Gukesh D Education: जानें कितने पढ़े-लिखे हैं सबसे कम उम्र के शतरंज चैंपियन, स्कूल पूरा होते ही रच दिया इतिहास
18 साल के भारतीय प्रतिभाशाली शतरंज खिलाड़ी गुकेश दोम्माराजू ने इतिहास रच दिया है. वो दुनिया के सबसे कम उम्र के चेस चैंपियन बन गये हैं. जानिए कितने पढ़े-लिखे हैं गुकेश और कहां से हुई है उनकी शिक्षा?
Gukesh D Education: 18 साल की उम्र—जब ज्यादातर युवा स्कूल पास करने और अपने भविष्य की दिशा तय करने में जुटे होते हैं, जब कई को यह भी नहीं पता होता कि उनका असली जुनून क्या है, उस उम्र में भारत के डोम्माराजु गुकेश ने ऐसा इतिहास रच दिया है, जिसने पूरे देश को गर्व से भर दिया. गुकेश ने शतरंज की दुनिया में अपना लोहा मनवाते हुए सबसे कम उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीतने का कीर्तिमान स्थापित किया है. वह इस मुकाम तक पहुंचने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बन गए हैं. गुकेश न केवल चेस ग्रैंडमास्टर का खिताब हासिल कर चुके हैं, बल्कि उन्होंने महान शतरंज खिलाड़ी विश्वनाथन आनंद के बाद भारत को यह सम्मान दिलाकर भारतीय शतरंज को नई ऊंचाई पर पहुंचाया है.
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कहां से हुई है गुकेश की पढ़ाई ?
डोम्माराजु गुकेश की स्कूली शिक्षा चेन्नई, तमिलनाडु से हुई है. उन्होंने Velammal Vidhyalaya, Mel Ayannambakam से पढ़ाई की, जो चेन्नई के प्रतिष्ठित स्कूल समूहों में से एक है. इस स्कूल का नाम शतरंज की दुनिया में खास पहचान रखता है, क्योंकि यहां से पहले भी कार्तिकेयन, अरविंद चिदंबरम और प्रागनन्दा जैसे कई प्रतिभाशाली चेस ग्रैंडमास्टर निकले हैं.
भारत के लिए गर्व का क्षण
गुकेश की इस ऐतिहासिक जीत ने पूरे देश का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. उन्होंने साबित कर दिया कि अगर जुनून और मेहनत साथ हों, तो उम्र कभी भी सफलता की सीमा नहीं बन सकती. उनकी इस उपलब्धि ने भारत के युवाओं को प्रेरणा दी है कि सपने बड़े देखो और उन्हें पूरा करने के लिए पूरी ताकत झोंक दो. गुकेश की कहानी हर भारतीय के लिए एक सबक है कि अगर आप अपने जुनून को पहचान लें और उसे अपना लक्ष्य बना लें, तो असंभव कुछ भी नहीं. भारत के इस युवा सितारे को ढेरों शुभकामनाएं और उनकी आने वाली उपलब्धियों के लिए अग्रिम बधाई!
डोम्माराजु गुकेश (D Gukesh) की अब तक की उपल्बधियां:
2015:
डोम्माराजु गुकेश ने अंडर-9 चेस चैंपियनशिप जीतकर अपने शानदार करियर की शुरुआत की.
2017:
उन्होंने मलेशिया में आयोजित पहला इंटरनेशनल चेस मास्टर खिताब जीता, जो उनके अंतरराष्ट्रीय सफर की बड़ी उपलब्धि थी.
2018:
स्पेन में उन्हें वर्ल्ड अंडर-12 चैंपियन का खिताब दिया गया. इसी साल वह इस कैटेगरी में दुनिया के तीसरे सबसे कम उम्र के चेस ग्रैंडमास्टर बने.
2021:
गुकेश ने जूनियर्स बेयर चैलेंजर्स चेस टूर में शानदार प्रदर्शन करते हुए 14/19 प्वाइंट्स से खिताब अपने नाम किया.
2022:
- अगस्त में हुए 44वें चेस ओलंपियाड में उन्होंने दुनिया के नंबर-1 रैंक वाले अमेरिका के खिलाड़ी को हराकर तहलका मचा दिया.
- अक्टूबर में वह वर्ल्ड नंबर-1 चेस प्लेयर मैग्नस कार्लसन को हराने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने.
2023:
- गुकेश 2700 से ऊपर की FIDE रेटिंग पाने वाले सबसे युवा खिलाड़ी बने, जो शतरंज में असाधारण उपलब्धि मानी जाती है.
- सितंबर तक उन्होंने भारत के महान चेस मास्टर विश्वनाथन आनंद को पीछे छोड़ दिया. यह कारनामा आनंद के 37 साल लंबे चेस करियर में पहली बार हुआ.
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