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गुजरात चुनाव के पहले चरण में किस्मत आजमाने वाले 10 प्रमुख प्रत्याशियों के बारे में जानें

Gujarat Assembly Election Candidate List: 182 सीट वाली गुजरात विधानसभा के लिए दो चरणों में चुनाव 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को होंगे. जबकि, वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी.

Gujarat Assembly Election 2022: गुजरात विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी समेत सभी प्रमुख सियासी पार्टियां प्रचार अभियान में पूरी ताकत के साथ जुटी है. इसके साथ ही, गुजरात की सत्ता पर 27 साल से काबिज बीजेपी ने अब तक 166 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी है. वहीं, गुजरात चुनाव के लिए आम आदमी पार्टी ने भी अभी तक 174 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है. जबकि, कांग्रेस पार्टी की ओर से अब तक घोषित किए गए उम्मीदवारों की कुल संख्या 89 है.

गुजरात में पहले चरण के लिए 1 दिसंबर को होंगे चुनाव

उल्लेखनीय है कि 182 सीट वाली गुजरात विधानसभा के लिए दो चरणों में चुनाव 1 दिसंबर और 5 दिसंबर को होंगे. जबकि, वोटों की गिनती 8 दिसंबर को होगी. गुजरात के पूर्व मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी, सात बार विधायक रहे कुंवरजी बावलिया, मोरबी के हीरो कांतिलाल अमृतिया, भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा और AAP गुजरात इकाई के चीफ गोपाल इटालिया 1 दिसंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण में किस्मत आजमाने वाले 10 प्रमुख उम्मीदवारों में शामिल हैं.

कांतिलाल अमृतिया (BJP)

बीते दिनों मोरबी हादसे के शिकार पीड़ितों को बचाने के लिए पानी में कूदते हुए वीडियो वायरल होने के बाद अमृतिया अचानक सुर्खियों में आ गए थे. इससे पहले तक राजनीतिक हलकों में उन्हें लगभग भुला दिया गया था. आम लोगों के बीच लोकप्रियता और इस बहादुरी भरे कार्य ने उन्हें मोरबी विधानसभा सीट से बीजेपी का टिकट दिलाने में मदद की. कानाभाई के नाम से मशहूर अमृतिया ने 1995, 1998, 2002, 2007 और 2012 में मोरबी सीट से जीत हासिल की थी. हालांकि, 2017 में वह हार गए थे. 2017 में वह कांग्रेस उम्मीदवार बृजेश मेरजा से हारे थे. बाद में मेरजा बीजेपी में शामिल हो गए थे. मेरजा ने बीजेपी के टिकट पर मोरबी में उपचुनाव लड़ा और फिर से विधानसभा पहुंचे. फिलहाल वह बीजेपी सरकार में मंत्री हैं.

कुवंरजी बावलिया (BJP)

राजकोट की जसदण सीट से 7 बार विधायक रहे बावलिया बीजेपी में शामिल होने से पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता थे. कोली समुदाय के प्रमुख नेता बावलिया कांग्रेस के टिकट पर जसदण से 6 बार चुनाव जीते हैं. वह 2009 में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में राजकोट से लोकसभा चुनाव जीते थे. साल 2017 में जसदण से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने के बाद बावलिया ने 2018 में इस्तीफा दे दिया और बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. उन्हें जल्द तत्कालीन विजय रूपाणी नीत सरकार में मंत्री बनाया गया. बाद में उन्होंने उसी सीट से बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव जीता. बावलिया के खिलाफ कांग्रेस ने कोली नेता भोलाभाई गोहेल को प्रत्याशी बनाया है. गोहेल ने 2012 में कांग्रेस के टिकट पर यह सीट जीती थी. 2017 में जब गोहेल की जगह बावलिया को टिकट दिया गया, तो गोहेल बीजेपी में शामिल हो गए. वहीं, बावलिया के बीजेपी में जाने के बाद 2018 में गोहेल कांग्रेस में लौट गए.

