National Startup Day 2025 : सरकारी योजनाओं के साथ रखें अपने स्टार्टअप की नींव

आज 16 जनवरी को देश में राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस मनाया जा रहा है. भारत सरकार ने वर्ष 2016 में आज ही के दिन स्टार्टअप इंडिया की शुरुआत की थी. वर्ष 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की. इस वर्ष भारत राष्ट्रीय स्टार्टअप दिवस के दिन स्टार्टअप इंडिया पहल की नौवीं वर्षगांठ मना रहा है. इस अवसर पर देश का स्टार्टअप इकोसिस्टम, जो 1.57 लाख से अधिक सरकारी मान्यताप्राप्त स्टार्टअप के साथ दुनिया में तीसरे स्थान पर है, आर्थिक विकास के लिए एक शक्तिशाली इंजन के रूप में उभरा है. आपके पास अगर यूनिक बिजनेस आइडिया है और आप इसे हकीकत में तब्दील करना चाहते हैं, तो सरकार द्वारा चलायी जा रही स्कीमों की मदद से स्टार्टअप हब बन रहे भारत में अपनी सफलता की नींव सकते हैं...

By Prachi Khare | January 16, 2025 2:04 PM
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National Startup Day 2025 : भारत, वर्तमान में स्टार्टअप के युग से गुजर रहा है, जहां व्यवसायों और उद्यमियों के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बनाने की प्रक्रिया पर काफी तेजी से काम किया जा रहा है. डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड (डीपीआईआईटी) की ओर से जून 2024 तक 1,57,000 इकाइयों को स्टार्टअप के रूप में मान्यता दी जा चुकी है. इस अवधि के दौरान मान्यताप्राप्त स्टार्टअप्स ने 17 लाख से अधिक प्रत्यक्ष रोजगार सृजित किये. इस विस्तार को देखते हुए अब देश को स्टार्टअप हब भी कहा जाने लगा है. स्टार्टअप के क्षेत्र में युवाओं को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. इन योजनाओं के साथ सरकारी सहयोग प्राप्त कर आप अपने व्यवसाय के प्लान को एक्शन की राह में आगे बढ़ा सकते हैं…  

स्टार्टअप इंडिया स्कीम 

भारत सरकार की ओर से इस स्कीम की शुरुआत 16 जनवरी, 2016 को की गयी. इसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप को प्रोत्साहित करना और उद्यमशीलता को बढ़ावा देना है. यह योजना स्टार्टअप्स को फंडिंग, प्रोत्साहन और अन्य संसाधनों की सुविधा प्रदान करती है. इस स्कीम के तहत ऐसे स्टार्टअप सहायता प्राप्त कर सकते हैं, जिनकी स्थापना 10 साल से कम समय पहले हुई हो एवं उनका वार्षिक टर्नओवर 100 करोड़ से कम हो. स्टार्टअप इंडिया योजना के तहत आर्थिक सहायता फंड ऑफ फंड्स के अंतर्गत सरकार ने 10,000 करोड़ का कोष स्थापित किया है, जिससे स्टार्टअप्स को फंडिंग प्राप्त करने में मदद मिलती है. तीन वर्षों तक आयकर में 100 प्रतिशत की छूट मिलती है. पेटेंट, ट्रेडमार्क और डिजाइन के पंजीकरण में छूट समेत अन्य कई लाभ प्रदान किये जाते हैं. 

स्टार्टअप इंडिया सीड फंड स्कीम 

वर्ष 2021 में लांच हुई इस स्कीम का उद्देश्य शुरुआती चरण के स्टार्टअप्स को आर्थिक सहायता प्रदान करना है, ताकि उनके विचारों को प्रोटोटाइप में बदला जा सके और उनका व्यवसायीकरण हो सके. वे स्टार्टअप, जो अधिकतम दो वर्ष पुराने हैं और जिनका टर्नओवर 10 करोड़ से कम है, वे इस स्कीम के माध्यम से 50,000 रुपये तक का शुरुआती सहयोग प्राप्त कर सकते हैं. यह धनराशि प्रोटोटाइप डेवलपमेंट, प्रोडक्ट ट्रायल, मार्केट एंट्री और व्यावसायिक विस्तार के लिए दी जाती है. इनक्यूबेटर भी स्कीम का लाभ उठा सकते हैं, बशर्ते उनके पास न्यूनतम 2 वर्ष का अनुभव एवं स्टार्टअप को समर्थन देने के लिए बुनियादी ढांचा और विशेषज्ञता होनी चाहिए. 

