Gujarat, HP Chunav 2022: हिमाचल प्रदेश के साथ ही गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने तारीखों का एलान कर दिया है. गुजरात विधानसभा के 182 सदस्यों का चुनाव करने के लिए 1 और 5 दिसंबर 2022 को मतदान होगा. वहीं, हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए 10 नवंबर को प्रचार थम जाएगा. जबकि, मतदाता 12 नवंबर को अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे 8 दिसंबर को आएंगे. ऐसे में जिम्मेदार मतदाता होने के नाते आपका कर्तव्य बनाना है कि आप जाति, धर्म, पंथ, लिंग, धन और उपहार के आधार पर मतदान करने से बचें. साथ ही एक ऐसे उम्मीदवार का चुनाव करें, जो आपके लिए अच्छा काम करे और प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाने में अपना योगदान दे सके.
– हर चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करें. साथ ही दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें.
– जागरूक मतदाता बनें और अपने उम्मीदवारों के बारे में विवरण एकत्रित करने के साथ ही इसे दूसरों के साथ साझा भी करें.
– विश्वसनीय और स्वच्छ छवि वाले उम्मीदवारों को वोट दें और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए कहें.
– अगर कोई उम्मीदवार आपका वोट खरीदने की कोशिश करता है या आपको धमकाता है, तो उसे बेनकाब करें और चुनाव आयोग को रिपोर्ट भी करें.
– अपने उम्मीदवार के बारे में अधिक जानने के लिए एक माध्यम के रूप में आरटीआई का प्रयोग करें.
– आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को टिकट देना बंद करने के लिए राजनीतिक दलों पर दबाव बढ़ाएं.
– मतदाता जागरूकता अभियानों में सक्रिय रूप से भाग लें और नागरिकों को शिक्षित करने के लिए ऐसी अन्य गतिविधियां में शामिल रहें.
– सोशल मीडिया पर फेक न्यूज फैलाने के पक्षकार न बनें.
– उम्मीदवार द्वारा दिए गए झूठे हलफनामे के खिलाफ कार्रवाई के लिए चुनाव आयोग या सक्षम अदालत से संपर्क करें.
– वोट खरीदने के लिए मतदाताओं को नकद, मुफ्त में शराब बांटना और अन्य तरह के उपहार देना तथा किसी तरह का रिश्वत देना अपराध है.
– पेड न्यूज की प्रथा का सहारा लेना या प्रकाशकों को पैसे देकर समाचार पत्रों और चैनलों में अनुकूल खबरों को प्रकाशित कराना अपराध है.
– बिना किसी उम्मीदवार के विज्ञापन प्रकाशित करना अपराध है. यदि उम्मीदवार को इसके बारे में पता है, तो उसे इसे अपने चुनावी खर्च की घोषणा में अवश्य शामिल करना चाहिए.
– कानून के अनुसार, चुनावी होर्डिंग्स, पोस्टरों पर प्रकाशक एवं मुद्रक के नाम का उल्लेख करना अनिवार्य है.
NOTA या None of the Above विकल्प ने 2013 में छत्तीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और मध्य प्रदेश और दिल्ली विधानसभा चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVMs) में अपनी शुरुआत की. इस विकल्प ने मतदाताओं को विधानसभा या लोकसभा चुनाव लड़ने वाले सभी उम्मीदवारों को अस्वीकार करने का अधिकार प्रदान किया है, यदि मतदाता को लगता है कि कोई भी उम्मीदवार उसके पसंद का नहीं है.
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