Gujarat Assembly Elections 2022: गुजरात विधानसभा चुनावों के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया गया है. इसी के साथ, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से गुजरात के कई विधानसभा सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा भी कर दी गई है. वहीं, एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और गुजरात इलेक्शन वॉच (GEW) ने 2004 से सांसदों, विधायकों और उम्मीदवारों के वित्तीय एवं आपराधिक मामलों का विश्लेषण किया है. इस रिपोर्ट में कई अहम जानकारियां सामने आई है.
– एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) और गुजरात इलेक्शन वॉच (जीईडब्ल्यू) द्वारा 2004 से अब तक लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कुल 6043 उम्मीदवार का विश्लेषण किया गया है.
– इनमें 685 सांसद और विधायक ऐसे है, जिन्होंने 2004 से संसद या राज्य विधानसभा में सीटों पर कब्जा किया है.
– कुल 6043 उम्मीदवारों में से 972 यानि 16 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
– विश्लेषण किए गए 6043 उम्मीदवारों में से 511 यानि 8 फीसदी ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
– 2004 से विश्लेषित 685 सांसदों और विधायकों में से 191 यानि 28 फीसदी ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. वहीं, 109 यानि 16 फीसदी पर गंभीर आपराधिक मामले हैं.
– चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की औसत संपत्ति: 2004 से विश्लेषण किए गए सभी 6043 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 1.71 करोड़ रुपये है.
– 2004 से विश्लेषण किए गए सभी सांसदों और विधायकों (685) की औसत संपत्ति 5.99 करोड़ रुपए है.
– आंकड़ों के विश्लेषण से पता चला है कि चुनावी नतीजों पर धनबल और बाहुबल का बड़ा असर पड़ता है.
– 972 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति (2004 से विश्लेषण) आपराधिक मामले में 3.81 करोड़ रुपये हैं और गंभीर आपराधिक मामलों वाले 511 उम्मीदवारों के लिए 5.34 करोड़ रुपये हैं. जबकि, औसत संपत्ति 191 रुपये है.
– घोषित आपराधिक मामलों वाले सांसदों और विधायकों (2004 से विश्लेषण) के लिए 8.96 करोड़ रुपये और घोषित गंभीर आपराधिक मामलों वाले 109 सांसदों एवं विधायकों के लिए 11.42 करोड़ रुपये है.
2004 से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 684 उम्मीदवारों में से 162 (24 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए है. वहीं, 2004 से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 659 उम्मीदवारों में से 212 (32 फीसदी), बसपा के 533 में से 65 (12 फीसदी) उम्मीदवारों, 59 आम आदमी पार्टी के उम्मीदवारों में से 7 (12 फीसदी), 166 जीपीपी उम्मीदवारों में से 37 (22 फीसदी) और 2575 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 291 (11 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले की घोषणा की है.
2004 से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 684 उम्मीदवारों में से 98 (14%) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किया हैं. वहीं, 2004 से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 659 उम्मीदवारों में से 106 (16%), 59 आप उम्मीदवारों में से 4 (7%), 166 जीपीपी उम्मीदवारों में से 17 (10%) और 2575 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 133 (5%) ने अपने खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित है.
2004 से बीजेपी के टिकट पर चुने गए 442 सांसदों और विधायकों में से 61 (14%) ने खुद के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले की घोषणा की है. वहीं, 2004 से कांग्रेस के टिकट पर चुने गए 226 सांसदों/विधायकों में से 41 (18%) और 5 निर्दलीय में से 3 (60%) सांसदों/विधायकों ने खुद के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं.