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आरकेडीएफ विश्वविद्यालय रांची के विद्यार्थियों ने समझा डेयरी प्रोडक्ट को बनाने और बाजार तक पहुंचाने की टेक्निक

शैक्षिक भ्रमण के दौरान छात्र एवं छात्राओं ने मेधा डेयरी के दूध के अतिरिक्त अन्य उत्पाद जैसे दही, पनीर, लस्सी, आइसक्रीम, गुलाब, जामुन इत्यादि कैसे बनाए जाते हैं, इसकी भी जानकारी प्राप्त की.

आरकेडीएफ विश्वविद्यालय रांची के होटल प्रबंधन विभाग ने शैक्षिक भ्रमण का आयोजन किया, जिसमें होटल प्रबंधन विभाग एवं बायोटेक्नोलॉजी के छात्र एवं छात्राओं ने मेधा डेयरी रांची का भ्रमण किया. मेधा डेयरी की उत्पाद को कैसे बाजार में पहुंचाया जाता है और किस प्रकार से तैयार किया जाता है. छात्र-छात्राओं ने इसका बारीकी से अध्ययन किया. मेधा डेयरी के सेल्स एवं मार्केटिंग हेड अमृतेश कुमार सिन्हा ने बताया कि घर-घर तक दूध पहुंचाने का जिम्मा उठाने वाली मेधा डेयरी की स्थापना 2014 में हुई थी .

आधुनिक मशीन से होती है दूध की गुणवत्ता की जांच

शैक्षिक भ्रमण के दौरान दीपक बी सिंह एडमिन एंड एचआर ने बताया कि मिल्क टैंकर से ठंडा दूध फैक्ट्री में लाया जाता है और फिर उसका वजन लिया जाता है. आधुनिक मशीन द्वारा दूध की गुणवत्ता की जांच की जाती है. उन्होंने यह भी बताया कि पैकेट के दूध में कोई केमिकल नहीं मिलाया जाता है. नुकसानदायक बैक्टीरिया को मार दिया जाता है. पैकेट का दूध केमिकल रहित होता है इस प्रकार दूध को शुद्ध बनाया जाता है.

डेयरी प्रोडक्ट बनाने की जानकारी भी मिली

शैक्षिक भ्रमण के दौरान छात्र एवं छात्राओं ने मेधा डेयरी के दूध के अतिरिक्त अन्य उत्पाद जैसे दही, पनीर, लस्सी, आइसक्रीम, गुलाब, जामुन इत्यादि कैसे बनाए जाते हैं, इसकी भी जानकारी प्राप्त की. शैक्षिक भ्रमण की टीम का नेतृत्व होटल प्रबंधन विभाग के सहायक प्रोफेसर अलका उरांव ने किया. साथ ही उनके सहयोगी के रूप में सहायक प्रोफेसर शमीक चटर्जी एवं संजय प्रसाद रहे.

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