Education : यात्रा पर किताबें, जो छात्रों को करेंगी प्रेरित
छात्र जीवन में हम जो कुछ भी पढ़ते हैं, उसका हमारे नजरिये पर गहरा असर पड़ता है. इसलिए छात्रों को जीवनियां और यात्रा संस्मरण पढ़ने की सलाह दी जाती है. पढ़ें छात्र जीवन में नये अनुभव जोड़नेवाले हिंदी के प्रसिद्ध यात्रा संस्मरण...
Education : स्टूडेंट लाइफ में यात्रा संस्मरण पढ़ने से हमें उन जगहों के बारे में जानने में मदद मिलती है, जहां हम अब तक गये नहीं हैं या गये भी तो कई बार किसी और के लिखे गये संस्मरण के जरिये उस जगह को नये तरीके से जान पाते हैं. आप अगर यात्राओं पर केंद्रित हिंदी की बेहतरीन किताबें पढ़ाना चाहते हैं और अपने दृष्टिकोण का विस्तार करना चाहते हैं, तो किताबों की यह सूची आपके काम आ सकती है.
स्पीति में बारिश
प्रसिद्ध विचारक और यायावर कृष्णनाथ ने अपनी स्पीति यात्रा पर ‘स्पीति में बारिश’ नाम से बेहद खूबसूरत यात्रा संस्मरण लिखा है. यह यात्रा वृत्तांत एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में भी शामिल है. इसके साथ-साथ छात्र कृष्णनाथ के लद्दाख में राग-विराग, पृथ्वी परिक्रमा, अरुणाचल यात्रा, किन्नौर यात्रा, हिमालय यात्रा जैसे यात्रा वृत्तांत भी पढ़ सकते हैं, जिनमें हिमालयी लोक जीवन के बारे में गहराई से लिखा गया है.
चीड़ों पर चांदनी
हिंदी के प्रसिद्ध कथा लेखक निर्मल वर्मा के इस यात्रा संस्मरण में यूरोप के कई हिस्से मिलेंगे और एक छोटा सा हिस्सा शिमला और उसके पास ही स्थित बेहद शांत और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर फागू का भी मिलेगा. इस किताब में निर्मल वर्मा की आइसलैंड एवं जर्मनी की यात्रा के संस्मरण हैं, जिनके जरिये वहां के लोगों, संस्कृति, खाने-पीने के और जीने के तरीके के बारे में बेहद रोचक बातें जानने को मिलती हैं.
सौंदर्य की नदी नर्मदा
इस किताब में नर्मदा नदी की परिक्रमा की जीवंत कथा है, जिसके लेखक अमृतलाल वेगड हैं. नर्मदा नदी के किनारे-किनारे पूरे चार हजार किलोमीटर की पैदल यात्रा के अनुभवों का एक हिस्सा इस किताब में है. यह किताब बताती है नदियों के बड़े-बड़े बांध की सरहदों में बंधने से पहले उनके किनारे रहनवालों का जीवन, सौंदर्य और संस्कृति कैसी थी. नर्मदा परिक्रमा के यात्रा अनुभव को अमृतलाल वेगड ने दो अन्य पुस्तकों अमृतस्य नर्मदा और तीरे-तीरे नर्मदा में भी संजोया है.
अरे यायावर रहेगा याद
सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’ की यह किताब रास्तों के साथ देश-दुनिया में की गयी विभिन्न यात्राओं का वर्णन और अनुभूति है. इसमें असम की यात्रा है तो कश्मीर की भी. यह किताब अतीत का एक ऐसा नक्शा पेश करती है्, जो अब सिर्फ कुछ लोगों की स्मृतियों में बचा है.
आखिरी चट्टान तक
मोहन राकेश का यह यात्रावृत्त गोवा से कन्याकुमारी तक की यात्रा अनुभवों पर केंद्रित है. इसमें प्रकृति, मनुष्य और विराट जीवन की विवेचना की गयी है.
बुद्ध का कमण्डल लद्दाख
प्रसिद्ध हिंदी लेखिका कृष्णा सोबती का यह यात्रा वृत्तांत हिमालय के चारों दिशाओं में मौजूद भारतीय जनमानस एवं वहां की संस्कृति का आध्यात्मिक स्रोत है. इस किताब में लद्दाख की जीती जागती छवियों को संजोया गया है.
वह भी कोई देस है महराज
अनिल यादव का यह यात्रा संस्मरण आपको देश के उस हिस्से में ले जायेगा, जो देश में होकर भी न होने जैसी खामोशी ओढ़े रहता है. पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों की यात्रा पर केंद्रित यह एक शानदार किताब है.
जितनी मिट्टी उतना सोना
अशोक पांडे की इस किताब में बेहद मुश्किल परिस्थितियों में हिमालय की गोद में रहने करने वाले रं समाज की सांस्कृतिक संपन्नता की जानकारी तो मिलेगी ही, युवा छात्रों को उस अजेय जिजीविषा और साहस से भी रूबरू होंगे, जिसके बिना इन दुर्गम घाटियों में जीने की कल्पना तक नहीं की जा सकती.
दर्रा दर्रा हिमालय
अजय सोडानी की यह किताब एक परिवार की हिमालय पर घुमक्कड़ी का वृत्तांत है. यह किताब हिमालय की सर्द, मनोहारी और जानलेवा वादियों के अनुभव को व्यक्त करती है.
आजादी मेरा ब्रांड
अनुराधा बेनीवाल ने इस किताब में अपनी यूरोप के देशों में अकेले घूमने और उस दौरान हुए अनुभवों की कहानियां बयां की हैं. युवाओं के लिए यायावरी पर केंद्रित यह एक बेहतरीन किताब है.