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Independence Day 2024: भारत की अनेकता में एकता के प्रतीक हैं कल्चरल हेरिटेज

Independence Day 2024: स्वतंत्रता दिवस का दिन अब ज्यादा दूर नहीं हैं. आज हम आपको बता ने वाले हैं भारत एक विविधतापूर्ण संस्कृति के बारे में. भारत की संस्कृति छोटी-छोटी सभ्यताओं के समूह को दर्शाती करती है. कपड़े, त्यौहार, भाषाएं, धर्म, संगीत, नृत्य, वास्तुकला, भोजन और कला सभी भारतीय संस्कृति का हिस्सा हैं.

By Shaurya Punj | August 9, 2024 2:47 PM

Independence Day 2024: भारतीय स्वतंत्रता दिवस वह दिन है जब हम, भारत के लोग अपनी कड़ी मेहनत से पाई स्वतंत्रता, एकता और अपने राष्ट्र की जीवंत भावना का जश्न मनाते हैं. भारतवर्ष इस साल 15 अगस्त 2024 को 78वें स्वतंत्रता दिवस के भव्य समारोह की तैयारी कर रहा है. इस वर्ष के समारोह में देश की समृद्ध और विविध सांस्कृतिक विरासत को देखा जा सकेगा, जो भारत की विविधता को प्रदर्शित करेगा.

स्वतंत्रता दिवस 2024 की थीम क्या है ?

78वें भारतीय स्वतंत्रता दिवस 2024 की थीम ‘विकसित भारत’ हैसरकार की 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र में बदलने की महत्वाकांक्षा है. इस आधार पर इस साल ये विकसित भारत थीम रखा गया है.

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ऐसी है भारत की यूनिटी इन डाइवर्सिटी

स्वतंत्रता दिवस 2024 के साथ साथ यूनिटी इन डाइवर्सिटी यानी अनेकता में एकता का संदेश लोगों तक जाएगा. भारत में मेलों और प्रदर्शनियों में क्षेत्रीय शिल्प, वस्त्र और व्यंजन प्रदर्शित किए जाते हैं, जो भारत की लोकल कल्चर का प्रदर्शन करते हैं. इनमें गुजरात की जटिल कढ़ाई से लेकर राजस्थान की जीवंत मिट्टी के बर्तनों के अलावा लखनऊ का चिकन वर्क के अलावा कर्नाटक की कॉफी तक, पर्यटकों को देश में अनेकता में एकता का अनुभव करने का मौका देती है.

स्वादिष्ट व्यंजनों में दिखती हैं अनेकता में एकता

खाद्य स्टॉल क्षेत्रीय व्यंजनों की सीरीज प्रदर्शित करते हैं, जो भारत की समृद्ध पाक विविधता को दर्शाते हैं. चाहे वह दक्षिण की मसालेदार करी हो, उत्तर की स्वादिष्ट मिठाइयां हों या विभिन्न राज्यों के विविध स्ट्रीट फूड हों, खान पान के द्वारा भी हमारे देश के लोग एक दूसरे से जुड़े हैं, भले वो अलग अलग राज्य में रहते हों. बिहार की लिट्टी आज भारत के अलावा दुनिया भर में पहचान बना रही है. वहीं दक्षिण भारत का इडली डोसा, उत्तर भारत में भी मशहूर है.

स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए सारा देश आता है साथ

इस स्वतंत्रता दिवस पर जब पूरा देश जश्न मनाने के लिए एक साथ आएगा, तो विविधता में एकता पर ध्यान केंद्रित करके जीवंत सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला जाएगा जो भारत को अद्वितीय बनाती है. संगीत, नृत्य, भोजन के माध्यम से, यह उत्सव देश की समृद्ध सांस्कृतिक दर्शन और इसकी एकता की भावना के लिए एक श्रद्धांजलि होगी.

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