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स्टार्टअप के लिए क्रेडिट गारंटी योजना 

भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी इस योजना का उद्देश्य स्टार्टअप्स को बिना किसी गारंटी के ऋण प्राप्त करने में सहायता प्रदान करना है. यह योजना स्टार्टअप्स के लिए फंडिंग की बाधाओं को दूर करने और उन्हें उनके व्यावसायिक विकास के लिए वित्तीय समर्थन उपलब्ध कराने के लिए बनायी गयी है. भारत में पंजीकृत एवं डीपीआईआईटी द्वारा मान्यताप्राप्त स्टार्टअप, जिसका टर्नओवर 25 करोड़ से अधिक न हो, इस योजना के माध्यम से 10 करोड़ तक का ऋण प्राप्त कर सकता है. स्टार्टअप्स को उनकी आवश्यकता के अनुसार ऋण की अवधि और भुगतान शर्तों में लचीलापन मिलता है.  

टाइड 2.0 स्कीम

टेक्नोलॉजी इनक्यूबेशन एंड डेवलपमेंट ऑफ एंटरप्रेन्योर्स (टाइड 2.0) इलेक्ट्रॉनिक्स और इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री द्वारा समर्थित एक कार्यक्रम है, जिसका उद्देश्य इन्फॉर्मेशन एवं कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (आईसीटी) डोमेन में उभरती टेक्नोलॉजीस के साथ काम करने वाले स्टार्टअप को बढ़ावा देना और उनका समर्थन करना है. इस स्कीम की शुरुआत वर्ष 2019 में आईओटी, एआई, ब्लॉक-चेन, रोबोटिक्स जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके आईसीटी स्टार्टअप्स का समर्थन करने में लगे इनक्यूबेटरों को वित्तीय और तकनीकी सहायता देने के लिए की गयी थी. इस योजना को तीन-स्तरीय संरचना के माध्यम से इनक्यूबेटरों के माध्यम से कार्यान्वित किया जाता है, जिसका व्यापक उद्देश्य उच्च शिक्षा संस्थानों और प्रमुख अनुसंधान एवं विकास (आरडी) संगठनों में इनक्यूबेशन गतिविधियों को बढ़ावा देना है. टाइड 2.0 स्कीम के जरिये कोई स्टार्टअप प्रोजेक्ट की आवश्यकता के अनुसार 4 से 7 लाख तक की फंडिंग प्राप्त कर सकता है. देशभर में 51 टाइड सेंटर हैं, जो स्टार्टअप्स को बुनियादी ढांचे, फंडिंग, और अन्य संसाधनों की मदद प्रदान करते हैं.  

समृद्ध स्कीम

भारत सरकार द्वारा 2021 में शुरू की गयी इस स्कीम का उद्देश्य स्टार्टअप्स को बढ़ावा देने के लिए उन्हें वित्तीय, तकनीकी और व्यावसायिक सहायता प्रदान करना है. इस स्कीम के तहत किसी स्टार्टअप को अधिकतम 40 लाख तक का फंड प्रदान किया जाता है. यह फंड स्टार्टअप के विकास, प्रोडक्ट इनोवेशन, और मार्केट एंट्री में मदद करता है. समृद्ध योजना के तहत 300 से अधिक स्टार्टअप्स को एक्सीलरेटर प्रोग्राम्स के माध्यम से सहायता प्रदान किये जाने का लक्ष्य तय किया गया है. इन प्रोग्राम्स में बिजनेस स्ट्रेटेजी, मार्केटिंग और मेंटरशिप शामिल हैं.  

