ओलंपिक हो या एशियाई खेल भारतीय खिलाड़ियों ने लगातार देश को गौरवान्वित किया है, लेकिन यह सफलता एक दिन में नहीं मिलती. कोई भी खिलाड़ी एक दिन में नहीं बनता, उसके पीछे अभ्यास का एक लंबा दौर, कड़ी मेहनत और समर्पण होता है. एक खिलाड़ी को अपने खेल के प्रति प्रतिबद्ध रहने के लिए लगन और धैर्य के साथ सतत आगे बढ़ना होता है. क्या आपको खेल खेलना पसंद है? क्या आप किसी खेल में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना चाहते हैं? यदि हां, तो आपको भारतीय खेल टीम में शामिल होने की दिशा में प्रयास शुरू कर देना चाहिए. भारत में खेल के प्रति लोगों का नजरिया लगातार बदला है. अब खेल को एक शौक की तरह नहीं, बल्कि एक करियर विकल्प के तौर पर देखा जाने लगा है. आप अगर एक अच्छे खिलाड़ी की खूबियां रखते हैं, तो बैडमिंटन, एथलेटिक्स, वॉलीबॉल, फुटबॉल, बास्केटबॉल, बॉक्सिंग, क्रिकेट, जिम्नास्टिक, हॉकी, टेबल टेनिस, कुश्ती, साइकलिंग आदि किसी भी खेल में करियर बना सकते हैं.
ऐसे बढ़ें बतौर खिलाड़ी आगे
एथलीट कैसे बनें? इसके लिए पहला कदम है एक खेल का चयन करना, जिसमें आपकी रुचि हो. इसके बाद अपनी स्ट्रेंथ का आकलन करें. कोचिंग की सुविधा और खेल की वित्तीय जरूरतों पर भी रिसर्च अवश्य करें. इसके लिए स्कॉलरशिप, सीएसआर फंड के बारे में जानकारी हासिल कर आवेदन करें.
छात्र जीवन से करें शुरुआत
स्कूल, कॉलेज, विश्वविद्यालय में आयोजित होनेवाली खेल प्रतियोगिताओं से शुरुआत कर सकते हैं. राज्य की खेल टीम में अपनी जगह बना सकते हैं. खेल में बेहतर प्रदर्शन करते हैं, तो एक खिलाड़ी के रूप में भारतीय खेल प्राधिकरण (एसएआई) के विभिन्न संस्थानों से प्रशिक्षण प्राप्त करने का मौका मिल सकता है. एसएआई के तहत विभिन्न संस्थान और अकादमियां हैं, जो युवा प्रतिभाओं को प्रतिभाशाली खिलाड़ियों में बदलने के लिए प्रशिक्षण प्रदान करती हैं. एसएआई के अलावा कई राज्य स्तरीय और निजी संगठन हैं, जो खिलाड़ियों को आगे बढ़ाते हैं.
भविष्य की संभावनाएं
बतौर खिलाड़ी प्रशिक्षण हासिल कर आप राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश के लिए खेल सकते हैं. स्पोर्ट्स पर्सन के पास आगे चलकर ट्रेनर और कोच बनने का मौका होता है. रेलवे समेत कई सरकारी विभागों में खेल कोटा के तहत खिलाड़ियों की भर्ती की जाती है. आप बतौर स्पोर्ट्स टीचर भी करियर बना सकते हैं.
कर सकते हैं ये कोर्स
भारत सरकार, युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के तहत संचालित नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, जो एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है, के प्रॉस्पेक्टस के आधार पर स्पोर्ट्स के प्रमुख कोर्स हैं – बैचलर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स (बीपीईएस), बैचलर ऑफ साइंस इन स्पोर्ट्स कोचिंग (आर्चरी, एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बॉक्सिंग, फुटबॉल, शूटिंग, स्विमिंग एवं वेटलिफ्टिंग) (बीएससी सीएस), मास्टर ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स, एमएससी इन स्पोर्ट्स कोचिंग, एमए इन स्पोर्ट्स साइकोलॉजी, एमएससी इन अप्लाइड स्पोर्ट्स न्यूट्रिशन. प्रवेश के लिए जरूरी जानकारी राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय की वेबसाइट https://www.nsu.ac.in/ से प्राप्त कर सकते हैं.
राष्ट्रीय खेल दिवस की शुरुआत
वर्ष 2012 में पहली बार भारत में राष्ट्रीय खेल दिवस मनाने की शुरुआत हुई. राष्ट्रीय खेल दिवस हॉकी जादूगर और द मैजिशियन ध्यानचंद की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. द्वितीय विश्व युद्ध से पहले के वर्षों में खेल में हावी रहने वाली भारतीय हॉकी टीम के स्टार खिलाड़ी, ध्यान चंद सिंह ने 1928, 1932 और 1936 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में भारत को ओलंपिक स्वर्ण पदक जीतने और अपनी पहली हैट्रिक पूरी करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
स्पोर्ट्स के प्रमुख संस्थान
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ स्पोर्ट्स, पटियाला
नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी, मणिपुर
लक्ष्मीबाई नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन, ग्वालियर
लक्ष्मीबाई नेशनल कॉलेज फॉर फिजिकल एजुकेशन, तिरुवअनंतपुरम
इंदिरा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिकल एजुकेशन एंड स्पोर्ट्स साइंस, नयी दिल्ली
टाटा फुटबॉल अकादमी, जमशेदपुर
खेलो इंडिया से हासिल करें जानकारी : भारत में खेल के बारे में मुकम्मल व अहम जानकारी खेलो इंडिया वेबसाइट https://kheloindia.gov.in/से भी हासिल कर सकते हैं.
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