Success Story: कहते हैं कि जिन बच्चों में कुछ कर दिखाने की और अपने सपनों को पूरा करने की ललक होती है उन्हें कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता. कई बच्चे ऐसे होते हैं जिन्हें हर प्रकार की सुविधा मिलती है लेकिन फिर भी वे जीवन में कुछ बड़ा नहीं कर पाते लेकिन वहीं कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जिनके पास काफी कम संसाधन होते हैं लेकिन इसके बावजूद वे अपनी मेहनत और लग्न के बलबूते पर मुश्किल से मुश्किल मकाम हासिल कर लेते हैं. आज हम आपको ऐसी ही एक कहानी बताएंगे बिहार के मुजफ्फरपुर के रहने वाले आदित्य मोहन सिंह की जिन्होंने अपनी दादी के सपने को पूरा किया और बिना किसी कोचिंग के अपने दूसरे ही प्रयास में यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा में 29वां रैंक हासिल किया.
दादी से मिली प्रेरणा
आदित्य ने मीडिया से बातचीत के दौरान ये बताया कि वे आज जो भी हैं इसके पीछे उनकी दादी और उनके पिताजी का बड़ा हाथ है. उनके दादाजी पुलिस विभाग में थे और वे अक्सर उनकी वर्दी से काफी आकर्षित होते थे. उनकी भावनाओं को देखकर उनकी दादी भी यही चाहती थी कि उनका पोता बिल्कुल अपने दादा के तरह पुलिस विभाग में जाए और वर्दी पहनकर देश की सेवा करे. आदित्य ने यूं तो बीटेक की राह चुनी लेकिन उनका मन कहीं न कहीं अपनी दादी के बातों की ओर हमेशा जाता रहा. बीटेक के बाद आदित्य अपनी दादी के सपने को पूरा करने में लग गए और आखिरकार उन्होंने वह कर दिखाया जिसकी शायद किसी ने कल्पना भी नहीं की थी. हालांकि अब उनकी दादी इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन वह जहां भी होंगी उन्हें अपने पोते पर नाज होगा.
सेल्फ स्टडी को बताया अपना सक्सेस मंत्रा
आदित्य ने अपनी सफलता का पूरा श्रेय सेल्फ स्टडी को दिखाया. आदित्य के अनुसार, सक्सेस का कोई भी शॉर्टकट नहीं होता है. इसके लिए आपको फोकस करना होता है और दिन रात एक कर के अपना ध्यान एकाग्रित कर के कड़ी मेहनत करनी पड़ती है. उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान दूसरे प्रतियोगियों को भी यही सलाह दी कि निरंतर मेहनत से ही सफलता प्राप्त होगी, इसके लिए कोई आसान तरीका नहीं है.
पढ़ाई के लिए छोड़ दी नौकरी
आदित्य ने बीटेक के बाद एक अच्छी नौकरी हासिल कर ली थी लेकिन अपने दादा दादी के सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने नौकरी छोड़ दी और सिविल सर्विस परीक्षा की तैयारी में लग गए. आदित्य ने बिना किसी कोचिंग के सिर्फ यूट्यूब से पढ़ाई कर के अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा में 29वां रैंक हासिल किया, फिलहाल वे असिस्टेंट कमांडर के रूप में कार्यरत हैं.
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