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Success Story: बिहार के बेटे ने बड़े-बड़ों का तोड़ा गुरुर, सेल्फ स्टडी से एक झटके में निकाल लिया बीपीएससी

Success Story: बिहार के पूर्णिया के मयंक प्रकाश ने 66वीं BPSC परीक्षा में पहले प्रयास में 14वां स्थान हासिल कर स्टेट टैक्स असिस्टेंट कमिश्नर बने. उनकी कहानी जुनून और कड़ी मेहनत की प्रेरक मिसाल है.

Success Story: सपने देखना आसान है, लेकिन उन्हें हकीकत में बदलने के लिए जुनून, समर्पण और अथक प्रयास की जरूरत होती है. कठिनाइयों और चुनौतियों के बावजूद, जो लोग अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहते हैं, उनकी सफलता दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाती है. आज हम एक ऐसे ही युवा की कहानी साझा कर रहे हैं, जिन्होंने न केवल अपने सपनों को पूरा किया, बल्कि यह भी साबित कर दिया कि दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से हर असंभव संभव हो सकता है. यह कहानी है मयंक प्रकाश की, जिन्होंने 66वीं BPSC परीक्षा में पहले ही प्रयास में 14वां स्थान हासिल कर इतिहास रच दिया. बिहार के पूर्णिया जिले से ताल्लुक रखने वाले मयंक अब स्टेट टैक्स असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने अपनी सफलता की यात्रा और अनुभव जागरण जोश के साथ साझा किए, जो हर प्रतियोगी छात्र के लिए एक प्रेरणा है.

जानें मयंक का शैक्षणिक सफर

मयंक प्रकाश का जन्म बिहार के पूर्णिया जिले में हुआ, जो अपनी सादगी और सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है. मयंक ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूर्णिया के डीएवी पब्लिक स्कूल से पूरी की, जहां उन्होंने 10वीं कक्षा तक की पढ़ाई की. इसके बाद, उन्होंने 12वीं की पढ़ाई झारखंड के प्रतिष्ठित दिल्ली पब्लिक स्कूल, बोकारो से पूरी की. बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल रहने वाले मयंक ने अपनी मेहनत और लगन से हर कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया. स्कूल शिक्षा पूरी करने के बाद, मयंक ने इंजीनियरिंग के क्षेत्र में कदम रखा और बेंगलुरु के प्रतिष्ठित बैंगलोर इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (B.E) की डिग्री हासिल की. उनकी पढ़ाई के दौरान ही उनका लक्ष्य स्पष्ट था—एक ऐसा करियर जिसमें वह अपने ज्ञान और कौशल का उपयोग कर समाज की सेवा कर सकें. इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद मयंक ने एक मल्टीनेशनल कंपनी में सीनियर ऑफिसर के पद पर काम करना शुरू किया. बेंगलुरु में अपनी पेशेवर जिंदगी के बावजूद, उन्होंने अपने करियर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सपना देखा. उनकी मेहनत, अनुशासन और दृढ़ता ने उन्हें इस काबिल बनाया कि वे 66वीं BPSC परीक्षा में पहले ही प्रयास में 14वां स्थान हासिल कर सकें.

अनुशासित तरीके से पढ़ाई करने से सफलता मिलती है: मयंक

मयंक ने मीडिया से बातचीत के दौरान ये बताया कि नौकरी में होने के कारण वे दिन में केवल 3-4 घंटे ही पढ़ाई कर पाते थे. उन्होंने अपने शनिवार और रविवार को पढ़ाई के लिए पूरी तरह समर्पित किया. उनके अनुसार, समय की कमी के बावजूद अनुशासित तरीके से पढ़ाई करना सफलता की कुंजी है. इंटरव्यू की तैयारी मयंक ने अपने प्रोफाइल के अनुसार की. उन्होंने अपने जिले, नौकरी, ग्रेजुएशन के विषय और वैकल्पिक विषयों पर खास ध्यान दिया. इसके साथ ही उन्होंने करंट अफेयर्स की तैयारी के लिए रोजाना अखबार पढ़ने की आदत बनाई. मयंक ने ऑनलाइन मॉक इंटरव्यू का भी अभ्यास किया, जिससे उन्हें आत्मविश्वास बढ़ाने में मदद मिली. इंटरव्यू के दौरान उनसे ज्यादातर सवाल उनके वैकल्पिक विषय समाजशास्त्र, वर्तमान नौकरी और करंट अफेयर्स से जुड़े हुए थे. इनमें ज्ञानवापी मुद्दा, श्रीलंका संकट, और वैक्सीन कार्यक्रम जैसे विषय शामिल थे. मयंक का कहना है कि नियमित पढ़ाई और सही रणनीति अपनाकर कोई भी इस परीक्षा में सफलता हासिल कर सकता है.

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