़ और भ्रष्टाचार का पर्दाफाश करने के साथ-साथ राजनीति तथा अपराध के गठजोड़ की भी गहन पड़ताल करता है. उपन्यास में अपराध और राजनीति के गठजोड़ को बहुत ही यथार्थवादी दृष्टि से दिखाया गया है. समाज में व्याप्त राजनीति और अपराध के गठजोड़ को समझने के लिए यह एक मुकम्मल रचना है.

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