Homeopathy Career : बीते कुछ दशकों में होम्योपैथी चिकित्सा के प्रति लोगों का विश्वास जिस तेजी से बढ़ा है, इस पारंपरिक चिकित्सा पद्धति में बेहतरीन संभावनाएं भी बनी हैं. भारत में यह चिकित्सा पद्धति लगभग दो सौ साल पहले आयी थी और आज यहां की बहुलवादी स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली का एक अहम हिस्सा है. वर्तमान में होम्योपैथी का भारत समेत 80 से अधिक देशों में प्रयोग किया जाता है और 42 देशों में अलग औषधि-प्रणाली के रूप में इसे कानूनी मान्यता प्राप्त है. जानें कैसे बन सकते हैं होम्योपैथी डॉक्टर और कहां हैं काम करने के मौके…
दुनिया के कई देशों में है प्रचलित
होम्योपैथी चिकित्सा कानूनी रूप से भारत, जर्मनी, ब्रिटेन, अमेरिका, फ्रांस समेत दुनिया के 84 से अधिक देशों में प्रचलित है. होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के संस्थापक जर्मन चिकित्सक डॉ क्रिश्चियन फ्रेडरिक सैमुअल हैनिमैन की जयंती के अवसर पर 10 अप्रैल को विश्व होम्योपैथी दिवस मनाया जाता है. विश्व होम्योपैथी दिवस 2024 के लिए थीम है- ‘होम्योपरिवार: एक स्वास्थ्य, एक परिवार.’
बायोलॉजी स्ट्रीम व नीट के साथ बढ़ें आगे
होम्योपैथी डॉक्टर बनने के लिए बीएचएमएस (बैचलर ऑफ होम्योपैथिक मेडिसिन एंड सर्जरी) कोर्स करना होता है, जिसमें नेशनल एलिजबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (नीट यूजी) के माध्यम से प्रवेश मिलता है. आप अगर होम्योपैथी डॉक्टर बनना चाहते हैं, तो बायोलॉजी स्ट्रीम से बारहवीं पास कर के इस दिशा में आगे बढ़ सकते हैं. बीएचएमएस भी एमबीबीएस की तरह मेडिकल फील्ड का अंडर ग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम है. यह डिग्री होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति के ज्ञान पर केंद्रित है. इस साढ़े पांच वर्षीय कोर्स को पूरा करने के बाद एक होम्योपैथी डॉक्टर के तौर पर प्रैक्टिस शुरू कर सकते हैं. होम्योपैथी में एमडी कोर्स भी उपलब्ध है. यदि आप इस क्षेत्र में अधिक विशेषज्ञता के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं, तो बीएचएमएस के बाद तीन साल एमडी की पढ़ाई कर सकते हैं. इसके बाद तरह के स्पेशलाइजेशन कोर्स करने का विकल्प है.
प्रमुख संस्थान, जहां से कर सकते हैं पढ़ाई
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ होम्योपैथी, कोलकाता. नेहरू होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (डीयू), नयी दिल्ली. भारती विद्यापीठ होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, पुणे. गवर्नमेंट ऑटोनोमस होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, भोपाल. गवर्नमेंट होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज, बेंगलुरु. असम होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, असम. भगवान बुद्ध होम्योपैथिक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, कर्नाटक.
सरकारी व प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में हैं मौके
बीएचएमएस की डिग्री हासिल करने के बाद आप सरकारी या प्राइवेट हॉस्पिटल में बतौर डॉक्टर जॉब हासिल कर सकते हैं. आप चाहें, तो अपना क्लीनिक शुरू कर प्राइवेट प्रैक्टिस कर सकते हैं. होम्योपैथी की पढ़ाई करने के बाद न सिर्फ देश, बल्कि विदेश में भी करियर बनाने के मौके हैं. बहुत सी दवा कंपनियों एवं रिसर्च फील्ड में होम्योपैथी पेशेवरों की आवश्यकता होती है. मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव के तौर पर भी काम कर सकते हैं. होम्योपैथिक कॉलेज में अध्यापक एवं शोधकर्ता की जॉब मिल सकती है. होम्योपैथी के क्षेत्र में डॉक्टर के अलावा लेक्चरर, कंसल्टेंट, साइंटिस्ट, फार्मासिस्ट, मेडिकल असिस्टेंट, पब्लिक हेल्थ स्पेशलिस्ट, मेडिकल असिस्टेंट आदि के तौर पर आगे बढ़ सकते हैं.