जीएलए विश्वविद्यालय, मथुरा के 170 विद्यार्थियों ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का भरोसा जताकर दिग्गज कंपनी कैपजेमिनी में बड़ी उपलब्धि हासिल की है. पिछले आठ वर्षों के प्लेसमेंट रिकॉर्ड में यह बड़ी बढ़त है. जीएलए के सीइओ नीरज अग्रवाल ने विश्वविद्यालय के चयनित छात्रों को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि जीएलए प्लेसमेंट का हब बन चुका है. विश्वविद्यालय में प्रतिवर्ष 500 से अधिक कंपनियां कैंपस प्लेसमेंट के लिए आती हैं.
छात्र कड़े साक्षात्कार और ऑनलाइन परीक्षा से गुजरते हुए इस मुकाम पर पहुंचे
ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट विभाग के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट कॉरपोरेट रिलेशन दीपक कुमार ने बताया कि हमारे छात्र चार चरणों में हुए कड़े साक्षात्कार और ऑनलाइन परीक्षा से गुजरते हुए इस मुकाम पर पहुंचे. चयनित छात्र प्राची अग्रवाल ने बताया कि विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों को शुरू से ही नये काम को सीखने के तरीके, इनोवेटिव स्किल्स की परख, इंडस्ट्री के हालात एवं अन्य जानकारियां विषय-विशेषज्ञों के माध्यम से दी जाती हैं.
जानें जीएलए के बारे में
1991 में, श्री नारायण दास अग्रवाल ने अपने पिता स्वर्गीय श्री गणेशी लाल अग्रवाल के लोगों और क्षेत्र और उससे परे के लोगों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए एक संस्थान स्थापित करने के सपने को पूरा करने का निर्णय लिया. और पवित्र शहर मथुरा को जीवन के विभिन्न क्षेत्रों के ज्ञान चाहने वालों के लिए एक मान्यता प्राप्त गंतव्य बनाने के लिए श्री जगन्नाथ प्रसाद गणेशी लाल बजाज चैरिटेबल ट्रस्ट समिति की शुरुआत की. इससे बहुमुखी और बुद्धिमान भगवान कृष्ण की कर्मभूमि में एक मील का पत्थर स्थापित हुआ.
जीएलए की स्थापना का मुख्य उद्देश्य
गुणवत्तापूर्ण व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना, सराहनीय अनुसंधान करना और वर्तमान और उभरती सामाजिक-आर्थिक आवश्यकताओं के अनुसार विश्वसनीय परामर्श और विस्तार सेवाएं प्रदान करना.
शिक्षण/सीखने की प्रक्रिया को लगातार बढ़ाना और समृद्ध करना और ऐसे मानक, शिक्षा और अन्य स्थापित करना, जिनका अन्य संस्थान अनुकरण करना चाहें.
छात्र-केंद्रित होना, इस प्रकार हमारे प्रमुख हितधारकों, अर्थात् छात्रों की बुद्धि और व्यक्तित्व के समग्र विकास को बढ़ावा देना है, इसलिए हमारे पूर्व छात्र योग्य नागरिक हैं और दुनिया भर में अत्यधिक मांग वाले पेशेवर हैं.
संकाय और स्टाफ सदस्यों को सशक्त बनाना ताकि विश्वविद्यालय का माहौल सद्भाव, आपसी सम्मान, सहयोगात्मक प्रयास और सकारात्मक विचारों के प्रति ग्रहणशीलता वाला हो.
सभी हितधारकों से सक्रिय रूप से नियमित प्रतिक्रिया प्राप्त करना और उनके आधार पर उचित उपाय करना, जिससे एक उत्कृष्ट सीखने की प्रक्रिया को बढ़ावा मिले.