Gujarat Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के प्रमुख नेताओं ने सूबे में अपनी सियासी गतिविधियां तेज कर दी है. इस बीच, इन प्रमुख सियासी दलों की ओर से चुनावी रण में उतारे गए प्रत्याशियों को लेकर एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और गुजरात इलेक्शन वॉच (GEW) की रिपोर्ट में अहम खुलासे हुए है.
एडीआर और जीईडब्ल्यू की ओर से किए गए विश्लेषण के मुताबिक, 2004 के बाद से कांग्रेस ने बीजेपी की तुलना में गुजरात में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि वाले अधिक उम्मीदवारों को नामित किया है. यह विश्लेषण 2004 से गुजरात से या तो संसदीय या राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने वाले कुल 6,043 उम्मीदवारों को लेकर किया गया है. इसी तरह, गुजरात से 2004 के बाद संसद या राज्य विधानसभा में सीटों पर कब्जा करने वाले कुल 685 सांसदों या विधायकों का भी विश्लेषण किया गया है.
वर्ष 2004 से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ने वाले 684 उम्मीदवारों में से 162 (24 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. हालांकि, कांग्रेस के लिए यह संख्या अधिक है और पार्टी के पास 659 में से 212 (32 फीसदी) आपराधिक पृष्ठभूमि वाले प्रत्याशी हैं. इसके अलावा, बीएसपी के 533 उम्मीदवारों में से 65 (12 फीसदी), AAP के 59 उम्मीदवारों में से 7 (12 फीसदी) और 2,575 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 291 (11 फीसदी) ने भी अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. वहीं, 2004 के बाद से हुए विभिन्न चुनावों में विजयी होने वाले उम्मीदवारों में बीजेपी के टिकट पर चुने गए 442 सांसदों और विधायकों में से 102 (23 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. जबकि, 226 सांसदों में से 80 (35 फीसदी) ने अपने खिलाफ आपराधिक मामले घोषित किए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के टिकट पर चुने गए विधायकों और 5 निर्दलीय सांसदों और विधायकों में से 3 (60 फीसदी) ने आपराधिक मामले घोषित किए हैं.
बीजेपी के 442 सांसदों या विधायकों की औसत संपत्ति 5.87 करोड़ रुपये है. वहीं, कांग्रेस के 226 सांसदों या विधायकों की औसत घोषित संपत्ति 6.32 करोड़ रुपये है. खास बात यह है कि बीजेपी में आपराधिक मामलों वाले सांसदों या विधायकों की औसत संपत्ति 9.19 करोड़ रुपये थी. जबकि, कांग्रेस की 8.79 करोड़ रुपये थी. हालांकि, आपराधिक पृष्ठभूमि वाले एनसीपी सांसद या विधायक 19.97 करोड़ रुपये के साथ सबसे अमीर थे.
रिपोर्ट के मुताबिक, 1636 उम्मीदवारों के पास स्नातक या उससे ऊपर की डिग्री है. जबकि, 4777 प्रत्याशी बारहवीं पास और उससे नीचे हैं तथा 130 डिप्लोमा धारक हैं. वहीं, 300 सांसदों और विधायकों के पास स्नातक और उससे ऊपर की डिग्री, 358 बारहवीं पास या उससे नीचे और 27 डिप्लोमाधारक हैं. एडीआर ने यह भी पाया कि केवल 383 उम्मीदवार महिलाएं थीं, जिनमें से 21 पर आपराधिक मामले हैं और 11 के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं. गुजरात में 2004 से अब तक केवल 63 महिला सांसद और विधायक चुनी गईं हैं, जिनमें से 4 पर आपराधिक मामले और तीन के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले हैं.