-सबसे महत्वपूर्ण चैप्टर को पहले रिवाइज करें
-नेगेटिव मार्किंग का रखें ध्यान, कठिन प्रश्नों पर रिस्क न लें
जिन बच्चों ने जेईई मेंस क्वालिफाई कर लिया है उन्हें शुभकामनाएं. जेईई एडवांस्ड चार जून को है. ऐसे में बच्चों में काफी तनाव होता है. वे परीक्षा को लेकर बहुत चिंतित होते हैं. लेकिन परीक्षा में सफल होने के लिए उन्हें तनाव में आने की जरूरत नहीं है. सबसे पहले पॉजिटिव माइंटसेट करें. पिछली परीक्षाओं में जो नंबर आए हैं उसपर ध्यान न दें. डिप्रेस और डीमोरलाइज्ड न हों. 5-6 घंटे की नींद लें. मेडिटेशन, योग करके खुद को रिलेक्स करें.
आपने कितनी मेहनत की है या आपका आईक्यू लेवल क्या है, ये ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं हैं. महत्वपूर्ण ये है कि आप परीक्षा के दिन कितना अच्छा प्रदर्शन करते हैं. बहुत सारे बच्चे ऐसे हैं जिनका जेईई मेंस में अच्छा परिणाम नहीं रहा लेकिन जेईई एडवांस में काफी अच्छा प्रदर्शन रहा. देखा जाय तो एक महीने का समय कम नहीं हैं क्योंकि इस एक महीने में आपको कुछ नया नहीं पढ़ना है बल्कि आपने तीन साल से जो पढ़ाई की है उसे रिवाइज करना है. परीक्षा के बारे में अनावश्यक लोगों से डिस्कस ना करें.
पेपर हाईस्कोरिंग है तो आपको ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी. अगर पेपर टफ है तो आप ये मानकर चलिए कि कम स्कोर लाकर भी आप अच्छा कॉलेज हासिल कर सकते हैं. इसलिए पहले से माइंडमेकअप करके न जाएं कि आपके लिए कौन सा विषय अच्छा रहेगा. हो सकता है जिस विषय में आप खुद को कमजोर मान रहे हों उसके प्रश्न आसान आ जाएं और जो विषय आपका फेवरेट है उसके प्रश्न डिफिकल्ट आ जाएं. इसलिए आप अपना कॉन्फिडेंस बनाए रखें. कुछ ऐसे टॉपिक्स भी हैं जो जेईई मेंस में नहीं पूछे जाते हैं मगर जेईई एडवांस में आते हैं, उन टॉपिक्स को जरूर पढ़ लें.
पहले सबसे महत्वपूर्ण चैप्टर को रिवाइज करें उसके बाद कम महत्वपूर्ण चैप्टरर्स को रिवाइज करें. वैसे चैप्टर बिल्कुल न छोड़ें जो ज्यादा महत्वपूर्ण हैं चाहे आपने उसकी कितनी भी पढ़ाई की हो. नया कुछ पढ़ने के जरूरत नहीं है. क्लास नोट को पढ़ें. स्टडी मेटेरियल को पढ़ें. रिविजन मटेरियल सॉल्व करें. पिछले साल के प्रश्नों को देखें.
जो बच्चे जेईई मेंस क्वालिफाई कर चुके हैं उन्हें जेईई एडवांस के लिए मेंटर्स की ओर से फ्री ऑनलाइन और ऑफलाइन कोर्स कराया जा रहा है. इन क्लासेज में एक्सपर्ट टीचर पढ़ाएंगे. उन्हें स्टडी मटेरियल उपलब्ध कराए जाएंगे. जेईई एडवांस पैटर्न के टेस्ट लिए जाएंगे. इसमें बच्चे अपना डाउट क्लियर कर सकते हैं.
-जिस सब्जेक्ट में आप मजबूत हैं उसे सबसे पहले करें
-आपको हर प्रश्न में एक बराबर समय नहीं देना है. कम मार्क्स वाले प्रश्नों में कम समय दें.
-कोशिश करें कि प्रश्नों को सिक्वेंसली सॉल्व करें
-पहले आसान प्रश्नों को करें
-प्रश्न पूरा पढ़ें, समझें तभी सॉल्व करें
-रफ वर्क ठीक से करें
परीक्षा में क्या न करें
-नेगेटिव मार्किंग को ध्यान में रखते हुए कठिन प्रश्नों पर रिस्क न लें
-अनभिज्ञ या उलझाऊ प्रश्नों में समय बर्बाद न करें
-तुक्केबाजी न करें
-हड़बड़ी में क्लिक न करें
आनंद कुमार जायसवाल
निदेशक, मेंटर्स एडुसर्व, पटना