Gujarat Assembly Election 2022: 2004 से गुजरात में हुए चुनावों के संबंध में एसोसिएशन ऑफ डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की रिपोर्ट में अहम जानकारी सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, विश्लेषण के दौरान यह बात सामने आई कि आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों के जीतने की संभावना साफ-सुथरे उम्मीदवारों की तुलना में अधिक थी.
एडीआर की रिपोर्ट के अनुसार, विश्लेषण के दौरान पता चला है कि जिन प्रत्याशियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे, उनके जीतने की संभावना 20 फीसदी थी. जबकि, साफ रिकॉर्ड वाले प्रत्याशियों की जीत की संभावना केवल 10 फीसदी थी. पार्टी-वार विश्लेषण से पता चलता है कि बीजेपी एकमात्र ऐसी पार्टी थी, जिसके पास लगभग समान उम्मीदवारों के जीतने की संभावना थी, जिनके खिलाफ आपराधिक मामले नहीं थे. 684 उम्मीदवारों और 442 विधायकों/सांसदों के विश्लेषण से पता चला कि आपराधिक रिकॉर्ड वाले प्रत्याशियों के जीतने की संभावना 63 फीसदी थी और जिनके खिलाफ आपराधिक मामले नहीं थे, उनकी जीत की संभावना 65 फीसदी संभावना थी.
कांग्रेस के लिए, आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों के जीतने की संभावना 38 फीसदी थी और साफ रिकॉर्ड वाले उम्मीदवारों के जीतने की संभावना 33 फीसदी थी. विश्लेषण ने संकेत दिया कि 44 फीसदी सांसद और विधायक जो स्नातक एवं उससे ऊपर थे, जबकि 52 फीसदी जिन्होंने 12वीं कक्षा या उससे नीचे की पढ़ाई की थी, उन पर आपराधिक मामले थे. इसी तरह, स्नातक या उच्च डिग्री वाले सांसदों और विधायकों की औसत संपत्ति 4.4 करोड़ रुपये थी.
इससे पहले, एडीआर की रिपोर्ट में यह बात सामने आई थी कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के लिए चुनावी रण में उतरे कांग्रेस के करीब 90 प्रतिशत उम्मीदवार करोड़पति हैं, जबकि सत्ताधारी बीजपेी के करोड़पति उम्मीदवारों की संख्या 82 प्रतिशत है. रिपोर्ट के मुताबिक, कांग्रेस के 61 और बीजेपी के 56 उम्मीदवार करोड़पति हैं. एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ओर से जारी इस रिपोर्ट के अनुसार राज्य की 68 में से 67 सीट पर उम्मीदवार खड़ा करने वाली आम आदमी पार्टी (AAP) के 52 प्रतिशत उम्मीदवार (35) करोड़पति हैं.