UPSC: छीन ली गई पूजा खेडकर की अफसरी, जानिए अब क्यों नहीं बन पाएगी IAS, IPS अधिकारी
UPSC: यूपीएससी ने बड़ा एक्शन लेते हुआ पूजा खेडकर को भविष्य में किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी है.यूपीएससी के द्वारा पूजा खेडकर के तमाम डॉक्युमेंट्स की जांच के बाद उन्हें दोषी पाया गया है.
UPSC: संघ लोक सेवा आयोग के द्वारा ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर के ऊपर बड़ा फैसला लिया गया है.यूपीएससी के इस फैसले के तहत उनकी अस्थायी उम्मीदवारी रद्द कर दी गई है. साथ ही यूपीएससी ने एक्शन लेते हुए यह भी कहा है की खेडकर अब भविष्य में होने वाले किसी भी परीक्षा में शामिल नहीं हो पाएगी, उनके ऊपर किसी भी परीक्षा में शामिल होने पर रोक लगा दी गई है.आपको बता दें खेडकर के तमाम डॉक्युमेंट्स की जांच की गई थी, जिसमें उनको दोषी पाया गया है.सीएसई 2022 के नियमों का उल्लंघन करने की वजह से वह दोषी पाई गई है.
जांच के बाद यूपीएससी ने लिया अहम फैसला
इस मामले में संघ लोक सेवा आयोग ने पहले ही बड़े फैसले के संकेत दे दिए थे.यूपीएससी ने बीते कुछ दिन पहले ही पूजा खेडकर को कारण बताओ नोटिस जारी किया था.इस मामले में यूपीएससी ने इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई थी.यूपीएससी ने पूजा खेडकर मामले की जांच करते हुए उनके पिछले 15 साल के डाटा को खंगालने का काम किया.इस जांच के बाद हैरत करने वाली बात निकल कर सामने आई, पूजा खेडकर इकलौती ऐसी कैंडिडेट रही जिसने कितनी बार यूपीएससी की परीक्षा दी थी इस चीज का पता नहीं लग सका.
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UPSC: अपने वास्तविक पहचान को छुपाती रही पूजा खेडकर
दरअसल ये ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पूजा खेड़कर जितनी भी बार परीक्षा में शामिल हुई उन्होंने हर बार आपके नाम, अपने माता पिता के नाम में फेरबदल किया.हालाकि अब यूपीएससी इस चूक के बाद और सख्ती के साथ एसओपी को मजबूत करने की तैयारी में है ताकि आनेवाले भविष्य में इस तरह के मामले ना हो.
UPSC: फर्जी प्रमाण पत्र पर यूपीएससी का बयान
ऐसे प्रमाण पत्र जो जाति, अथवा विशेष रूप से छूट जैसे लाभ के लिए दिए जाते है,उनकी जांच प्रारंभिक तौर पर यूपीएससी के द्वारा की जाती है.प्रमाण पत्र की जांच में सिर्फ प्रमाण पत्र जारी करनेवाले अधिकारी को देखा जाता है, जारी की गई तिथि जैसी चीजों को देखा जाता है.हजारों की।संख्या में प्रमाण पत्र जमा किए जाते है, हर प्रमाण पत्र की सत्यता का जांच करना संभव नहीं है.यूपीएससी ने ये साफ तौर पर कहा कि उनके पास ना ही इतने अधिकारी है ना इतने मौजूद साधन जिसके माध्यम से हर प्रमाण पत्र की सत्यता की जांच की जा सकें.