नेक्स्ट जनरेशन इंक्यूबेशन स्कीम

नेक्स्ट जनरेशन इनक्यूबेशन स्कीम (एनजीआईएस), इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा की गयी पहल है. इस योजना का उद्देश्य देश के टियर-2 और टियर-3 शहरों में उन्नत तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई), मशीन लर्निंग (एमएल), ब्लॉकचेन और इंटरनेट ऑफ थिंकिंग पर आधारित स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करना है. अब तक 12 टियर-2 और टियर-3 शहरों में इनक्यूबेशन केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं, जो स्टार्टअप्स को बुनियादी ढांचे और मेंटरशिप प्रदान करते हैं. इस स्कीम के तहत चयनित स्टार्टअप्स को एक संरचित इनक्यूबेशन प्रोग्राम में शामिल किया जाता है, जहां उन्हें उनके व्यवसाय के हर चरण में सहायता प्रदान की जाती है.  

अटल इनोवेशन मिशन

नीति आयोग द्वारा 2016 में शुरू किया गया यह मिशन देश में नवाचार और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए एक क्रांतिकारी पहल है. यह मिशन युवाओं और स्टार्टअप्स को उनकी क्षमताओं को निखारने और एक सशक्त भारत के निर्माण में योगदान देने का अवसर प्रदान करता है. इस मिशन के तहत देशभर के स्कूलों में अब तक 10,000 से अधिक अटल टिंकरिंग लैब्स स्थापित की जा चुकी हैं, जो छात्रों को साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स (एसटीईएम) के माध्यम से नवाचार और समस्याओं के समाधान में सक्षम बना रहे हैं. 60 से अधिक अटल इनक्यूबेशन सेंटर की स्थापना हुई है. विभिन्न क्षेत्रों में 200 से अधिक नवाचार आधारित समाधान तैयार किये गये हैं. हाल में सरकारी की ओर से इस कार्यक्रम को 31 मार्च 2028 तक जारी रखने का फैसला किया गया है. इसे अटल इनोवेशन मिशन 2.0 नाम दिया गया है. इस योजना के लिए 2750 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है. अटल इनोवेशन मिशन 2.0 का अगला चरण भारत की ग्लोबल कॉम्पिटीटीवनेस को और बढ़ाने में मदद करेगा. इससे रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे.

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना 

इस योजना का पूरा नाम माइक्रो यूनिट डेवलपमेंट रीफाइनेंस एजेंसी (मुद्रा) है. छोटे व्यवसायियों को आर्थिक सहयोग उपलब्ध कराने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की शुरुआत अप्रैल, 2015 में की थी. इसके तहत लोगों को अपना कारोबार शुरू करने के लिए छोटी रकम का लोन दिया जाता है. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के दो उद्देश्य हैं. पहला, स्वरोजगार के लिए आसानी से लोन देना. दूसरा, छोटे उद्यमों के जरिये रोजगार का सृजन करना. इस योजना के तहत तीन चरणों में लोन दिया जाता है. पहला है शिशु लोन, जिसके तहत अपना व्यवसाय शुरू करने के इच्छुक युवा अधिकतम 50,000 रुपये का लोन प्राप्त कर सकते हैं. दूसरा है किशोर लोन, जो उनके लिए है, जिनका व्यवसाय पहले ही शुरू हो चुका है, लेकिन अभी तक स्थापित नहीं हुआ है. इसके तहत दी जानेवाली लोन की राशि 50,000 से 5 लाख रुपये के बीच होती है. तीसरा चरण है तरुण लोन, ये लोन उन लोगों के लिए है, जिनका व्यवसाय स्थापित हो चुका हो और उसे बढ़ाने या संपत्ति की खरीद के लिए उन्हें धन की आवश्यकता हो. इसमें लोन की राशि 5 लाख से 10 लाख के बीच है.  

9 सालों में 400 से बढ़कर 1.57 लाख हुई रजिस्टर्ड स्टार्टअप की संख्या

  • 14 गुना बढ़कर 115 अरब डॉलर पर पहुंच गयी है, इन 9 सालों में देश के स्टार्टअप में फंडिंग. 2016 में ये सिर्फ 8 अरब डॉलर थी.
  • 17 लाख से अधिक नौकरियां पैदा की हैं,  इस अवधि में भारतीय स्टार्टअप्स ने. 
  • 118 हो गयी है यूनिकॉर्न की संख्या, 2016 में यह केवल 8 थे.  
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