बाबू बोखिरिया (BJP)

मेर समुदाय से ताल्लुक रखने वाले 69 वर्षीय बोखिरिया को बीजेपी ने पोरबंदर सीट से फिर से उम्मीदवार बनाया है. उन्होंने 1995, 1998, 2012 और 2017 में यह सीट जीती थी. 2002 और 2007 में बोखिरिया को उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी और गुजरात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अर्जुन मोढवाडिया ने हराया था. दोनों इस बार भी आमने-सामने हैं.

भगवान बराड़ (BJP)

गिर सोमनाथ जिले के तलाला से कांग्रेस विधायक के रूप में इस्तीफा देने और बीजेपी में शामिल होने के एक दिन बाद बराड़ को उसी सीट से बीजेपी ने टिकट दिया है. भगवान बराड़ अहीर समुदाय के प्रभावशाली नेता हैं. उन्होंने तलाला निर्वाचन क्षेत्र से 2007 और 2017 में भी जीत हासिल की. उनके भाई जशुभाई बराड़ ने 1998 और 2012 में इस सीट का प्रतिनिधित्व किया. तलाला गिर सोमनाथ जिले के चार विधानसभा क्षेत्रों में से एक है. 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी जिले में अपना खाता नहीं खोल सकी थी, क्योंकि कांग्रेस ने चारों सीटों पर जीत हासिल की थी.

पुरुषोत्तम सोलंकी (BJP)

बिगड़ती सेहत के बावजूद बीजेपी ने भावनगर ग्रामीण के मौजूदा विधायक और पूर्व मंत्री पुरुषोत्तम सोलंकी पर एक बार फिर भरोसा जताया है. एक प्रमुख कोली नेता सोलंकी को गुजरात में एक कद्दावर व्यक्ति माना जाता है.

रिवाबा जडेजा (BJP)

बीजेपी ने एक आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए जामनगर उत्तर से भारतीय क्रिकेटर और जामनगर के मूल निवासी रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा को मैदान में उतारा है, जिन्हें राजनीति या चुनाव लड़ने का कोई पूर्व अनुभव नहीं है. बीजेपी ने इस सीट से मौजूदा विधायक धर्मेंद्र सिंह जडेजा को टिकट नहीं दिया है.

परेश धनानी (Congress)

अमरेली से किस्मत आजमा रहे धनानी 2002 में कम उम्र में प्रदेश भाजपा के दिग्गज पुरुषोत्तम रूपाला को हराकर चर्चा में आए थे. हालांकि, वह 2007 में चुनाव हार गए थे. लेकिन, 2012 और 2017 के चुनाव में पाटीदार बहुल इस सीट से उन्हें जीत मिली. वह गुजरात विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भी हैं.

वीरजी थुम्मर (Congress)

अमरेली जिले के लाथी सीट से मौजूदा विधायक वीरजी थुम्मर विपक्षी दल के वरिष्ठ व मुखर नेताओं में से एक हैं. वह कांग्रेस के टिकट पर अमरेली से लोकसभा सदस्य भी रहे हैं.

गोपाल इटालिया (AAP)

युवा नेता गोपाल इटालिया को हाल में गुजरात आम आदमी पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था और अब उन्हें सूरत शहर की पाटीदार बहुल कटारगाम विधानसभा सीट से मैदान में उतारा गया है, जो फिलहाल बीजेपी के कब्जे में है. पाटीदार कोटा आंदोलन के कारण 2017 में बीजेपी के खिलाफ माहौल होने के बावजूद कांग्रेस इस सीट को सत्ताधारी दल से नहीं छीन सकी थी.

अल्पेश कथीरिया (AAP)

हार्दिक पटेल के पूर्व सहयोगी कथीरिया को सूरत शहर में पाटीदार बहुल वराछा रोड सीट से टिकट दिया गया है, जिसका प्रतिनिधित्व फिलहाल बीजेपी के पूर्व मंत्री किशोर कनानी कर रहे हैं. कथीरिया पर हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले पाटीदार आंदोलन के दौरान कथित रूप से लोगों को भड़काने के आरोप में राजद्रोह का मामला चल रहा है.

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