Gujarat Election 2022: गुजरात में अपनी साख बचाने की कोशिश में जुटी कांग्रेस ने बीजेपी को घेरने के लिए रविवार को आरोप पत्र जारी किया है. विधानसभा चुनाव से पूर्व कांग्रेस की ओर से गुजरात की बीजेपी सरकार के खिलाफ जारी किए गए 22 सूत्री आरोपपत्र में गुजरात में सत्तारूढ़ दल पर कई तरह के आरोप लगाए गए है.
गुजरात कांग्रेस की प्रदेश इकाई ने राज्य की बीजेपी सरकार के खिलाफ 22 सूत्री आरोपपत्र जारी करते हुए उस पर जनविरोधी होने का आरोप लगाया है. कांग्रेस ने दावा किया कि बीजेपी के शासन में गुजरात की जनता को भूख, भय और अत्याचार ही नसीब हुआ है.
कांग्रेस ने आरोपपत्र में मोरबी हादसे का भी प्रमुखता से उल्लेख किया है. बता दें कि इस हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी. आरोपपत्र में दावा किया गया है कि मोरबी हादसा बीजेपी के भ्रष्टाचार का सीधा परिणाम है, जहां लोगों की जान की कोई कीमत नहीं है.
इसके साथ ही, कांग्रेस ने अपने आरोपपत्र में बिल्किस बानो सामूहिक दुष्कर्म मामले में 11 दोषियों की रिहाई तथा गुजरात दंगों के दौरान उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या को असंवैधानिक करार दिया है. बिल्किस बानो मामले में 11 दोषियों की रिहाई पर कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी सरकार ने उन्हें रिहा करने के लिए स्थापित नियमों व परंपरा की अनदेखी की.
आरोप पत्र में यह भी दावा किया गया कि राज्यपाल आचार्य देवव्रत को कुलाधिपति नियुक्त करने के बाद महात्मा गांधी द्वारा स्थापित गुजरात विद्यापीठ पर संदिग्ध तरीके से अतिक्रमण करने का प्रयास किया गया. इसमें बीजेपी पर तंज करते हुए कहा गया है कि राज्य सरकार की उपलब्धियों में सरकार समर्थक कुछ उद्योगपतियों को सरकारी खजाने की कीमत पर अमीर बनाना, राज्य की अर्थव्यवस्था चौपट करना, गरीबी में व्यापक बढ़ोतरी तथा आवश्यक चीजों की कीमतों में भारी वृद्धि शामिल हैं. कांग्रेस ने जनता से अपील की कि महात्मा गांधी और सरदार पटेल के गुजरात को फिर से गौरवान्वित करने के लिए उसे वोट देकर सत्ता में लाएं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भरतसिंह सोलंकी ने कहा कि ऐसे समय में जब बीजेपी जनता का ध्यान मुख्य मुद्दों से हटाने के लिए काम कर रही है, इन मुद्दों पर उनका ध्यान आकर्षित करने के वास्ते यह आरोप पत्र जारी किया गया है. सोलंकी ने दावा किया कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के दौरान गुजरात के सकल घरेलू विकास (GDP) में 18 से 23 फीसदी की वृद्धि हुई थी. लेकिन, राज्य में बीजेपी शासन के दौरान 1.35 फीसदी ऋणात्मक विकास दर दर्ज की गई.
आरोपपत्र में दावा किया गया है कि गुजरात में बीजेपी शासन के दौरान स्वास्थ्य क्षेत्र की उपेक्षा करके स्वास्थ्य बजट में कमी की गई, जिसके कारण कुपोषण बढ़ा है और विशेषज्ञों के 90 फीसदी पद रिक्त हैं. इसमें यह भी दावा किया गया है कि गुजरात शैक्षणिक सूचकांक के लिहाज से अन्य राज्यों के मुकाबले पीछे है.
गुजरात में कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक शर्मा ने कहा कि पिछले पांच सालों में प्रश्नपत्र लीक होने के 22 मामले सामने आये हैं. मैं युवाओं से अपील करना चाहूंगा कि जब वे मतदान करने जायें तो याद रखें कि बीजेपी सरकार ने उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है. कांग्रेस ने दावा किया कि बीजेपी शासन के दौरान किसानों को ठगा गया और उन्हें सबसे कम कृषि मजदूरी, कम न्यनतम समर्थन मूल्य और कर्ज का भारी बोझ मिला. इसमें यह भी दावा किया कि वर्ष 2021 में राज्य में कृषि क्षेत्र से जुड़े नौ दिहाड़ी श्रमिकों ने प्रतिदिन आत्महत्या की.
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आरोपपत्र में भ्रष्ट पूंजीवाद, घोटालों, तेजी से फैलते भ्रष्टाचार, बिजली आपूर्ति, जनजातीय कल्याण की उपेक्षा, दलितों में सुरक्षा का आभाव, श्रमिकों का शोषण, पंचायती राज प्रणाली के ध्वस्त होने और सरकारी कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार समेत अन्य मुद्दों को उठाया गया.
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