Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर सत्तारूढ़ बीजेपी एक ओर जहां पूरी ताकत के साथ जुटी है. वहीं, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) दोनों ही दल भारतीय जनता पार्टी को कड़ी चुनौती देने की इरादे में अपने-अपने तरीके से प्लानिंग कर रही है. इसी कड़ी में सभी प्रमुख सियासी दल उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को लेकर बेहद गंभीर दिख रहे है.
गुजरात में सत्ता पर काबिज बीजेपी और आम आदमी पार्टी ने प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दलों को छोड़कर उनके साथ शामिल होने वाले कई नेताओं को इस बार के विधानसभा चुनाव के लिए टिकट देकर पुरस्कृत किया है. वहीं, कांग्रेस ने 21 सीटिंग विधायकों सहित पार्टी के निष्ठावान एवं पुराने नेताओं को तरजीह दी है. बता दें कि गुजरात में 182 सीटों के लिए अगले महीने दो चरण में होने वाले चुनाव में बीजेपी ने अब तक 160, कांग्रेस ने 89 और ‘आप’ ने 174 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है.
बीजेपी की ओर से जारी किए गए 160 उम्मीदवारों की सूची में 2017 विधानसभा चुनाव जीतने के बाद कांग्रेस से इस्तीफा देकर पार्टी में शामिल हुए 20 में से 9 विधायकों को मैदान में उतारा है. पार्टी ने हार्दिक पटेल को भी टिकट दिया है. हालांकि, बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस विधायक अल्पेश ठाकोर और भावेश कटारा को लेकर अभी कोई निर्णय नहीं लिया है. पार्टी ने 2017 से पहले भी कांग्रेस छोड़कर आये कुछ नेताओं को इस बार के विधानसभा चुनाव में उम्मीदवार बनाया है. इनमें जामनगर ग्रामीण से राघवजी पटेल और सिद्धपुर से बलवंतसिंह राजपूत के नाम प्रमुख हैं. बलवंत सिंह राजपूत ने जुलाई 2017 में राज्यसभा चुनाव से पहले इस्तीफा दे दिया था और बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़े थे. राज्यसभा चुनाव में पार्टी निर्देशों के खिलाफ मतदान करने के लिए पटेल को कांग्रेस से निष्कासित कर दिया गया था. वह 2017 के विधानसभा चुनाव में हार गए थे. लेकिन, 2019 में जामनगर ग्रामीण सीट से तत्कालीन कांग्रेस विधायक वल्लभ धाराविया के इस्तीफा देने और बीजेपी में शामिल होने के बाद खाली हुई सीट पर उपचुनाव जीत गये थे.
वहीं, कांग्रेस की ओर से अब तक जारी 89 उम्मीदवारों की सूची में हाल में कोई प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक दल छोड़कर आए किसी नेता का नाम नहीं है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश ठाकोर ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी. उन्होंने कहा कि हमारी पहली पसंद हमारे कार्यकर्ता हैं. बीजेपी से पीड़ित होने के बावजूद उसे चुनौती देने के लिए कांग्रेस को मजबूत करने वाले कार्यकर्ता ही पहली पसंद होंगे. अगर, दूसरी पार्टी का कोई नेता कांग्रेस में शामिल होता है तो उसे टिकट नहीं दिया जाएगा, चाहे वह नेता कितना भी बड़ा क्यों न हो. जगदीश ठाकोर ने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी द्वारा पूर्व कांग्रेस नेताओं को खड़े किये जाने में कोई हैरानी की बात नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने यह ध्यान रखते हुए अपनी रणनीति बनाई है. कांग्रेस छोड़कर गया एक भी नेता जीतने वाला नहीं है. बीजेपी के अपने कार्यकर्ता उन्हें जीतने नहीं देंगे.
आम आदमी पार्टी की 174 प्रत्याशियों की सूची दिखाती है कि उसने कांग्रेस, बीजेपी और भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) छोड़कर आये कई नेताओं को अपना उम्मीदवार बनाया है. आप ने पूर्व कांग्रेस प्रवक्ता कैलाश गढ़वी को मांडवी से टिकट दिया है, तो सूरत बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष पीवीएस शर्मा को सूरत जिले की मजुरा सीट से मैदान में उतारा है. पूर्व कांग्रेस नेता और 2017 में पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके भरतसिंह वाखला को देवगढ़ बरिया से AAP ने अपना प्रत्याशी बनाया है. आम आदमी पार्टी ने बीटीपी की नर्मदा जिला इकाई के पूर्व अध्यक्ष चैतार वसावा को डेडियापाड़ा से मैदान में उतारा है, वहीं, बीटीपी के पूर्व नेता प्रफुल्ल वसावा, जिन्होंने 2017 में आप में शामिल होकर नंदोड सीट से चुनाव लड़ा था और हार गये थे, पर इस चुनाव के लिए फिर से विश्वास जताया है. मातर विधानसभा से दो बार बीजेपी का प्रतिनिधित्व कर चुके केसरसिंह वाघेला शुक्रवार को आप में शामिल हुए और देखना होगा कि पार्टी उन्हें उम्मीदवारी का मौका देती है या नहीं. वाघेला को बीजेपी ने इस बार टिकट नहीं दिया.