NEET 2024 में समोसा विक्रेता ने किया कमाल, पूरी हुई डॉक्टर बनने की ख्वाहिश

NEET 2024: नोएडा के 18 वर्षीय समोसा विक्रेता ने नीट यूजी 2024 की परीक्षा 664 अंकों के साथ पास की है. आर्थिक तंगी को हराते हुए सनी ने अपने सपने को पूरा करने की ओर कदम बढ़ाए हैं. आइए बताते हैं आपको इस मेहनती लड़के की पूरी कहानी.

By Rupali Das | August 31, 2024 11:48 AM

NEET 2024: नोएडा के 18 वर्षीय सनी कुमार ने नीट यूजी 2024 की परीक्षा पास कर डॉक्टर बनने की ओर अपने कदम बढ़ा लिए हैं. सनी ने नीट यूजी 2024 की परीक्षा में 720 में से 664 अंक प्राप्त किए हैं. आपको बता दें की सनी नोएडा में समोसा विक्रेता का काम करते हैं. वह हर शाम 4 से 5 घंटे तक समोसे की दुकान लगाते हैं. सोशल मीडिया पर साझा की गई सनी की कहानी ने देशभर में लोगों को व्यापक रूप से प्रेरित किया है.

पढ़ाई के साथ समोसे का स्टॉल लगाना सनी के लिए आसान नहीं था. अपनी लगन और कड़ी मेहनत से सनी ने नीट यूजी 2024 की परीक्षा पास कर समोसा विक्रेता से लेकर भविष्य के डॉक्टर बनने तक का सफर तय किया है. स्कूल, काम और परीक्षा की तैयारी को साथ मैनेज करना सनी के लिए आसान नहीं था. सनी के मुताबिक, छोटी-छोटी दवाएं कैसे बड़ी बीमारियों को ठीक कर सकती हैं, इस जिज्ञासा ने उसके अंदर मेडिकल क्षेत्र में जाने के लिए रूचि जगाई. सनी ने बताया कि दवाई देखकर इंटरेस्ट आया, लोग ठीक कैसे होते हैं और इसी बात को समझने के लिए बायोलॉजी विषय चुना और नीट की तैयारी में लग गया.

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ऑनलाइन कोचिंग प्लेटफॉर्म से की पढ़ाई

नोएडा के सनी 11वीं कक्षा से ही ऑनलाइन कोचिंग प्लेटफॉर्म फिजिक्स वाला (Physics Wallah) के माध्यम से पढ़ाई कर रहे हैं. काम के बाद देर रात तक सनी पढ़ाई करता था. फिजिक्स वाला के संस्थापक अलख पांडे ने भी सनी की प्रेरणादायक वीडियो इंस्टाग्राम पर साझा की है.

इस वायरल वीडियो में आप अलख पांडे को सनी के किराए के कमरे में जाते देखेंगे, जहां पर दीवारें नोट्स से भरी हुई हैं. वीडियो में आगे आप अलख सर को सनी द्वारा तले गए समोसे का लुत्फ उठाते हुए भी देखेंगे. अलख पांडे ने सनी को 6 लाख रुपये की छात्रवृत्ति की पेशकश की है. इसके साथ ही युवक की लगन और क्षमता को देखते हुए उसकी मेडिकल कॉलेज की ट्यूशन फीस का भुगतान करने का वादा भी किया है. अलख पांडे ने बताया कि हम सिलेक्शन होने पर मिठाइयां खिलाते हैं पर सनी ने अपने हाथों से बने समोसे खिलाएं.

सनी ने नीट यूजी की सफलता के सफर के बारे में बताया कि कई बार सारी रात पढ़ने के कारण उसकी आंखों में दर्द हो जाता था और तनाव आ जाता था. लेकिन डॉक्टर बनने के अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए ये त्याग जरूरी था. सनी ने अपने सपनों के प्रति अटूट प्रतिबद्धता को भी दर्शाया है. उसने कहा – समोसे बेचना मेरा भविष्य तय नहीं करेगा.

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काम और पढ़ाई में बनाया संतुलन

सनी ने नीट यूजी परीक्षा पास करने के लिए काम और पढ़ाई के बीच संतुलन बनाया. हर दिन घंटों समोसा स्टॉल में बिताने के बावजूद 664 अंकों के साथ नीट परीक्षा पास कर सनी ने अपने दृढ़निश्चय का परिचय दिया है. आर्थिक रूप से कमजोर घर में पले बढ़े सनी को परिवार के भरण पोषण के लिए समोसे बेचना पड़ा.

सनी की मां दिहाड़ी मजदूरी और दूसरों के घर पर काम कर परिवार की मदद करती है. लेकिन फिर भी उसने अपनी शिक्षा को प्राथमिकता दी. समोसे की दुकान चलाकर भी सनी ने अपनी पढ़ाई जारी रखी. काम और पढ़ाई के बीच सनी ने जो संतुलन बनाया वही उसकी सफलता का कारण है.

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