CBSE बोर्ड को छात्रों के थ्योरी और प्रैक्टिकल अंकों में मिला अंतर, अब स्कूल को करना होगा ये काम

CBSE Board Issues Advisory to Schools: सीबीएसई ने 500 से अधिक स्कूलों में 50 प्रतिशत छात्रों के बीच कुछ विषयों में थियोरी और प्रैक्टिकल अंकों के बीच महत्वपूर्ण अंतर पाया है और उन्हें अपनी आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रियाओं की समीक्षा करने की सलाह दी है.

By Agency | June 6, 2024 9:04 AM
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CBSE Board Issues Advisory to Schools: सीबीएसइ ने 500 विद्यालयों के करीब 50 प्रतिशत विद्यार्थियों के कुछ विषयों में लिखित एवं प्रायोगिक परीक्षा के अंकों में महत्वपूर्ण विसंगति का पता लगाया है. अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि बोर्ड ने विद्यालयों को उनकी आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रिया की समीक्षा करने का परामर्श दिया है. विद्यालयों को सलाह दी गयी है कि वे प्रायोगिक परीक्षा का मूल्यांकन करते समय निष्पक्षता और सटीकता को प्राथमिकता दें और सुनिश्चित करें कि प्रक्रिया उचित और विद्यार्थियों की शैक्षणिक यात्रा में महत्वपूर्ण योगदान करने वाली हो.

लिखित और प्रायोगिक परीक्षा में मिले अंकों में अंतर

सीबीएसइ के सचिव हिमांशु गुप्ता ने कहा कि बोर्ड को उन्नत कृत्रिम बुद्धिमत्ता के माध्यम से सीबीएसइ से संबद्ध 500 विद्यालयों में कुछ विषयों के 50 प्रतिशत या इससे अधिक विद्यार्थियों को लिखित और प्रायोगिक परीक्षा में मिले अंकों में महत्वपूर्ण विसंगित मिली है. यह विसंगति विद्यालयों में प्रायोगिक परीक्षाओं के दौरान सावधानीपूर्वक मूल्यांकन की आवश्यकता को उजागर करती है. परिणामस्वरूप, बोर्ड ने ऐसे विद्यालयों को अपनी आंतरिक मूल्यांकन प्रक्रियाओं की समीक्षा करने के लिए एक परामर्श जारी किया है.

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मूल्यांकन में निष्पक्षता और सटीकता को प्राथमिकता


सीबीएसइ ने रेखांकित किया कि इसका उद्देश्य अधिक मजबूत, पारदर्शी और विश्वसनीय तंत्र पर अमल करना है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि मूल्यांकन प्रक्रिया यथार्थवादी हो और छात्रों की शैक्षणिक यात्रा में पर्याप्त योगदान जोड़े. गुप्ता ने कहा कि यह परामर्श प्रायोगिक परीक्षाओं के मूल्यांकन में निष्पक्षता और सटीकता को प्राथमिकता देने के लिए एक स्मरण-पत्र के रूप में कार्य करता है, जिससे सीबीएसइ से संबद्ध संस्थानों में प्रदान की जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता में वृद्धि होगी.

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